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हमाम में सभी नंगे हैं

एक बार एक किसी दोस्त ने मुझसे पूछा कि नेता और समाजसेवक में क्या अंतर है, मैंने उससे बोला जो अपना घर फूंक कर तमासा देखता है वो समाजसेवक, और जो दूसरों का घर फूंक के तमासा देखता है वो नेता । लेकिन आज न तो सच्चे समाजसेवक बचे और न तो नेता । आज समाजसेवक को आप नेतागीरी में प्रवेश करने की पहली सीढ़ी समझ सकते हैं। जो आगे चलकर या तो दलाली शुरू कर देता है या खुद नेता बन जाता है ।
कानपुर के एक शेल्टर होम में 57 लड़कियों के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर सामने आई हैं, सिर्फ इतना ही नहीं सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि इनमें में 5 लड़कियां प्रेग्नेंट भी पाई गई है। इसमें कोई हैरानी नही होनी चाहिए अगर कोई आपसे यह बोले कि यह शेल्टर होम चलाने वाले बहुत बड़े समाजसेवी हैं ।
देश में चल रहे शेल्टर होम्स से यदाकदा ऐसी खबरें आती रहती हैं फिर भी सरकार इनको लेकर गंभीरता नही बरत रही, शायद इसका सबसे बड़ा कारण उन शेल्टर होम्स को चलाने वाले प्रभावशाली व्यक्ति हैं जो कही न कही किसी न किसी राजनैतिक पार्टी से ताल्लुक रखते हैं, देश की अधिकतर ऐसी संस्थाएं और एनजीओ काले धन को सफेद बनाने वाली फैक्ट्रीयो का काम कर रही , सरकारें बदलती रही लेकिन यह सफेद लिबास ओढ़े हैवान नही बदले , सत्ता में बैठे लोग हमेशा इनके लिए बुलेट प्रूफ जैकेट का काम करते रहे ।
हद तो तब होती है जब ऐसे हैवानों को समाज सेवक का टैग लगा दिया जाता है और इनकी दलाली की फैक्ट्रियों को समाजसेवी संस्थाओं का दर्जा दे दिया जाता है , देश के अधिकतर ऐसे प्रतिष्ठान या तो किसी बड़े नेताओं के है या तो इनके अपने खास लोगों के , इसलिए कोई भी इनपर हाथ डालने के पहले सौ बार सोचता है ।
सरकार की बनाई गाइडलाइन की धज्जियां खुलेआम उड़ाई जा रही है और फर्जी वार्षिक रिपोर्ट बनाकर पेस की जा रही हैं, आलम यह है कि प्रोजेक्ट रिपोर्ट से लेकर प्रोजेक्ट के पूरे होने तक की फर्जी रिपोर्ट बनाने वालों की इस देश मे भरमार है।
देश को डुबाने में जितना हाथ इन देशद्रोही सफेदपोस लोगो से उतना ही हाथ इन दलाली के जरिया बने चार्टर्ड अकाउंटेंट से भी है , मेरा अपना मानना है अगर देश के सारे चार्टर्ड अकाउंटेंट की जांच की जाए और उनसे सख्ती से पूछताछ की जाए तो देश की जीडीपी कुछ ही दिनों दोगुना हो सकती है।
देश के हर एक गद्दार की जन्मकुंडली इन ठेकेदारों के पास होती है, यह वो तोते है जिनमे इस देश के लुटेरों की जान बसती है, अगर इनकी गर्दन मरोड़ दी जाए तो सारे लुटेरे अपने आप मर जायेंगे ।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह काम करेगा कौन क्योंकि हमाम में सभी नंगे है और एक नंगा दूसरे नंगे को क्या नंगा कहेगा ।

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