सोशल मीडिया पर बीते दिनों एक फोटो वायरल हो रही थी। फोटो कश्मीर की थी। जिसमें एक छोटा बच्चा था। एक बूढ़ा आदमी खून से लतपथ सड़क पर मृत पड़ा था और बच्चा उसके सीने पर बैठा रो रहा था।
क्या है मामला?
बीते दिनों जम्मू कश्मीर के सोपोर में आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफीले पर हमला कर दिया था। हमले के बाद हुए एनकाउंटर में एक आम आदमी को भी गोली लग गई जो कि अपने पोते को घूमाने निकला था।
गोली लगने से उस बूढ़े व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई और छोटा बच्चा अपने दादा को सड़क पर लेटा देख उनके सीने पर बैठकर रोने लगा। यह दृश्य फोटो में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा।इस फोटो के वायरल होने के पीछे कारण क्या है?
दरअसल इस घटना के बाद संबित्र पात्रा ने अपने ट्वीटर हैंडल पर इस तस्वीर को शेयर किया था जिसका कैप्शन था “पुलित्ज़र लवर्स…?” उनके इस ट्वीट पर बवाल मच गया।
इसके बाद से उनके इस ट्वीट को असंवेदनशील बताते हुए इसकी काफी निंदा भी हुई और देखते-ही-देखते यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी।
यहां पुलित्जर की बात क्यों कही गई है?
इसी साल 4 मई को कश्मीर के तीन फोटो जर्नलिस्ट मुख्तार खान, यासीन डार और चुन्नी आनंद को पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। पुलित्ज़र पुरस्कार पत्रकारिता का सबसे सम्मानित और प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है।
इन्हें यह पुरस्कार कश्मीर में 370 हटाने के दौरान की गई फोटोग्राफी के लिए मिला था। इसका कुछ दक्षिणपंथी विचारकों ने यह कहकर विरोध किया कि घाटी की गलत तस्वीरें दिखाने वालों को सम्मानित क्यों किया जा रहा है? संबित्र पात्रा ने अपने ट्वीट में इसी का ज़िक्र करते हुए तंज कसा था।
इसपर बवाल क्यों मचा पड़ा है?
अब बात आती है कि इस पर इतना बवाल क्यों मचा पड़ा है? दरअसल संबित्र पात्रा ने जिस फोटो को शेयर करते हुए यह तंज कसा है वो पूरी तरह से अमानवीय और असंवेदनशील है।
इस फोटो को शेयर करते हुए ये भूल गए कि जिसपर वह यह बात लिख रहे हैं वह कोई राजनीतिक बहस का मुद्दा नहीं था, बल्कि कश्मीर में हुए आतंकी हमले और उसकी वजह से पैदा हुई स्थिति को बयां करती एक तस्वीर थी।
इसे संबित पात्रा ने अपने दो शब्दों के माध्यम से जिहाद से जोड़ दिया। जो कहीं-न-कहीं उनके अंदर रची बसी धर्म की राजनीति को बयान करता है।
लोगों ने की अपनी नाराज़गी ज़ाहिर
संबित्र पात्रा की इस करनी के बाद तमाम बड़ी हस्तियों ने उनके ट्वीट का जवाब देते हुए खासी नाराजगी जताई है। इसमें बॉलीवुड एक्टरेस दिया मिर्जा और सिंगर विशाल ददलानी भी शामिल हैं।
Yes Madam I have EMPATHY ..for my forces ..for Every Indian Citizen irrespective of their religion..
Unlike you whose Empathy is selective
Remember I am not a Selective Placard holder
BTW I am your fan and would love to see you with a Placard condemning pak sponsored Jihad today https://t.co/7fE33l1Dmr— Sambit Patra (@sambitswaraj) July 1, 2020
उनकी ट्वीटर पर हुई बहस को देखेंगे तो पाएंगे की दोनों कलाकार उनको बार-बार उनकी इस अमानवीयता के लिए टोक रहे थे जबकि संबित हर बात को राजनीति और जिहाद से जोड़ रहे थे।
विसाल जी ?
सच्चाई बोलने पर आप को मेरी सोच घिनौनी लगती है
काश इतनी ही घिनोनी आपको “जिहाद” भी लगता … https://t.co/FPp1mo1cOl— Sambit Patra (@sambitswaraj) July 1, 2020
सीधे शब्दों में कहें तो वह खुदको सही ठहराने की कोशिश कर रहे थे लेकिन सच तो यही है की उनका यह ट्वीट अमानवीयता को दर्शाता है। इसका विरोध होना लाज़मी है।
अब बस भी करो नेता जी
इसमें कोई दो राय नहीं कि कश्मीर का मुद्दा हमेशा विवादित रहा है। शायद यह कहना गलत नहीं होगा कि जब भी कश्मीर का मुद्दा आता है तो हमारे नेता किसी-न-किसी राजनीतिक वजह या बहस में उसे घसीट ही लेते हैं।
ऐसा करते हुए वे बार-बार मानवीयता का गला घोंटते रहते हैं और इस बार भी यहीं किया गया है। ऐसे में नेताओं से यही कहना है कि अब बस भी करो नेता जी। राजनीति को राजनीति तक रहने दो क्योंकि आज इंसानों को राजनीति से ज़्यादा मानवता और मानवीयता की ज़रूरत है।