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कोरोना और वो पत्नी जिसे पति की लाश छोड़ जाना पड़ा

कोरोना एक विश्वव्यापी महामारी जिससे विश्व के बड़े विकसित देश बुरी तरह प्रभावित हुए है , जब ये देश इस महामारी से नित मृत्यु के भयावह आँकड़े दिखा रहे थे वही भारत में लॉक डाउन लगा हुआ था , गरीबों को भोजन की चिंता होने लगी , दैनिक मजदूरी वाले परेशान होने लगे , और शुरू हुआ लापरवाही का सिलसिला ,,, प्रशासन और जनता दोनो लापरवाह परिणाम 10 लाख का आँकड़ा छूने को भारत तैयार है ,,,
अब बात करते है बिहार के भागलपुर की जहाँ मानवता तो शर्मसार हुई ही प्रशासन का असली चेहरा भी दिखा ,,
वो भागलपुर विश्वविद्यालय का कर्मचारी था कोरोना के वजह से उसकी जान चली गयी जब उनके परिवार से उसकी पत्नी और बच्चे आये और लाश को अंतिम संस्कार के लिए शमशान लाया गया तो वहाँ शमशान के तथाकथित स्वामियों ने डेढ़ लाख रुपये की मांग की स्थानीय पुलिस को बुलाया गया वो लोग टस से मस नही हुए पुलिस का उनपे कोई प्रभाव नही पड़ा उस महिला के पास चालीस हज़ार रुपये थे वो सारे रुपये देने को तैयार थी वो गिड़गिड़ाई रोई पर उनलोगों ने शमशान में प्रवेश नही करने दिया रात से सुबह हो गयी वो पत्नी अपने पति की लाश को वापस अस्पताल में छोड़ कर चली गयी शायद ही कोई कल्पना कर सके की उस औरत पर क्या बीती होगी ,, आश्चर्यजनक बात ये है की कौन है ये तथाकथित शमशान के स्वामी और पुलिस असहाय क्यों । निगम ने स्वचालित शमशान घर बन्द कर दिए , पुलिस मदद कर नही रही सिर्फ मूक दर्शन बनी है , लोग मनमानी कर रहे है हो सकता है ये सबकी मिली भगत हो ।
किंतु ये घटना सोचने पर मजबूर कर रही है की लोग किस कदर गिरते जा रहे है ।

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