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जूनागढ़ को अपने नक्शे में शामिल कर क्या बताना चाहता है पाकिस्तान?

पाकिस्तान ने अपना नया नक्शा जारी किया है। यह नक्शा अब उनके स्कूलों-कॉलेजों में और सरकारी दफ्तरों में जारी होगा। इस नक्शे में जम्मू-कश्मीर सहित सम्पूर्ण लद्दाख पाकिस्तान में दिखाया गया है। इतना ही नहीं गुजरात के जुनागढ़ और मानवदार यह दो भाग भी उन्होंने अपने नक्शे में बताया है लेकिन इन जगहों को अपने नक्शे में बताने की आखिर क्या वजह है? क्या इसके पीछे कोई इतिहास है?

पिछले काफी दिनों से चीन से लद्दाख और नेपाल से लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी इन इलाकों पर सीमा विवाद चल रहा है। अब इसी बीच पाकिस्तान भी जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ जूनागढ़ पर भी अपना दावा कर रहा है, तो अब क्या होंगे इसके राजनीतिक अंजाम?

पाकिस्तान जूनागढ़ पर दावा क्यों कर रहा है दावा?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि यह नया नक्शा पाकिस्तान के उमंगों का प्रतीक है। भारत सरकार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमने पाकिस्तान का यह नया राजनीतिक नक्शा देखा है, उनका यह कदम हास्यास्पद है।

भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर का सीमा विवाद कुछ नया नहीं है लेकिन जूनागढ़ से पाकिस्तान का क्या सम्बन्ध है? इसके लिए हमें ज़रा इतिहास पर नज़र डालनी होगी।

विभाजन के पहले ब्रिटिश सरकार ने रजवाड़ों को विकल्प दिए थे कि वे या तो भारत या पाकिस्तान में विलीन हो जाएं या फिर स्वतन्त्र रहें। ऐसा ही विकल्प जूनागढ़ को भी दिया गया था। अब के गुजरात राज्य के अंदर 3500 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए और अरबी समुद्र पर लगे हुए जूनागढ़ पर मोहम्मद महबत खान का शासन था।

इमरान खान, प्रधानमंत्री पाकिस्तान

ब्रिटिश सरकार के विकल्प देने के बाद उन्होंने पाकिस्तान में विलीन होने की इच्छा जताई थी लेकिन जूनागढ़ के हिन्दू बहुल राज्य के लोगों ने इसका विरोध किया था। इसके अलावा पाकिस्तान की सीमा वहां से लगकर नहीं थी।

सर शाहनवाज भुट्टो मतलब पाकिस्तान के भूतपूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो के दादाजी इस रजवाड़े के दीवान थे। 9 नवंबर 1947 को भारतीय सैन्यो ने जूनागढ़ पर कब्ज़ा किया।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान ने टेलीग्राम द्वारा इस कार्य का निषेध किया था लेकिन भारत के प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने सेना को पीछे लेने से इंकार किया। इसके बाद जूनागढ़ में जनमत लिया गया जिसमें भारत में विलीन होने पर 19 हज़ार लोगों की सहमति दर्शायी, तो पाकिस्तान में विलीन होने के केवल 91 लोग तैयार हुए और इस तरह जूनागढ अंतत: भारत में विलीन हुआ।

क्या है भारत की प्रतिक्रिया?

भारत ने इस पर कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के द्वारा जारी किया हुआ कथित राजकीय नक्शा हमने देखा है। भारत के राज्य गुजरात और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख पर दावा बताने का प्रयास विवेक शून्य है।

इन हास्यास्पद दावों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोई मान्यता नहीं है। इन प्रयासों की वजह से यह दिख रहा है कि सीमा बढ़ाने की सोच के वजह से पाकिस्तान आतंकवाद को सपोर्ट कर रहा है।

जूनागढ़ के नवाब की संपत्ति को लेकर आज भी विवाद है। जूनागढ़ के लोगों द्वारा पाकिस्तान में जाकर नागरिकता मांगने के बाद भी इसपर विवाद उठा था। अब फिर एक बार पाकिस्तान के नक्शा जारी कर विवाद को बढ़ाने की कोशिश की है।

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