हर साल की तरह इस साल भी वर्ल्ड ब्लड डोनर डे 14 जून को मनाया जाएगा। हर बार तो एक देश को होस्ट के रूप में चुना जाता था, जहां इस दिन विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम किए जाते हैं, जैसे- अखबारों में लेख छपना, कोन्फ्रेंस का आयोजन होना, डिबेट कार्यक्रमों का होना, टी.वी. कार्यक्रम तैयार करना, जनता के साथ बात-चीत करना, थीम पर आधारित कहानियों के बारे में लोगों को बताना और भी बहुत कुछ।
खैर, इस साल पूरा विश्व कोरोना महामारी का सामना कर रहा है, इसलिए इस साल डब्लयू.एच.ओ. यानी स्वास्थ्य संगठन केवल एक वर्चुअल कैंपेन कर रहा है। इस साल के वर्ल्ड ब्लड डोनर डे की थीम “सेफ ब्लड सेव लाइव्स” और स्लोगन “रक्तदान करो और विश्व को एक स्वस्थ स्थान बनाओ” है।
क्या है वर्ल्ड ब्लड डोनर डे का इतिहास
साल 2004 से लगातार यह दिवस पूरे विश्व में मनाया जा रहा है। साल 2004 के मई महीने में डब्लयू.एच.ओ. के 58वीं हेल्थ असेंब्ली में इस दिवस को मनाए जाने का निर्णय लिया गया। डब्लयू.एच.ओ. के 192 स्टेस्ट सदस्यों द्वारा इस प्रस्ताव को पारित किया गया। इस दिवस को 14 जून को ही मनाए जाने के पीछे एक बड़ा कारण है।
दरअसल 14 जून को कार्ल लैंडस्टीनर का जन्मदिन होता है जो एक वैज्ञानिक थे। कार्ल लैंडस्टीनर को ABO ब्लड ग्रुप सिस्टम की खोज करने के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। कार्ल लैंडस्टीनर का जन्म 14 जून 1868 में हुआ था, इसलिए वर्ल्ड ब्लड डोनर डे भी इसी दिन मनाया जाता है।
वर्ल्ड ब्लड डोनर डे डब्लयू.एच.ओ. के उन 8 आधिकारिक कैंपेनों का हिस्सा है जिन्हें डब्लयू.एच.ओ हेल्थ कैंपेंन के रूप में चला रहा है। इस दिवस के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन वर्ल्ड हेल्थ डे, वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे, वर्ल्ड इम्यूनाइजेशन वीक, वर्ल्ड मलेरिया डे, वर्ल्ड तंबाकू डे, वर्ल्ड हैपीटाइटिस डे और वर्ल्ड ऐड्स डे भी मनाता है।
वर्ल्ड ब्लड डोनर डे का क्या है उद्देश्य
डब्लयू.एच.ओ. के इस कैंपेन के माध्यम से हर साल करोड़ से भी ज़्यादा लोगों की जानें बचाई जाती हैं। इस कैंपेन के माध्यम से उन लोगों को समय पर रक्त उपलब्ध कराया जाता है जो खतरनाक बिमारियों से ग्रसित हैं और उनकी ज़िंदगियां बचाने के लिए एक स्वस्थ रक्तदाता की आवश्यकता है।
यह कैंपेन उन लोगों को एक लंबी, स्वस्थ और अच्छी ज़िंदगी जीने का अवसर प्रदान करता है जो जानलेवा बिमारियों के शिकार हैं। हर साल तकरीबन 800 महिलाओं की जानें केवल इसलिए चली जाती हैं क्योंकि बच्चे को जन्म देते हुए बहुत ज़्यादा रक्तस्राव हो जाता है। ऐसे में, यह कैंपेन इन महिलाओं के लिए एक संजीवनी बूटी साबित हो सकता है।
कौन-सी संस्थाएं कराती हैं वर्ल्ड ब्लड डोनर डे का आयोजन
वर्ल्ड ब्लड डोनर डे वाले दिन होने वाले सभी कार्यक्रमों को चार हेल्थ केयर संस्थाएं संभालती हैं। इनमें स्वयं डब्लयू.एच.ओ. (द फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंडरेड क्रिसेंट सोसाइटीज), द इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लड डोनर ऑर्गनाइजेशन और इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ब्लड शामिल हैं। साथ ही कांउसिल ऑफ यूरोप इस दिन होने वाले सभी कार्यक्रमों की तैयारियां करता है।
इस दिवस का आयोजन रक्तदान के प्रति जागरुकता लाने के लिए किया जाता है। डब्लयू.एच.ओ. का उद्देश्य है कि 2020 तक सभी देशों में ऐसे लोगों की पर्याप्त संख्या हो जो बिना किसी पैसे के रक्तदान करने के लिए तैयार हों। यानी ज़रूरत पड़ने पर केवल परिवारजनों पर ही रक्तदान के लिए आश्रित ना रहना पड़े। साथ ही उन लोगों का भी इस दिन धन्यवाद किया जाता है जिन्होंने ज़रूरत पड़ने पर रक्तदान किया हो।
