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कोरोना संक्रमण के बीच नशीले पदार्थों के सेवन में बढ़त- रिपोर्ट

drug addict india

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नशीली और अवैध दवाईयों की रोकथाम और उसके दुरुपयोग से बचने के लिए यूनाइटेड नेशन ने अपने संकल्प 42/112 के तहत 7 दिसंबर 1987 को संकल्प लिया कि हर वर्ष 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

मादक द्रव्यों के सेवन और मादक पदार्थों की अवैध तस्करी हमारे समाज में एक बुराई है और अधिकांश युवाओं में भटकाव है। नशीली दवाओं की तस्करी एक उद्योग है, जो आमतौर पर निर्मित मांग के एक दुष्चक्र पर काम करती है और फिर आपूर्ति करती है। 

हर वर्ष 26 जून का दिन कार्यक्रम के रूप में लोगों को जागरुक करने और मादक पदार्थों की लत और अवैध तस्करी के खतरों पर ज़ोर देने के लिए दुनियाभर में मनाया जाता है।

नशा एक राष्ट्र के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता के लिए अधिक-से-अधिक समस्याएं पैदा करता है। यह मानवता के लिए एक बड़ी बाधा है और विशेष रूप से युवाओं की भलाई के लिए एक ज़हर, साथ ही राष्ट्र के सतत विकास को भी नुकसान पहुंचाता है।

अंतरराष्ट्रीय ड्रग नियंत्रण की भूमिका

प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो साभार- Getty Images

इसी बात को विचार में रखते हुए ड्रग्स एंड क्राइम (UNODC) आयोग ने संयुक्त राष्ट्र कार्यालय को प्रोत्साहित किया कि वे अधिक समर्पण के साथ अंतर्राष्ट्रीय ड्रग नियंत्रण पर अपना काम करें और सभी सरकारों से अधिकतम संभव वित्तीय और राजनीतिक समर्थन प्रदान करने का आग्रह किया।

अंतरराष्ट्रीय उपक्रमों के अलावा दुनियाभर में कई कार्यक्रमों की मेजबानी करके भी इस दिवस को मनाया जाता है, जो नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कारण के बारे में अधिक भागीदारी और जागरुकता को बढ़ावा देते हैं।

UNODC ने वर्षों से दवा नियंत्रण के लिए सहायता प्रदान करने के अभियानों को शामिल करने हेतु इसको भी सख्ती से शामिल किया है।

अब तक इसे अफगानिस्तान, कोलंबिया, थाईलैंड, उज्बेकिस्तान और वियतनाम आदि की सरकारों से सक्रिय भागीदारी और सकरात्मक प्रतिक्रिया मिली है। राष्ट्रीय सरकारों के अलावा इस आयोजन ने कई देशों में सहायक प्रतिष्ठानों, संगठनों और व्यक्तियों को भी अनुमति दी है, जो प्रचार कार्यक्रमों में नियमित रूप से भाग लेते रहे हैं।

बड़े पैमाने पर गतिविधियां, जैसे कि सार्वजनिक रैलियों और मीडिया की भागीदारी के अलावा अवैध दवाओं से जुड़े खतरों के बारे में जागरुकता को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक रहते हैं।

क्या कहती है संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा जारी रिपोर्ट?

वर्ष 2018 में दुनियाभर में लगभग 269 मिलियन लोगों ने दवाओं का इस्तेमाल किया, जो कि 2009 की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है। जबकि 35 मिलियन से अधिक लोग ड्रग के उपयोग से होने वाले विकारों से पीड़ित हैं, जो आज के ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा जारी की गई रिपोर्ट है।

वार्षिक रिपोर्ट दवा बाज़ार पर COVID-19 के प्रभाव का भी विश्लेषण करती है। जबकि इसके प्रभाव अभी तक पूरी तरह से ज्ञात नहीं हैं। सीमा और महामारी से जुड़े अन्य प्रतिबंध पहले से ही सम्पूर्ण विश्व पर दवाओं की कमी का कारण बने हैं, जिससे कीमतों में वृद्धि के साथ-साथ शुद्धता में कमी आई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती बेरोज़गारी और महामारी के कारण कम अवसरों से भी गरीबों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। जिससे वे नशीली दवाओं के उपयोग के प्रति अधिक असुरक्षित हो जाते हैं और धन कमाने के लिए नशीले पदार्थों की तस्करी और खेती भी कर सकते हैं।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कमज़ोर और हाशिए पर रहने वाले समूह, युवा, महिलाएं और गरीब दवा समस्या के लिए कीमत चुकाते हैं। COVID-19 संकट और आर्थिक मंदी का खतरा ड्रग के खतरों को और भी बढ़ा देता है।

नशीली दवाओं के उपयोग को लेकर जारी आंकड़े

2018 में गांजा और भांग दुनियाभर में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला पदार्थ था। अनुमानित 192 मिलियन लोग दुनियाभर में इसका उपयोग करते हैं। हालांकि, पिछले दशक की तुलना में ओपियोइड (हेरोइन) सबसे अधिक हानिकारक है।

ओपियोइड के उपयोग के विकारों के कारण होने वाली मौतों की संख्या में पुरुषों की 63 प्रतिशत की तुलना में महिलाओं में 92 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 71 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

विकसित देशों की तुलना में 2000-2018 की अवधि में विकासशील देशों में नशीली दवाओं के उपयोग में अधिक तेज़ी से वृद्धि हुई है।

किशोरों और युवा वयस्कों में दवाओं का उपयोग करने वालों की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। जबकि युवा लोग भी दवाओं के प्रभाव के लिए सबसे अधिक असुरक्षित हैं, क्योंकि वे सबसे अधिक उपयोग करते हैं।

शिक्षा का अभाव युवाओं को नशे का आदी बना देता है

शिक्षा की कमी और गरीबी के कारण लोग इसके तस्कर बन जाते हैं। इस महामारी के दौरान लोगों के पास कोई भी काम नहीं होने की वजह से ये लोग नशीले पदार्थ का सेवन कर सकते हैं, जो आने वाले दिनों में और भी घातक सिद्ध हो सकता है।

सफल कदम को आगे बढ़ाने के लिए ज़रूरी है सबको साथ लेकर चला जाए। हर किसी को जागरुकता अभियान के लिए प्रेरित करें।

उनको बताएं कि नशीले पदार्थों का सेवन कितना हानिकारक है। आपकी बातों से कोई एक भी जागरुक हो गया तो समझिए आपने समाज के उद्धार के लिए एक सफलता हासिल कर ली है।


संदर्भ- यूनाइटेड नेशन्स

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