“राष्ट्र की शक्ति इसके नागरिकों के मत की एकरूपता या लोगों के मध्य देशभक्ति की भावना से नहीं आँकी जाती है, अपितु किसी राष्ट्र की वास्तविक शक्ति तब आँकी जाती है जब इन्हे अपने नागरिकों द्वारा व्यक्त क्रांतिकारी विचारों से खतरा महसूस नहीं होता है , जहां सरकार की अलोचना कर सकने वाला स्वतंत्र और मुक्त प्रेस विद्यमान होता है, और जहां नागरिक केवल एक विपरीत दृष्टिकोण व्यक्त करने के कारण अपने साथी नागरिकों के खिलाफ हिंसा का सहारा नहीं लेते हैं। यह तब संभव होता है जब हम वाक की स्वतन्त्रता प्राप्त कर चुके होते हैं। तब जाकर हम वास्तव में स्वतंत्र होंगे।
#_जस्टिस_ए_पी_शाह
यानी हमे एक ऐसा भारत नहीं बनाना है जिसमे अपनी देशभक्ति साबित करने के लिए पाकिस्तान को गाली देना पड़े।
यानी हमे एक ऐसा भारत नहीं बनाना है जिसमे भीड़ मे शामिल होकर अपने धर्मों का ज़ोर ज़ोर से नारा लगाने से आपकी राष्ट्रभक्ति साबित हो।
यानी हमे एक ऐसा भारत नहीं बनाना है जिसमे किसी खास राजनीतिक पार्टी के सदस्य होने पर ही आपकी देशभक्ति साबित हो।
यानी हमे एक ऐसा भारत नहीं बनाना है जिसमे किसी खास रंग के कपड़े पहनने या किसी जानवर की पूजा करने या मारने से ही आपकी सच्ची देशभक्ति साबित हो।
यानी हमे एक ऐसा भारत नहीं बनाना है जिसमे अगर कोई व्यक्ति विपरीत धर्म के लोगों का सम्मान कर रहा हो तो उसे देशद्रोही या गद्दार साबित कर दिया जाये।
यानी हमे एक ऐसा भारत नहीं बनाना है जिसमे अगर कोई साम्यवादी विचार रखता हो तो उसे देश की संस्कृति और एकता का दुश्मन मान लिया जाये ।
स्वतन्त्रता दिवस की अग्रिम बधाई। ऐसे आज 14 अगस्त है और मैंने कल की जगह आज ही बधाई दे दी है। देशद्रोही मत घोषित कर दीजिएगा।