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लॉकडाउन में खाने के शौक को निखारा, अब कर रहीं ऑनलाइन डिलिवरी

जहां एक ओर देश के प्रधानमंत्री ने लोकल को वोकल और खुद को आत्मनिर्भर करने की बात की है तब से लोगों में इसका असर साफ-साफ देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन के दौरान कई लोगों ने अपने अंदर छीपी प्रतिभा को न सिर्फ पहचाना बल्कि इनको निखारा भी. शहर में कुछ ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने खाने के शौक को निखारा और अब घर-घर अपने खाने को पहुंचा रही हैं. लोग इन्हें कॉल और वाट्सएप पर दे रहे ऑर्डर. इनका कहना हैं कि यहां कई सिंगल लोग रह रहते हैं जो घर का खाना काफी मिस कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें घर का खाना मिल जाये तो बात ही कुछ और है.  इसी उम्मीद के साथ घर-घर उम्मीद और खुशी की डिलिवरी जारी है.

बिहारी खाने के जायके में अपना ट्विस्ट का तड़का लगा रही रंजना


हरी राधा अपार्टमेंट की रहने वाली रंजना सिंह को खाना बनाना बेहद पसंद है. खासकर बिहार से जुड़े जायके उनकी खासियत है. लॉकडाउन के दौरान इन्होंने इस हुनर बखूबी निखारा और खाने में अपना ट्विस्ट का तड़का भी शामिल किया. वे बताती हैं कि शुरुआत में इन खानों की टेस्टिंग परिवारवालों से करवायी. धीरे-धीरे खाने की फोटो फेसबुक पेज कैफे ओरेंजो पर शेयर किया. वाट्सएप स्टेटस पर भी अपलोड किया. लोगों का अच्छा रिसपोंस मिला और अब कई लोगों खाने का ऑर्डर भी कर रहे हैं. घर पर मौजूद स्टाफ इन खानों की डिलिवरी करते हैं.

ऑथेंटिक मारवाड़ी-राजस्थानी पारंपरिक खाने का बढ़ावा दे रही मौसम


अमर कुंज अपार्टमेंट की रहने वाली मौसम शर्मा बताती हैं कि उन्हें खाना खाना और बनाना बेहद अच्छा लगता है. मारवाड़ी होने के साथ राजस्थान से है ऐसे में मारवाड़ी-राजस्थानी पारंपरिक खाना उन्हें बखूबी बनाना आता है. पहले उन्हें खाना बनाने का ज्यादा समय नहीं मिल पाता था लेकिन लॉकडाउन ने उन्हें यह मौका दे दिया. अभी वे अपने पति रवि राज के साथ मिल कर कई सारे व्यंजन ऑर्डर पर बना रही हैं. वे बताती हैं कि पहले तो वे बस खाने को स्टेटस पर अपलोड करती थी इसी बीच कई लोगों ने इसे ऑर्डर पर देने की बात की. अब तो वे कॉल, मेल और वाट्स एप के जरिये लोगों का ऑर्डर दो दिन पहले लेती है फिर फ्रेश बना कर उन्हें डिलिवर करती हैं.

मंजु को अब आचार, पापड़ और बरी का मिल रहा ऑर्डर


आनंदपुरी की रहने वाली मंजु झा बताती हैं कि उन्होंने आचार, पापड़ और बरी बनाना अपनी मां से सीखा है. वे बताती हैं कि घर का बना हुआ आचार, पापड़ और बरी का स्वाद बिल्कुल जाना-पहचाना होता है. इन्हें खाते ही आप अपने घर के स्वाद का एहसास होगा. लॉकडाउन के दौरान मैंने इन सभी खाद्य सामग्री को तैयार किया. शुरुआत में आस-पास के लोग घर से इन्हें लेकर जाते थे. मेरे बच्चों ने मेरे इस शौक को फेसबुक पेज और वाट्सएप स्टेटस पर शेयर करने की बात की. इससे कई सारे ऑर्डर मिलने लगे. हाल ही में मैंने महिला उद्योग संघ की अध्यक्ष से इसके बारे में बताया तो वहां से भी कई सारा ऑर्डर मिला है. घर पर ही मैं आचार, पापड़ और बरी की पैकिंग करती हूं. अभी फिलहाल पति ही घरों में जाकर ऑर्डर पहुंचा रहे हैं.  

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