हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली के शोधकर्त्ताओं का दावा, कोरोना के खिलाफ बनाया ड्रग मॉलिक्यूल…
ब्रिटेन की रेडक्लिफ बायोसाइंस कंपनी से ड्रग मॉलिक्यूल के क्नीलिकल ट्रायल को लेकर बातचीत चल रही है….
आजकल देश और दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड’19) कहर बरपा रहा है। दुनियाभर के वैज्ञानिक इसकी दवा और वैक्सीन (टीका) खोजने में लगे हैं। इसी बीच हंसराज कॉलेज (Hansraj College), दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने कोविड’19 मरीजों का इलाज करने में सक्षम दवा का मॉलिक्यूल (Drug molecule) विकसित किया है।
कल, 02 जून 2020 को टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के हिसाब से रसायनशास्त्री डॉ. बृजेश राठी के नेतृत्त्व वाली टीम ने व्यापक स्तर पर इन-सिलिको अध्ययन किया।डॉ. राठी हंसराज कॉलेज के रसायन विज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर हैं और उन्होंने एमआईटी कैम्ब्रिज से पोस्ट-डॉक्टोरल शोध भी किया है। साभार : https://m.timesofindia.com/india/researchers-at-delhis-hansraj-college-develop-anti-covid-molecule-tie-up-with-uk-based-company-for-clinical-trials/articleshow/76158032.cms
डॉ. राठी के अनुसार इस मॉलिक्यूल का टेस्ट SARS-CoV-2 के खिलाफ शिकागो के लोयोला विश्वविद्यालय और अमेरिका के न्यू मैक्सिको विश्वविद्यालय में किया गया है। इस टेस्ट के नतीजे चौंकाने वाले थे। इसके बाद डॉ. राठी ने लोयोला यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रवि दुर्वासुला और डॉ. पी केम्पिया व यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू मैक्सिको के डॉ. स्टीवन ब्रैडफूट के साथ मिलकर अमेरिका में इसके पेटेंट के लिए एप्लिकेशन दी है।
इसके साथ ही ब्रिटेन की रेडक्लिफ बायोसाइंस कंपनी से कैलक्सीनिन के क्नीलिकल ट्रायल को लेकर बातचीत चल रही है। डॉ. राठी की टीम को आशा है कि जल्द ही कोरोना वायरस से लड़ने के लिए यह दवा उपलब्ध हो जाएगी। डॉ. राठी के अनुसार यह कंपनी के ऊपर निर्भर करेगा कि वह इसका ट्रायल कब शुरू करती है और इसके बाद ही इसका बाजार में आना सुनिश्चित हो पाएगा।
वहीं आईसीएमआर की वैज्ञानिक निवेदिता गुप्ता ने जानकारी दी कि 1 जून, 2020 तक देश में 681 प्रयोगशालाओं को कोविड 19 टेस्ट करने की अनुमति दे दी गई है। इनमें से 476 सरकारी और 205 निजी सेक्टर के हैं.। उनके अनुसार देश में अब रोजाना 1.20 लाख कोरोना वायरस टेस्ट हो रहे हैं।