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कोविड-19 ने दुनियाभर के 15 करोड़ बच्चों को गरीबी की ओर धकेला

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के एक नए विश्लेषण के मुताबिक इस साल की शुरुआत में कोविड-19 महामारी का प्रकोप शुरू होने के बाद से दुनियाभर के 15 करोड़ बच्चे गरीबी के दलदल में धंस गए हैं। इससे दुनियाभर में गरीबी के विभिन्न हालात में रह रहे बच्चों की संख्या करीब 1.2 अरब हो गई है।

नया विश्लेषण यूनिसेफ और बाल अधिकार संगठन सेव ‘दी चिल्ड्रन’ ने किया है और यह गुरुवार को प्रकाशित हुआ। इसके मुताबिक विविध प्रकार की गरीबी में रह रहे बच्चे- जिनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, घर, पोषण, साफ-सफाई और जल तक तक पहुंच नहीं है, उनकी संख्या महामारी शुरू होने के बाद से 15 फीसदी बढ़ गई है।

क्या कहती है यूनिसेफ की रिपोर्ट?

विश्लेषण में कहा गया, ‘विविध प्रकार की गरीबी में जी रहे बच्चों की संख्या कोविड-19 के कारण बढ़कर करीब 1.2 अरब हो गई है। यूनिसेफ ने एक बयान में कहा कि विविध प्रकार की गरीबी के आकलन में 70 देशों के शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, आवास, पोषण, स्वच्छता और जल के उपयोग के आंकड़े शामिल हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर

इसमें पता चला कि इनमें से करीब 45 फीसदी बच्चे अति आवश्यक ज़रूरतों में से कम से कम एक से वंचित हैं, उन देशों में जिनमें महामारी से पहले आकलन किया गया था। यूनिसेफ का कहना है कि आने वाले महीनों में यह स्थिति और बदतर हो सकती है।

“अधिक चिंता का विषय यह है कि हम इस संकट के अंत में नहीं,बल्कि आरंभ में हैं।”

यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा फोरे कहती हैं, “अधिक चिंता का विषय यह है कि हम इस संकट के अंत में नहीं बल्कि आरंभ में हैं। कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण लाखों बच्चे और अधिक गरीबी की स्थिति में चले गए।”

रिपोर्ट के मुताबिक अधिक संख्या में बच्चे गरीबी का सामना कर रहे हैं, इसके अलावा जो पहले से गरीब हैं, वे बच्चे और अधिक गरीब हो रहे हैं। फोरे ने कहा कि और अधिक बच्चे स्कूल, दवा, भोजन, जल और आवास जैसी बुनियादी जरूरतों से वंचित न हों इसके लिए राष्ट्रों को तत्काल कदम उठाने होंगे।

सेव दी चिल्ड्रन की सीईओ इंगर एशिंग ने कहा,

“इस महामारी ने इतिहास की सबसे बड़ी वैश्विक शिक्षा आपातकाल की स्थिति पैदा की है, गरीबी बढ़ने के कारण सर्वाधिक संवेदनशील बच्चों और उनके परिवारों का इससे उबरना और भी कठिन हो जाएगा।”

गौरतलब है कि यूनिसेफ की स्थापना दुनिया भर में बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और कल्याण के लिए की गई थी। यूनीसेफ विश्व में मौजूद स्वास्थ्य सेवा संस्थानों विशेषकर विश्व स्वास्थ्य संगठन आदि के साथ मिलकर बच्चों के स्वास्थ्य , स्वच्छता, शिक्षा एवं अन्य आयामों के लिए अभियान चलाती है। यूनिसेफ ने साल 1949 में भारत में कार्य करना प्रारम्भ किया था।

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