Site icon Youth Ki Awaaz

लॉकडाउन के बाद भी साफ नहीं हो सकी हैं नदियां : रिपोर्ट

कोरोना वायरस महामारी के दौरान लागू लॉकडाउन के चलते भले ही औद्योगिक गतिविधियां ठप रहीं लेकिन इस दौरान नदियों के पानी की गुणवत्ता में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने बुधवार को अपने 46वें स्थापना दिवस पर जारी रिपोर्ट में यह दावा किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि गंगा, व्यास, चंबल, सतलज और स्वर्णरेखा का पानी इस दौरान मानक पर खरा नहीं उतरा है, जबकि लॉकडाउन का असर दिल्ली से बहने वाली यमुना के 22 किलोमीटर के हिस्से पर ज़्यादा साफ झलक रहा था। हालांकि पानी की गुणवत्ता में हुआ सुधार शहर में बेमौसम बारिश का नतीजा हो सकता है।

प्राथमिक जल गुणवत्ता मानक पर भी खरा नहीं उतर रहा नदियों का पानी

सीपीसीबी ने अपनी रिपोर्ट ‘असिसमेंट एंड इंपैक्ट ऑफ लॉकडाउन ऑन वाटर क्वालिटी ऑफ मेजर रिवर्स’ में कहा है कि इन नदियों का पानी इतना खराब पाया गया है कि बाहर नहाने के लिए तय प्राथमिक जल गुणवत्ता मानक पर भी खरा नहीं उतरा है।

प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसके लिए लॉकडाउन के दौरान नदियों से जुड़े शहरों से बिना ट्रीटमेंट किए ज़्यादा सीवेज बहाए जाने और ड्राई सीजन के कारण उनके उद्गम स्थलों से कम मात्रा में ताजा पानी का डिस्चार्ज होने को कारण के तौर पर गिनवाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 20 राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों की निगरानी के दायरे में रखी गई 19 में से सात नदियों के पानी की गुणवत्ता में लॉकडाउन के दौरान सुधार देखा गया।

महानदी, नर्मदा सबसे साफ और घग्गर नदी की गुणवत्ता रही खराब 

सीपीसीबी के मुताबिक, नदियों की गुणवत्ता का विश्लेषण उनके पानी में पीएच मान, घुली हुई ऑक्सीजन (डीओ), बायोकैमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी), फीकल कोलिफॉर्म (एफसी) आदि मानकों के आधार पर किया गया। इसके बाद मिले परिणाम की तुलना पर्यावरण संरक्षण कानून-1986 के तहत तय किए गए खुले में स्नान के लिए प्राथमिक जल गुणवत्ता मानक से की गई थी।

इस मानक पर चार नदियों बैतरणी, महानदी, नर्मदा और पेन्नार को सौ फीसदी खरा पाया गया, जबकि घग्गर नदी का पानी बेहद खराब गुणवत्ता का मिला। साबरमती और माही नदी के पानी में लॉकडाउन से पहले और बाद में कोई अंतर नहीं पाया गया, जबकि ब्राह्मणी, ब्रह्मपुत्र, कावेरी, गोदावरी, कृष्णा, तापी और यमुना नदी के पानी में सुधार देखा गया।

Exit mobile version