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कोरोना से जुड़ी WHO की वो बातें जिन्हें ज़रूर जानना चाहिए

WHO on corona virus

WHO on corona virus

संपूर्ण विश्व की चुनौतियों से निपटने के लिए कई वैश्विक स्तर पर संगठनों का गठन किया गया है। संकटकाल में इन संगठनों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। वर्तमान में मानव समाज कोरोना वायरस नाम की वैश्विक महामारी की जद में है।

ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका अति महत्वपूर्ण हो जाती है। कोरोना संक्रमण काल में विश्व स्वास्थ्य संगठन कई तरह के बचाव के उपाय, दिशा निर्देश जारी कर रहा है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन के वो बड़े बयान जो आपकों ज़रूर जानने चाहिए।

“हो सकता है कभी खत्म ना हो कोरोना वायरस”

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने विश्व भर को कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सतर्क करते हुए कहा है कि ऐसा भी हो सकता है कि कोरोनावायरस कभी खत्म ही ना हो।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपातकालीन मसलों के निदेशक माइकल रयान ने जेनेवा में हुई एक वर्चुएल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि कोरोना हमारे बीच क्षेत्र विशेष का एक अन्य वायरस बन सकता है और संभव है कि यह कभी खत्म ही ना हो।

इसके लिए उन्होंने एचआईवी का उदाहरण दिया और कहा कि जैसे यह वायरस आज भी खत्म नहीं हुआ है। उनके मुताबिक वैक्सीन के बिना आम लोगों को इस बीमारी को लेकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में एक बहुत लंबा वक्त लग सकता है।

डब्ल्यूएचओ ने की धारावी मॉडल की तारीफ

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्तियों में से एक मुंबई के धारावी में कोरोना वायरस से बचाव के लिए हुए प्रयासों की तारीफ की है। जून के महीने में हॉट-स्पॉट बन चुके धारावी में इस महीने यानी जुलाई में संक्रमण के मामलों में भारी गिरावट आई है।

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडहानम गेब्रेयेसेस ने इटली, स्पेन और साउथ कोरिया के कुछ इलाकों का ज़िक्र करते हुए धारावी का भी नाम लिया और कहा कि इन इलाकों ने दिखा दिया है कि अगर आक्रामक होकर लड़ा जाए, तो कोरोना वायरस पर जीत पाई जा सकती है।

जेनेवा में हुई एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए टेड्रोस का कहना था, “बीते छह हफ्तों में इन इलाकों में कोरोना संक्रमण के मामले दोगुने हो सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह उदाहरण बताते हैं कि किसी भी भयानक आपदा को भी सही रणनीति के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है। लोगों की आपसी मदद, टेस्टिंग, संक्रमितों की ट्रेसिंग, आइसोलेशन और सही समय पर इलाज के ज़रिए इस महामारी के फैलाव को रोका जा सकता है।”

प्रतीकात्मक तस्वीर

आगे और भी ज़्यादा खराब हो सकती है स्थिति

13 जुलाई को स्वीट्ज़रलैंड के जिनेवा में हुई प्रेस वार्ता में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉ. टेड्रोस ने कहा कि दुनिया भर के देश जिस तरह से महामारी से निपटने की कोशिश कर रहे हैं उससे लोगों के भरोसे में कमी आई है।

उन्होंने इसे मानव जाति का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए कहा, ”कोरोना वायरस अब भी लोगों का नंबर वन दुश्मन है लेकिन दुनिया भर की कई सरकारें इसे लेकर जो कदम उठा रही हैं, उससे यह नहीं प्रतीत होता है कि वे कोरोना संक्रमण को एक गंभीर खतरे की तरह ले रही हैं।”

भविष्य के लिए चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में ऐसा नहीं लगता है कि सब पहले की तरह सामान्य हो पाएगा। डब्ल्यूएचओ के अनुसार,

“अगर बुनियादी बातों को ध्यान में नहीं रखा गया तो एक ही विकल्प है कि कोरोना नहीं थमेगा और बढ़ता ही जाएगा। यह बद से बदतर होता जाएगा।” 

प्रतीकात्मक तस्वीर

कोरोना के सबसे पहले मामले को लेकर क्या कहा?

डब्ल्यूएचओ ने इससे पहले कहा था कि पिछले साल यानी 31 दिसम्बर 2019 को चीन ने कोरोना के पहले मामले की जानकारी दी थी, लेकिन हाल ही में डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर जो महामारी की टाइमलाइन अपडेट हुई है उससे विवाद खड़ा हो गया है।

वर्तमान टाइमलाइन के अनुसार, अब डब्ल्यूएचओ का कहना है कि चीन में हमारे कंट्री ऑफिस को मीडिया से वुहान के पहले मामले की जानकारी मिली। मीडिया में वुहान नगरपालिका स्वास्थ्य आयोग के हवाले से आई खबरों से ‘वायरल नियोनिया’ के बारे में पता चला था।

टाइमलाइन में स्पष्ट किया गया है कि चीन ने आधिकारिक तौर पर 31 दिसम्बर 2019 को डब्ल्यूएचओ को इसकी कोई जानकारी नहीं दी। गौरतलब है कि वैश्विक महामारी कोरोनावायरस को लेकर डब्ल्यूएचओ ने पहली टाइमलाइन 9 अप्रैल को जारी की थी। इसमें उसने सिर्फ इतना कहा था कि चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर के स्वास्थ्य आयोग ने 31 दिसंबर को निमोनिया के मामलों की जानकारी दी थी।

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