क्यों ज़रूरी है रक्तदान
हर साल लाखों लोगों की जानें केवल इसलिए चली जाती हैं क्योंकि उनको सही समय पर उनके ब्लड ग्रुप का खून नहीं मिल पाता है, या फिर किसी के पास इतने पैसे ही नहीं होते कि वो ब्लड बैंक से खून खरीद सकें। कभी-कभी तो ब्लड बैंक के पास भी खून नहीं होता। ऐसे में, या तो मरीज़ को एक लंबी लड़ाई लड़नी पड़ती है या फिर उसकी मौत हो जाती है।
किसी की जान एक्सीडेंट में चली जाती है, कोई मां बच्चे को जन्म देते हुए अपना दम तोड़ देती है, किसी की जान कोई जानलेवा बिमारी ले लेती है। पूरे विश्व में आज भी लोगों को ज़रूरत पड़ने पर रक्तदान के लिए या तो अपने परिवारजनों पर या किसी ऐसे रक्तदाता पर निर्भर रहना पड़ता है जो पैसे लेकर रक्तदान करता हो।
रक्तदान की आवश्यकता सिर्फ इसलिए ही है कि सही समय पर लोगों को रक्त उपलब्ध कराया जा सके वो भी किसी ऐसे व्यक्ति से जो अपनी स्वेच्छा से यह काम कर रहा हो।
यदि एक देश में ऐसे लोगों की पर्याप्त संख्या हो जो स्वेच्छा से बिना कुछ मांग किए रक्तदान करने को तैयार हों, तो ना जाने कितनें लोगों की ज़िंदगी बचाई जा सकती है। कितने ही लोग एक लंबी और स्वस्थ ज़िंदगी जी सकते हैं। इसलिए रक्तदान करना एक पुण्य का काम बताया गया है जिसे अंग्रेजी में ‘गिफ्ट ऑफ लाइफ’ भी कहा जाता है। किसी को ज़िंदगी का तोहफा देना तो बहुत ही साहसी और सहराहनीय काम है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
रक्तदान क्यों ज़रूरी है?
रक्तदान की आवश्यकता इसलिए है ताकि सही समय पर हम उन लोगों की जान बचा सकें जिनकी जान केवल रक्त सही समय पर ना मिल पाने के कारण हो जाती है, जैसे गर्भवती महिलाएं, आदि। इसलिए रक्तदान को ‘Gift of life’ कहा जाता है।
2020 के वर्ल्ड ब्लड डोनर डे की थीम क्या है?
इस साल के वर्ल्ड ब्लड डोनर डे की थीम ‘Safe blood Save Lives’ है।
ब्लड कौन डोनेट कर सकता है?
18 वर्ष की आयु के बाद कोई भी व्यक्ति रक्तदार कर सकता है लेकिन उसके लिए उसे शारिरीक रूप से स्वस्थ होना भी ज़रूरी है। कोई भी बीमार व्यक्ति या ऐसा व्यक्ति जो किसी बिमारी की दवाई ले रहा हो वो रक्तदान नहीं कर सकता है।
यदि आप जुखाम की दवाई भी ले रहे हैं तब भी आप रक्तदान नहीं कर सकते हैं। आपको एड्स या हैपिटाइटिस जैसी बिमारियां हैं तब भी आप रक्तदान नहीं कर सकते हैं। रक्तदान करने के लिए आपका पूर्ण रूप से स्वस्थ होना ज़रूरी है।
कौन-सा ब्लड ग्रुप यूनिवर्सल डोनर कहलाता है?
O ब्लड ग्रुप वाले लोग किसी भी ब्लड ग्रुप के लोगों को खून दे सकते हैं। O ब्लड ग्रुप के लोग A+, B+, A-, B-, AB+ और AB- को अपना रक्तदान कर सकते हैं। इसलिए इस ब्लड ग्रुप को यूनीवर्सल डोनर यानी रक्तदाता कहा जा सकता है।
सबसे रेयर ब्लड ग्रुप कौन-सा होता है?
AB- ब्लड ग्रुप सबसे रेयर ब्लड ग्रुप होता है। ऐसा कहा जाता है कि विश्व में केवल एक प्रतिशत लोगों का ही ब्लड ग्रुप AB- होता है इसलिए यह सबसे रेयर ब्लड ग्रुप होता है।
वर्ल्ड ब्लड डोनर डे पर आधारित कुछ स्लोगन
कतरा कतरा खून का, जीवन की रसधार
खून अपना दे कर करो, प्राणों का संचार
रक्त बिना नहीं जी सके, इक दिन भी इन्सान
रक्त से अपने कीजिये, यारों जीवन दान
रक्तदान इक फर्ज़ है, रक्तदान इक धर्म
रक्तदान है दोस्तों, सबसे पावन कर्म
मानवता के मंच से, कर दो यह ऐलान
समय-समय पर हम सभी, रक्त करेंगे दान
कुछ इस तरह से वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया जाता है।