मुझे सच में समझ नही आता है की बिहारी का मतलब है क्या, क्योंकी जब भी मुझे बिहारी अस्मिता के बारे में कुछ मिला तो सिर्फ लोगो के मन और दिल में ईष्या, ना जाने हमने इसके आड़ में कितने गलत काम करते चले गए| बिहारी अस्मिता के लिए हम किसी को गाली दे देते है तो किसी को कुछ और कह देते है और जो जरुरत के मुद्दे है उसे छोड़ देते है|
अगर सही मायनों में कहूँ तो बिहारी अस्मिता तभी तक है जबतक आपके सवाल आम जीवन को प्रभावित करती है, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ , व्यवसाय और विकास की बात करते है|
लेकिन हम जैसे ना समझ बिहारी क्या किये है तो कभी सारे इन मुद्दों को छोडकर देशभर में बिहारी गमछे, भोजपुरी गाने और अभी सुशांत को लेकर हंगामा किये है लेकिन सच बात है की इनसे राज्य का विकास नही होगा, आपको मूलभूत सवाल करने होगे|
बिहारी अस्मिता का सीधा सन्दर्भ शिक्षा,ज्ञान, वैभव और राज्य की विकास से है ना इन बिहारी गमछो से| आज भी बिहार का अस्तित्व इसके कर्म से जुड़ा है, वो अच्छे कर्म जो सदियों पहले गौतम बुद्धा ने किया था, जी है वो कर्म जो आचार्य चाणक्य ने किया था, जी हाँ वो कर्म जो महान सम्राट अशोक ने किया था और ना जाने ऐसे कितने अच्छे कर्म है बिहार में जो बिहारी अस्मिता का सही मायनो में परिभाषित करती है| आज हमे ऐसे भी बिहारी अस्मिता की जरुरत है|
आज जब बिहार में आकाश कौशिक तस्वीरों से बिहार को दिखाते है तो वो बिहारी अस्मिता है , जब प्रवीण चौहान बिहार के औरतो के लिए कुछ नया करते है वो बिहारी अस्मिता है , अनुभा प्रसाद जब बिहार में आकर बिहार की प्रगति के लिए निवेश के उपाय देने का काम करती है तो वो बिहारी अस्मिता, प्रभाकर पांडेय जब भोजपुरी गाने को नई पहचान देते है तो वो बिहारी अस्मिता है |
मैं उम्मीद करता हूँ आप सभी इसको पढ़ने के बाद अपना विचार देंगे और इसे अपने जीवन में उतारने की कोशिश कीजियेगा|