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आज का युवा नेता तर्कहीन,जाति अथवा हिंसक, लोकतंत्र नहीं अधिनायकवाद में विश्वास रखता है |

भारत एक बहुत ही भयंकर परिस्थितियों से गुजर रहा है और इसका मुख्या कारण है यहाँ का युवा। यहाँ का युवा अपने चुनावी मुद्दे और मीडिआ के मायाजाल में ऐसा फंसा है के वह उभर ही नहीं पा रहा और इस परिस्थितियों की वजह है यहाँ की न्यायपालिका और उसका इन्साफ ।
अगर युवा तर्कहीन नहीं होता ,हिंसक नहीं होता तो इस देश का न्यायपालिका,पुलिस प्रक्रिया, चुनाव आयोग तथा कोई भी सरकारी संस्था बर्बाद नहीं होती। आज का युवा सिर्फ मरने और मारने में विश्वास रखता है , वह किसी न किसी के प्रति कोई न कोई नफरत लेकर चल रहा है। उदहारण के तौर पर आप चुने हुए प्रधानमंत्री को परख लीजिये उनका चुनाव ही नफरत पर किया गया है। भारत में लोकतंत्र की स्थापना न हो पाना इन् युवाओं का दोष है क्यूंकि युवा कभी लोकतंत्र का मतलब समझ ही नहीं पाया। भारत में सभी को वोट देने का अधिकार प्राप्त हुआ जिसका मतलब यह है के आपको और आपके परिवार में अगर अलग मत है तो आपको वोट किसको देना है यह अधिकार सिर्फ आपको दिया गया है परन्तु हमारे युवा वोट देते है 
“मेरा पापा कांग्रेस को समर्थन देते है इसीलिए मेरा पूरा परिवार कांग्रेस को वोट देता है और यहीं से होती शुरू होती हैं लोकतंत्र को हत्या ,अपने सोचने समझने की शक्ति का अंत” और यहीं से शुरू होती है रूढ़िवादिता। आज का युवा सिर्फ धर्म की अफीम सूंघकर बैठा है, पुराने इतिहास का आंकलन ना करता है और न करने में विश्वास रखता है ,क्यंकि वह वर्तमान में ही सत्य को ढूंढ रहा है परन्तु सत्य को खोजने के लिए आपको इतिहास खगालने भी आना चाहिये। आज का युवा इंग्लैंड,ऑस्ट्रेलिया ,अमेरिका ,जापान आदि की तरह तो चाहता है परन्तु अपने भारत की मूलभूत समस्याओं को नहीं जानता और भेदभाव को नहीं मिटाना चाहता। देश के युवा ने कभी भी गाँव की शिक्षा और मनोस्थिति पर कभी अध्यययन किया ही नहीं। संविधान की बहस अथवा कभी संविधान को कभी पढ़ाया ही नहीं। आज का युवा अपने पूरा समय यूट्यूब,, वेब सीरीज आदि की फूहड़ता को ही देश की विकसित होना समझते हैं।गाली गलौज, बालात्कार,मार काट, नारेबाजी अथवा गली गली किसी पार्टी का झंडा उठाना , तानशाही , मुँह बंद करवाना , अमानवीय व्यवहार , हत्या ,लूट आदि को ही भारत का विकास समझ बैठ है। नौकरियां ,शिक्षा ,ग्राम विकास आदि पर न कभी जागरूक है और न होना छाता है। आज का युवा सिर्फ जातिवाद और धर्म में ही फंसा है और कुछ नहीं और वह अपनी आवाज़ खो चुका है।लोकतंत्र को अगर जानना है तो संविधान की बहस को पढ़िए संविधान की एक एक लाइन का मतलब समझियेइस देश की खूबसूरती को पढ़िए |गाँव की समस्या को पढ़िए तब जाकर एक युवा के विचार समझ आएंगे।

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