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सुशांत के लिए न्याय की बात करती कंगना ने खुद काटे हैं इन एक्टर्स के रोल

सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या ने बॉलीवुड में तहलका मचा कर रख दिया है। एक-एक करके कई लोगों ने नेपोटिज़्म के खिलाफ बोला है। हालांकि हिंन्दी सिनेमा में नेपोटिज़्म शब्द ने सबसे ज़्यादा सुर्खियां तब बटोरी थीं, जब कंगना रनौत ने इसके ऊपर ‘कौफी विद करण’ के करण जौहर के ऊपर धावा बोला था।

अभिनेत्री कंगना रनौत

सुशांत के खुदखुशी को कंगना ने सीधा मर्डर करार किया। कंगाना ने कहा कि यह खुदखुशी नहीं, बल्कि एक मर्डर है। मैं यह साबित करके रहूंगी और अगर नहीं कर पाई तो अपना पदमश्री आवार्ड वापस कर दूंगी।

आलिया भट्ट को कहा चिल्लर

हाल में ही रिपब्लिक टीवी के साथ कंगना का एक इंटरव्यू हुआ जिसमें उन्होंने सिर्फ सुशांत पर ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड से जुड़े तमाम खुलासे किए। जहां उनकी कुछ बातें बिल्कुल सही थीं, तो कहीं-कहीं उनकी बातों से ऐसा भी लगा कि उन्हें बॉलीवुड में हर किसी से ही दिक्कत है।

यहां तक कि वो रणवीर सिंह के भी पीछे पड़ी हुई हैं। रणवीर सिंह की फिल्म “गलीबॉय” लोगों को काफी पसंद आई थी, उससे आखिर कंगना को इतनी दिक्कत क्यों हो रही है?

अभिनेत्री कंगना रनौत

कंगना एक जानी मानी अभिनेत्री हैं। ना जाने कितने लोग उन्हें फाॉलो करते हैं। क्या उनके मुंह से किसी कलाकार के लिए चिल्लर जैसे शब्द का प्रयोग शोभा देता है? एक अभीनेत्री के तौर पर यह ज़रुरी है कि वे अपने गौरव को बनाए रखें।

क्या कंगना रनौत रखती हैं दोहरी नीति?

रिपब्लिक टीवी पर इंटरव्यू के दौरान कंगना ने काफी कुछ कहा लेकिन यह सब एक दिखावा लगने लगा, जब कल ट्विटर पर कंगना का रिपब्लिक चैनल पर आया कुछ समय पहले का एक वीडियो देखा। बेशक आप भी उस इंटरव्यू को अनुराग कश्यप के ट्विटर हैंडल पर देख सकते हैं जिसे उन्होंने रीट्विट किया है।

अभिनेत्री कंगना रनौत, तस्वीर साभार: सोशल मीडिया

इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि उनके ऊपर इल्ज़ाम है कि मणिकर्णिका में उन्होंने कुछ एक्टर्स के रोल को काट दिया था और कुछ को क्रेडिट भी नहीं दिया। इस पर कंगना ने कहा कि इन छोटे मोटे एर्क्टस को क्यों मैं क्रेडिट दूं, जिन्हे एक्टिंग नहीं करनी आती? आखिर हैं कौन ये छोटे-मोटे एर्क्टस? फिल्म मैंने बनाई है।

अपने ही को-स्टार्स को क्रेडिट ना देना कितना ठीक?

अब ऐसे में सवाल यह है कि आखिर अपने को-स्टार्स को इस तरह कौन बोलता है? उनके इन शब्दों से वह भी किसी बॉलीवुड माफिया से कम नहीं लग रही हैं। आप उस वीडियो को ज़रूर देखें और फिर बताएं कि क्या कंगना और करण में कोई अंतर लग रहा है?

जब कंगना रनौत को मणिकर्णिका को डायरेक्ट करने का मौका मिला, तो खुद उन्होंने क्या किया? लोगों की मेहनत का क्रेडिट छीना, उनके रोल काट दिए और अपने ही को-स्टार्स को छोटे-मोटे एक्टर्स कहा। क्या यह सही है?

करण जौहर हो या आदित्य चोपड़ा, अगर कोई भी नेपोटिज़्म को बढ़ावा देता है तो यह बेहद गलत बात है लेकिन यह बहुत ही आवश्यक है कि जो ऐसे इल्ज़ाम दूसरों पर लगा रहा हों वह पहले अपने गिरेवान में झाक कर ज़रूर देख ले।

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