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वीडियो: संगीत की धुन पर थिरकते दिखे कर्नाटका के कोविड सेंटर के मरीज़

पिछले 24 घंटों में 45 हज़ार से भी अधिक मामलों के साथ भारत का कोरोना वायरस संक्रमण का आंकड़ा 11 लाख के पार कर गया। कोरोना संक्रमण को लेकर जहां हर तरफ नकारात्मक माहौल है, वहीं कर्नाटका से एक सुखद खबर आई है।

जी हां, कर्नाटका के बेल्लारी ज़िले में स्थिति कोविड-19 केयर सेंटर में कोरोना मरीज़ डांस करते हुए नज़र आते हैं। जहां हर तरफ कोरोना को लेकर डराने वाली खबरें सुनने को मिलती हैं, उसी बीच यह एक ऐसी खबर है, जो ना सिर्फ कोरोना मरीज़ों के अंदर फैले डर को कम करती हैं, बल्कि उनका आत्मबल भी बढ़ाती हैं।

वैसे ये बेहद सकारात्मक कदम है इस बीमारी से लड़ने के लिए। ऐसी पहल हर राज्य में होनी चाहिए, जहां मरीज़ टेंशन फ्री होकर बाकी मरीज़ों के साथ मस्ती करके अपना समय काट सके। जो फंड्स आ रहे हैं कोविड के नाम पर अलग अलग जगहों पर, उन्हें इस रुप में क्यों यूज़ नहीं किया जा रहा है? क्या हमारे समाज में मेंटल हेल्थ की कोई जगह नहीं है?

रोज़ाना कोरोना के मरीज़ों की संख्या में भारी इज़ाफा होते दिख रहा है, जिस कारण अस्पतालों में बेड की कमी भी देखने को मिल रही है। ऐसे में यदि सभी राज्यों में ऐसी पहल की जाएगी, तो ज़ाहिर तौर पर कोरोना के मामलों में कमी देखी जाएगी।

मरीज़ पहले से ही कोरोना पॉज़िटिव हैं, अब उन्हें ‘Be Positive’ करने रखने के लिए हमें कोशिश करनी होगी। उनके मन से कोरोना के खौफ को खत्म करने की ज़रूरत है। एक-दूसरे के साथ थिरकते और मौज-मस्ती करते हुए कोरोना मरीज़ जल्द-से-जल्द ठीक हो सकते हैं। जब मरीज़ एक-दूसरे के साथ एन्जॉय करेंगे तो कुछ समय के लिए खुद ही अपनी बीमारी को भूल जाएंगे।

खुशनुमा माहौल और कुछ लोगों का साथ बड़ी से बड़ी बीमारी को हराने में मददगार साबित हो सकता है। नहीं तो अकेले अस्पताल के कोने में पड़े मरीज़ वैसे भी खुद को हारा हुआ समझते हैं। कोरोना की बीमारी से ज़्यादा उनको सोच की बीमारी परेशान कर देती है।

ऐसे सुस्त माहौल की वजह से मरीज़ डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। ना कोई आसपास बातचीत करने वाला, ना ही कोई हालचाल लेने वाला। नृत्य, मरीज़ों में नई ऊर्जा भरने, इस बीमारी से लड़ने और जल्दी स्वस्थ होने में मददगार साबित हो सकते हैं।

ऐसे मरीज़ जी भरके थिरकने के बाद वापस घर जाने पर लोगों से अपने यादगार Quarantine Days की बातें ज़रूर शेयर करेंगे।

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