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“क्यों सुशांत की तरह आम लोगों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया इतनी सहज नहीं है”

सुशांत की खुदकुशी ने सबको झकझोर कर रख दिया। आज भी लोग एक ही जवाब चाहते हैं कि आखिर क्या वजह थी जिसने सुशांत को ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण कदम उठाने पर मजबूर कर दिया?

अच्छी बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने न्याय का रास्ता और भी साफ कर दिया है। सुशांत का केस अब सीबीआई के हाथों में सौंप दिया गया है। लोगों को पूरी उम्मीद है कि अब सुशांत को इंसाफ ज़रूर मिलेगा।

बड़ा सवाल

सुशांत सिंह राजपूत। फोटो साभार- Getty Images

इस बीच एक बहुत ही अहम सवाल उठता है कि अगर किसी आम इंसान ने खुदकुशी कर ली होती और उसके परिवार वालों ने किसी पर संगीन आरोप लगाए होते, जिसकी जांच पुलिस सही से ना कर रही होती, क्या तब भी सुप्रीम कोर्ट का यही फैसला होता जो सुशांत के लिए देश की सर्वोच्च न्यालय ने लिया?

क्या एक आम इंसान को भी इसी तरह न्याय दिलाने की कोशिश की जाती? क्या तब भी सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जांच सीबीआई के हाथों में सौंप देती?

देश में तमाम युवा हर वक्त आत्महत्या कर रहे हैं। इस कदम को उठाने के पीछे सबके अलग-अलग अपने कारण होते हैं। हालांकि कारण जो भी हो मगर खुदखुशी कर लेना कभी भी एक विक्लप नहीं होना चाहिए।

आम इंसानों के साथ देश में आए दिन संगीन अपराध होते रहते हैं। जिसमें ऐसे तमाम लोग हैं जो सिस्टम से लड़कर थक जाते हैं लेकिन कानून उनकी नहीं सुनता। वे हार मान जाते हैं, इंसाफ के लिए लड़कर थक जाते हैं। वहीं, अगर उनकी जगह कोई जानी-मानी हस्ती होती है, तो उनकी गुहार तुरंत सुनी जाती है।

क्या यह उचित है? कानून सबके लिए एक है, तो उसी तरह लोगों को इंसाफ भी बराबर तरीके से मिलना चाहिए। चाहे कोई आम आदमी हो या कोई जानी-मानी हस्ती हो, इंसाफ सबके लिए एक जैसा होना चाहिए।

इंसाफ मिलना शुरू होगा तभी देश उन्नती की ओर बढ़ेगा

भारत के न्यायलयों में एक केस को सलटाने के लिए कई बार तो सालों तक का समय लग जाता है। इससे निपटने के लिए कई फास्ट ट्रेक कोर्ट भी सेट किए गए हैं लेकिन आज भी उससे कुछ खास फर्क देखने को नहीं मिला है।

सोचिए जिस तरह की तेज़ी सुशांत के केस में बरती जा रही है, अगर ऐसा ही आम इंसानों के केस में भी शुरू हो जाए तो लोगों के लिए इंसाफ कितना सहज हो जाएगा। सोचिए कितना बेहतर होगा अगर आम लोगों को न्याय दिलाने के लिए भी न्यालय में इतनी तेज़ी आ जाए। सोचिए अगर इसी तरह आम लोगों को इंसाफ मिलने लग जाए तो कितना अच्छा रहेगा।

अगर वाकई में कानून सबके लिए एक तरह से काम करने लग जाए, तो ना जाने कितने लोगों को इंसाफ मिलना शुरू होगा और देश असल में तरक्की की ओर बढ़ेगा।

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