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Sushant Singh Rajput-Why?

आया था अनजान शहर में,
लेकिन खुद की एक अलग पहचान बनाई,
इतनी छोटी सी जिंदगी में
निभाए मैंने बहुत किरदार,
लेकिन मेरी कहानी खत्म करके
मेरी मौत ही मेरी गुनहगार हो गयी।

Dear,

SUSHANT SINGH RAJPUT
कहते हैं शुरुआत कैसे भी हो लेकिन हमारी कहानी का अंत याद रखने और सीखने लायक होना चाहिए। आप की कहानी का अंत याद तो रहेगा, लेकिन सीख नहीं दे पाया सुशांत सिंह राजपूत।
मात्र 16 साल की उम्र में आपने अपनी मां को खो दिया लेकिन पढ़ाई में मेहनत करी और पटना से दिल्ली आ गए। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते-करते जिंदगी आपको अभिनय में ले आई।
आपकी पहली फिल्म “Kai Po Che” मेंआपका किरदार ईशान सिखाता है कि अगर आपका सपना परिस्थितियों की वजह से पूरा नहीं हो पाता और अगर आपके सपनों की झलक किसी ओर में नजर आती है तो उसके सपनों को हकीकत में बदलो,आपको बहुत खुशी मिलेगी।
मेरी फेवरेट फिल्म “MS DHONI- The Untold Story में आपने क्या नहीं सिखाया, आपने सिखाया कि जिंदगी में अपने सपने को पूरा करने के लिए आपको ठोकरें, आलोचना, फटकार सब मिलेंगी लेकिन आपको जो चाहिए वो है दृढ़ निश्चय एवं साहस।
धोनी ने भी बहुत संघर्ष किया और आपने भी किया। तो फिर ऐसी कौन सी मुसीबत आ गई थी जिसका आपको हल ही नहीं मिला या आप उसे सुलझाना ही नहीं चाहते थे।
फिल्म “छिछोरे” में आपने खुद ही कहा था कि, “Suicide is not the solution of any problem”. आपने जब रील लाइफ में हम सबको जिस अंधकार में जाने से रोकने की सीख दी आप खुद ही उस अंधकार में क्यों और कैसे चले गए।
“आत्महत्या वह पाप है जिसमें इंसान खुद स्वयं अपनी आत्मा की हत्या करता है।”
आपने क्या सोचा कि मरने के बाद सब आपको भूल जाएंगे या माफ कर देंगे।नहीं जनाब,
आप तो वह प्रश्न चिन्ह छोड़ गए जिसका जवाब लोग खुद अपने विवेक से बतलाएंगे जिसका आपकी जिंदगी से कोई लेना देना होगा भी और नहीं भी।
मैं आपको सिर्फ एक अभिनेता के रूप में याद रखूंगा ना कि इंसान के रूप में क्योंकि इंसान तो सबसे ज्यादा बुद्धिमानी जीव है इस धरती पर और आप भी बहुत बुद्धिमान है तो आपने क्यों हथियार डाल दिए ?सामना क्यों नहीं किया उस समस्या का जिसने आपकी आत्मा को ही निगल लिया।
आप तो वो चिराग हैं जो हमें रोशन करते- करते हैं खुद बुझ गया।
आप तो वो सितारा हैं जो पहले धरती पर लेकिन अब आसमान में चमकेगा।
#RIP
#SushantSinghRajput

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