यूँ तो क्रिकेट भारतीयों के आँखो से उतरते हुए रगों में दौड़ता हैं।ये टीम गेम हैं लेकिन इस खेल में कुछ लोग खिलाड़ी नहीं होते, “इमोशन” हो जाते हैं।धोनी इसी इमोशन वाली सूची के टॉप नंबर के खिलाड़ी थे! धोनी के शुरुआती मैच उनके मन मुताबिक नही रहे और उन्हे टीम से निकलने का डर सताने लगा लेकिन जब पाकिस्तान के खिलाफ मैच मे उन्हे टीम मे चुना गया तो कांख में बल्ला दबाए, लंबे सुनहरे बालों वाला लड़का और हाथों के ग्लव्स को कसते हुए विशाखापटनम स्टेडियम में, 2 रन पे सचिन का पहला विकेट गिरने बाद उतरा तो कौन जानता था कि आज के बाद से इस लड़के के सुनहरे बालो और सनसनाते बल्ले के तासीर से ही अगले ढाई दशक तक क्रिकेट की तकदीर लिखी जाएगी।पाकिस्तान मैच हार गया….और धोनी के 148 रनो ने धोनी को युवाओ के बीच एक नए नाम की पहचान दी..अब धोनी “माही” हो चुका था।।। अगले दिन अखबारों की बड़ी हैडलाइन थी….अरे दीवानों मुझे पहचानो”….लेकिन धोनी को पहचानना कहा आसान था।माही को दुनिया 2007 तक बल्ले और बालों के जलवो के लिए ही जानती और मानती रही। लेकिन तपते सोने के असली चमक तो अभी आनी बाकी थी। 2007 में दुनिया ने जाना की सुनहरे बालो के नीचे,एक बेहद शांत और धारधार दिमाग भी हैं।जो बल्ले से कही ज्यादा घातक प्रहार करता हैं।विकेट से पीछे खेल के हर बारीकी पढ़ने को बेताब आँखों ने करोड़ो क्रिकेट प्रेमियो की बेचैन आँखों से देखे दशकों पुराने सपने को पूरा कर डाला।हम 2007 का 20-20 वर्ल्ड कप जीत चुके थे।।। लेकिन वो कहते हैं,दरिया की गहराई का अंदाज़ा लगाने के लिए आपको डूबते रहना होगा।देश भी समय के साथ माही के हुनर का अंदाज़ा लगाने के लिए भविष्य के गर्भ में डूबता गया। और फिर आया साल 2011 वर्ल्ड कप का।गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया अभी भी विश्व क्रिकेट का चौधुर बना था और टूर्नामेंट जीतने का प्रबल दावेदार था।क्वाटर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हारने के बाद जीत करीब तो दिख रही थी लेकिन 2 अप्रैल 2011,फाइनल में श्रीलंका ने शुरू के दोनों विकेट जल्द गिरा के समीकरण को अपने पक्ष में कर लिया था। फिर क्या था, फिर वही हुआ….कांख में बल्ला दबाए, हाथों के ग्लव्स को टाइट करते सबकी अनुमानों के विपरीत वो लड़का फिर मैदान में उतरा और उसके बल्ले में तासीर ने एक बार फिर खेल किस्मत बदल दी।कौन भूल सकता हैं वो सिक्स….जिसने करोड़ो क्रिकेट प्रेमियो को उस रात जशन मे डूब जाने को मजबूर कर दिया!! भारत 28 वर्ष बाद क्रिकेट का विश्व विजेता बन चुका था!! उसके बाद तो इंडियन टीम और कैप्टन कूल ने कभी पीछे मुड़कर नही देखा!! भारत ने चैंपियन्स ट्रॉफी जीतकर 3 ICC ट्रॉफी अपने नाम कर ली थी!! अंत मे माही, वो सिक्स और हेलिकॉप्टर शॉट हमारे दशक के पीढ़ी के लिए ताउम्र उड़ाता रहेगा….इस आस में कोई सुनहरे बालो वाला कोई लड़का अपने बल्ले को कांख में दबाए, ग्लव्स टाइट करते हुए फिर मैदान पे उतरेगा….और खेल की किस्मत बदल देगा…. तुम विकेट के आगे और पीछे बहुत याद आओगे.. जब इंडिया का मैच होगा सबका ध्यान विकेट के पीछे ही रहेगा लेकिन तुम नही रहोगे!! करोड़ो भारतीयो के लिए क्रिकेट को इमोशन बनाने के लिए शुक्रिया जेंटलमैन.. दूसरी पारी मे भी जलवे बुलंद रहे यही कामना हैं!! ? अलविदा माही❤️❤️????