जैसे ही तस्वीर नाम का शब्द ज़हन में आता है, वह कई किस्से और कई कहानियां बयां करने लगता है। 18 अगस्त को वर्ल्ड फोटोग्राफी डे मनाया जाता है। जब भी तस्वीर खींचते हैं उसको खींचने के पीछे कई वजह होती है, उसमें लम्हें को यादगार बनाना भी एक महत्वपूर्ण काम होता है। चाहे आप किसी की भी तस्वीर खींच रहे हो जैसे वाइल्डलाइफ, लैंडस्केप, स्पोर्ट्स आदि।
देखा जाए तो आजकल हर किसी को फोटोग्राफी में काफी ज़्यादा रुचि लग रही है, क्योंकि इन दिनों टेक्नॉलजी का युग चल रहा है। हमारे मोबाइल फोन में भी काफी बेहतरीन कैमरे आ गए हैं।
तस्वीरों के माध्यम से आप अपनी यादों को एक दृश्य के ज़रिए सजाकर रख सकते हैं। दुनिया भर की बात की जाए, तो लोग रोज़ाना हज़ारों-हज़ार की संख्या में तस्वीर खींचते हैं। इसमें कई लोगों की रूचि है, तो कई लोग इससे अपना करियर भी बना रहे हैं।
अगर बात की जाए पहली फोटोग्राफ की तो वह आज ही के दिन खींची गई थी लगभग 190 साल पहले इसको खींचने में लगभग 8 घंटे का वक्त भी लगा था। पहली तस्वीर फ्रेच आविष्कार जोसेफ नाइसफोर ने खीची थी।
फोटोग्राफी के साथ मेरा अनुभव
मुझे भी तस्वीर खींचने में काफी ज़्यादा रुचि है, मेरे पास इस समय निकॉन का डीएसएलआर कैमरा भी है, जिससे मैं चंद्रमा की तस्वीर अक्सर खींचता रहता हूं। हाल के दिनों में मैंने पिंक मून सुपरमून ब्लड मून की तस्वीरें खींची थी। इसके अलावा मुझे पक्षियों की भी तस्वीरें खींचने में काफी दिलचस्पी है।
देखा जाए तो एक अच्छी तस्वीर खींचने के लिए बहुत ही ज़्यादा सब्र और टाइमिंग की जरूरत होती है। यही इसका सबसे बड़ा चैलेंज है। यह खासतौर पर तब होता है जब आप वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी कर रहे हो या फिर आप किसी चिड़िया की तस्वीर खींच रहे हो, क्योंकि चिड़िया तो पलक झपकते ही उड़ जाती है। इसलिए तस्वीर खीचने के लिए सब्र और संयम की खासी ज़रूरत होती है।
कुछ टिप्स और ट्रिक्स
फोटोग्राफी करते हुए वक्त चाहे आप मोबाइल से तस्वीर खींच रहे हो या फिर कैमरा से उसका लेंस साफ होना चाहिए एवं हाथों को भी ‘स्टिल’ रखना चाहिए, ताकि फोटो हिले ना और तस्वीर अच्छी और साफ आए। इन दिनों फोटो एडिटिंग से भी तस्वीर में चार चांद लग जाते हैं।