वर्ष 2020 पूरे विश्व के लिए एक काल बनकर आया है। इस महामारी ने विश्व के हर कोने कोने में जाकर अपना तांडव दिखाया। यह प्राकृतिक विडंबना है कि सारा विश्व और विश्व का विकास पूर्ण रूप से ठहर गया है।
इस महामारी ने जहां स्कूल जाने वाले बच्चों की शिक्षा पर रोक लगा दी है, वहीं दूसरी ओर महिलाओं की स्थिति को अब और दयनीय कर दिया है। महिलाओं को जहां एक ओर घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर उनका शारीरिक शोषण भी ज़ोर पकड़ रहा है।
अमरावती से आई शर्मसार करने वाली तस्वीर
इसी बीच एक अत्यंत घिनौनी करतूत भी सामने आ रही है, जो महाराष्ट्र के अमरावती ज़िले की है। अमरावती के बडनेरा में लैब टेक्नीशियन ने एक 24 वर्षीय महिला को जांच के लिए बुलाया और उसकी नाक और गले के बजाए उनके प्राइवेट पार्ट का स्वाब लिया।
महिला अपने भाई के साथ रहती है और एक दुकान में कार्य करती है। उसी दुकान में किसी युवक का कोरोना रिपोर्ट पॉज़िटिव आने पर उससे संबंधित 20 लोगों की जांच की गई जिसके बाद लैब टेक्नीशियन ने महिला को दोबारा बुलाया और कहा अपने साथ किसी भी सहकर्मी को लाकर दोबारा सैंपल दें।
इस बार उसने यूरिन टेस्ट का बहाना बनाकर उसको बुलाया और उसके साथ ऐसी शर्मनाक हरकत की। इस बात की खबर महिला ने घर आकर अपने परिजनों को दी जिसके बाद पुलिस ने शिकायत दर्ज़ की।
पुलिस ने आरोपी टेक्निशियन को गिरफ्तार कर लिया है
लैब में काम करने वाले आरोपी अल्पेश देशमुख को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। वहीं, राज्य की महिला और बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर और सांसद नवनीत राणा ने भी इस घटना की निंदा की है।
ठाकुर ने कहा, “यह घटना निंदनीय है और आरोपी को कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।” अमरावती से सांसद राणा ने कहा, “अमरावती में अस्पताल की मशीनरी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। ज़िले में एक महिला सांसद और महिला संरक्षक मंत्री (ठाकुर) है फिर भी ऐसी घटना हुई है। उन्हें नियुक्त करने से पहले संविदा कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की जांच की जानी चाहिए। अगर ज़रूरत पड़ी तो मैं प्रभावित महिला को न्याय दिलाने के लिए सड़क पर उतरूंगा।”
वैसे तो सड़क पर सभी को उतरना चाहिए। अगर यही स्थिति चलती रही तो कभी-ना-कभी समाज की हर महिला की यही स्थिति रहेगी। पुरुषवादी समाज में ऐसी भी क्या यौन कुंठा है कि वह मानवता को ही भूल जाए? क्या महिलाओं की कोई अहमियत नहीं है?
भारतीय न्याय व्यवस्था में कहीं-ना-कहीं तो चूक रही है, जिस वजह से यह सब घटना होना आम बात हो गई है। इसके लिए मुखर होकर आवाज़ उठानी होगी अन्यथा सर्वनाश ही होगा। इस कोरोना काल में वैसे भी महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार हो रही हैं और ऊपर से अब शारीरिक शोषण भी।
कहीं ना कहीं से तो दामन को छोड़ दो लोगों
तुम्हारे घर की आबरू भी लुट ना जाए कहीं।
आज तुम औरत को कुंठा की निगाह से देख रहे हो, कल यदि तुम्हारे घर पर भी ऐसी चीज़ें हुईं तो क्या करोगे? घृणित लोग ऐसे काम को अंजाम देते जाएंगे और प्रशासन चुप्पी साधकर बैठा रहेगा। ऐसे में इस आग को हवा मिलेगी और यह कुकर्म आगे समाज के हर घर में फैलेगी, क्योंकि कोई है नहीं सार्थक कदम उठाने वाला।
कोई पैसे लेकर चुप हो जाता है और अपना ईमान बेच देता है, तो कोई धमकियों से मुंह बंद कर लेता है। सर्वाइवर वहीं की वहीं खड़ी रहती है। एक तो उसके साथ अन्याय होता है और शिकायत भी उसी की होती है।
“तेरी ही गलती होगी, तूने ही उकसाया होगा” आदि कहकर बात को टाल दिया जाता है। अगर अपने घर की बहू, बेटियों को बचाना है तो एक साथ आवाज़ उठानी शुरू कर दो। एकता में बल है और आप इस बल को समाज में क्रांति लाने के लिए उपयोग करें। कोई एक कदम तो उठे। रास्ते अपने आप खुलते चले जाएंगे।
संदर्भ- इंडियन एक्सप्रेस