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निर्मला सीतारमण से NPS रद्द करने की मांग

निर्मला सीतारमण

निर्मला सीतारमण

सेवा में,

आदरणीय निर्मला सीतारमण जी

वित्त मंत्री, भारत सरकार

महोदया,

पूरे भारत देश में नैशनल पेंशन योजना लागू है, जिसका लंबे समय से भारत के विभिन्न राज्यों में कार्यरत कर्मचारियों के समूह द्वारा विरोध किया जा रहा है। इस व्यवस्था में कुछ ऐसी खामियां है, जिनका निराकरण नितांत आवश्यक है। सशस्त्र बलों और न्यायपालिका को छोड़कर सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए 2004 में लागू एनपीएस में कुछ बहुत गंभीर विषय हैं, जिन पर बात करना बेहद ज़रूरी है। समस्याओं पर एक नज़र-

  1. वर्तमान में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 400 से 1000 रुपये तक बहुत कम पेंशन मिल रही है। जो कि उनके गुज़ारे के लिए पर्याप्त नहीं है। वहीं, पुरानी पेंशन योजना में 9000 रुपये सेवानिवृत्ति पेंशन दिया जाना अनिवार्य था।
  2. चूंकि एनपीएस को बेहतरी के लिए लॉन्च किया गया था लेकिन यह डीए सुविधा के साथ अंतिम मूल वेतन की 50% की गारंटी प्रदान नहीं करता है। इस कारण पूरे जीवन तक पेंशन में कोई वृद्धि नहीं होती है, बल्कि पुरानी पेंशन व्यवस्था में इसकी गारंटी निहित थी।
  3. किसी कर्मचारी की आकस्मिक मृत्यु हो जाने की स्थिति में कोई पारिवारिक पेंशन प्रदान नहीं की जाती है। यह तभी प्रदान किया जाता है, जब परिवार सरकार को कुल धन (कर्मचारी और नियोक्ता कुल वेतन का 10% + 14%) सरेंडर कर देता है।

आपके संज्ञान में लाना है कि दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग ने भी न्यायपालिका में एनपीएस को खत्म करने की सिफारिश की है।

यह बेहद निराशाजनक है कि संपूर्ण जीवन देश की सेवा करने के उपरांत भी कर्मचारियों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा की कोई चिंता सरकार को नहीं है। लंबे समय से कर्मचारी वर्ग सरकार से सेवानिवृत्त उपरांत अपनी सुरक्षा की मांग करता रहा है। 

उसी परिपेक्ष्य में हम आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया बेहतर भारत के लिए नैशनल पेंशन योजना को समाप्त करते हुए ओल्ड पेंशन योजना को पुनः लागू किए जाने की कृपा करें।

हम आपके आभारी रहेंगे।

अंकुर त्रिपाठी विमुक्त

शाहजहांपुर, उ0प्र0

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