मुम्बई का धारावी कई वजहों से सुर्खियों में आता रहा है। फिर चाहे फिल्मी जगत में इसकी पृष्ठभूमि पर बनी फिल्में हों या ऑस्कर में शामिल की गई स्लमडॉग मिलेनियर लेकिन हाल ही में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से यह सुर्खियों में है।
WHO ने की धारावी की तारीफ
अभी हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के चीफ टेड्रोस एडनॉम गेब्रेयेसस ने धारावी में बढ़ते मामलों पर जिस तरह कंट्रोल किया गया उसकी तारीफ की है।
गौरतलब है कि मार्च-अप्रैल में धारावी में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे थे लेकिन अब यहां स्थिति नियंत्रण में है और फिलहाल यहां केवल 113 एक्टिव केस रह गए है। धारावी मुम्बई मनपा के उत्तर वार्ड का एक हिस्सा है। इसके अंतर्गत ही दादर और माहिम भी आते हैं।
मनपा आयुक्त किरण दीघावकर के अनुसार, “हमने ‘चेस द वायरस’ इस लक्ष्य पर काम किया और फोर ट्री फॉर्मूले को अपनाया। ट्रेसिंग, ट्रेकिंग, टेस्टिंग, ट्रीटिंग के काम पर जोर दिया।”
धारावी है घनी आबादी वाला इलाका
वे आगे कहते हैं कि धारावी में कोरोना को रोकना बहुत बड़ी चुनौती थी, क्योंकि धारावी की आबादी 2,27,136 प्रति किमी है। वहीं यह 2.5 किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां की गलियां बहुत संकरी हैं। साथ ही यहां ग्राउंड प्लस वन, ग्राउंड प्लस टू, ग्राउंड प्लस थ्री में इमारतें हैं।
धारावी की 80 प्रतिशत आबादी 450 सामुदायिक शौचालयों का इस्तेमाल करती है। वहीं यहां 100 वर्ग फीट की झुगिय्यां हैं जिनमें 8-10 लोग रहते हैं। गलियां बहुत संकरी हैं जिससे होम क्वारंटाइन सम्भव नहीं हो सकता था।
इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए मनपा अधिकारियों ने यहां डॉक्टर की मदद से फोर ट्री फॉर्मूला अपनाया, जिसके तहत 47,500 घरों में रहने वाले लोगों के टेस्ट किए गए। इसके अलावा 14,970 लोगों की स्क्रीनिंग मेडिकल मोबाइल वैन में की गई और ऐसे ही धारावी के करीब 3.6 लाख लोगों की टेस्टिंग भी की गई। जिसमें 8,246 बुजुर्ग भी शामिल थे।
दीघावकर आगे बताते हैं कि यहां 200 बेड का अस्पताल बनाया गया है। वहीं यहां के सभी स्कूल, मैरिज हॉल और स्पोर्ट्स कॉम्लेक्स को क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील किया गया।
संदिग्धों की पहचान कर उन्हें कम्युनिटी से अलग यहीं रखा गया। प्राइवेट डॉक्टर्स की भी मदद ली गई उन्हें आने वाले सभी मरीजों की जांच करने को कहा गया। साथ ही संदिग्धों की सूचना तुरन्त मनपा को देने को कहा गया।
संक्रमण की ग्रोथ रेट हुई धीरे-धारे कम
धारावी में जुलाई का ग्रोथ रेट औसत 0.38 प्रतिशत हो गया है जो कि जून में महीने में 12 प्रतिशत था। वहीं अप्रैल में संक्रमितों की संख्या बढ़कर डबल हो गयी थी। मई में रोज़ ही 43 मरीज़ आ रहे थे। वहीं जुलाई में यह संख्या सिमटकर 8 रह गयी है। वहीं, धारावी में संक्रमितों के ठीक होने का प्रतिशत भी बढ़ा है। पहले ठीक होने का प्रतिशत 33 था जबकि अब यह प्रतिशत 74 हो गया है।
धारावी में कोरोना नियंत्रण में धारावी मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन ने बड़ी भूमिका निभाई। एसोसिएशन के सचिव डॉ. रमेश जैन ने बताया कि हमारे संगठन से 1250 डॉक्टर जुड़े हुए हैं, हमारे डॉक्टरों ने भी 5 टीम बनाई।
जिन्होंने मुंबई मनपा के डॉक्टर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ मिलकर 13 हज़ार से अधिक लोगों का प्राथमिक टेस्ट किया। जिसमें 100 से अधिक संदिग्ध मरीज पाए गए, जिन्हें कोरोना टेस्ट कराने की सलाह दी गई। इस तरह धारावी और आस-पास के इलाके के स्थानीय डॉक्टरों की टीम ने भी कोरोना को कंट्रोल किया। वहीं, धारावी में कोरोना के चलते लगभग डेढ़ लाख लोग पलायन कर गाँव चले गए।
दीघावकर बताते हैं, “धारावी की जनसंख्या 8.5 लाख है। इनमें से 69 हज़ार लोग पुलिस की मदद से श्रमिक ट्रेन से बाक़ी 65-70 हज़ार लोग अन्य वाहनों से अपने घर पहुंचे हैं।” वहीं, नेता प्रतिपक्ष रवि राजा कहते हैं कि धारावी में कंट्रोल की एक वजह बहुत से लोगों का वापस चले जाना भी है।
धारावी में संक्रमण पर नियंत्रण एक सकारात्मक बात
धारावी जैसा इलाका जो कि इतनी ज़्यादा जनसंख्या घनत्व वाला है। वहां से इस तरह की खबर आना और उस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन का शाबाशी देना बेहद प्रशंसनीय है।
एक ऐसा इलाका जहां प्रति किलोमीटर पर 2 लाख से ज़्यादा लोग रहते हों, हर 100 मीटर पर एक घर हो। यदि ऐसे इलाके में कोरोना को रोका जा सकता है, तब भारत के किसी भी हिस्से में एक सही रणनीति और इस तरह के स्प्ष्ट निर्णयों से कोरोना की चेन के ब्रेककर इसे को पछाड़ा जा सकता है। उम्मीद है ऐसीं खबरें आती रहें।