आज हर चौथा व्यक्ति हार्ट की तकलीफ से परेशान है। जब भी किसी से बात करो तो पता चलता है कि फलां व्यक्ति को फलां दिन हार्ट अटैक आ गया। वैसे तो किसी भी व्यक्ति को हार्ट अटैक कभी भी आ सकता है लेकिन कई महीने या सप्ताह पहले ही हमारा शरीर हमें इसके बारे में संकेत देना शुरू कर देता है।
चूंकि हमें इसके बारे में कोई खास जानकारी नहीं होती इसलिए हम उन संकेतों को अनदेखा कर देते हैं। जिसके कारण यह हम पर भारी पड़ जाता है।
क्या होता है हार्ट अटैक?
हार्ट अटैक का मतलब होता है हार्ट में ब्लड सप्लाई करने वाली नसों में ब्लॉकेज हो जाना और उसकी वजह से हार्ट की मसल में होने वाली ब्लड सप्लाई का कम होना। इसके कारण हार्ट की मसल कमज़ोर होने लगती है और एक समय के बाद पूरी तरह से डैमेज होकर मर जाती है। परिणामस्वरूप हमें हार्ट अटैक पड़ता है।
हार्ट अटैक के लक्षणों को कैसे पहचानें?
- हार्ट अटैक के लक्षण सीधे तौर पर हार्ट से नहीं जुड़े होते लेकिन होते उसी हिस्से के आस-पास हैं। जैसे चेस्ट पेन (छाती में दर्द) होना। कभी-कभी छाती के बीच वाले हिस्से में दर्द के साथ दवाब महसूस होना, जलन होना।
- यह चेस्ट पेन लेफ्ट, राइट या बीच में कहीं भी हो सकता है। ज़्यादातर मामलों में हार्ट अटैक से पहले लेफ्ट शोल्डर, लेफ्ट आर्म के साथ-साथ गले और जबड़े में भी दर्द होता है।
- पेट में एसिडिटी (गैस) जैसा महसूस होना, जलन होना, पेट के उपरी हिस्से में दर्द होना।
- घबराहट होना और उसके साथ तेज पसीना आना।
- सांस फूलना, लंबी सांस लेना, सांस लेने में कठनाई होना आदि।
क्यों आता है हार्ट अटैक?
किसी भी व्यक्ति को हार्ट अटैक आने के कुल पांच कारण होते हैं:
- डायबिटीज़ हार्ट अटैक का पहला कारण है। डायबिटीज का मतलब होता है बॉडी में शुगर की मात्रा का अधिक होना। हाई शुगर एक समय बाद हार्ट की नसों को डैमेज करना शुरू कर देता है। इसके कारण हार्ट अटैक आता है।
- हाईपर टेंशन यानी बीपी हाई होना।
- बीड़ी पीना, सिगरेट पीना या किसी भी रूप में तंबाकू, गुटके का सेवन करना।
- बॉडी में हाई कोलेस्ट्रोल का बनना। आमतौर पर हम लोग तली हुई चीजों का सेवन करते हैं, जंक फूड खाते हैं, पैक्ड फूड खाते हैं, मीट इत्यादि का उपभोग करते रहते हैं, जो हमारी बॉडी में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ा देते हैं। इसके कारण भी हार्ट अटैक की समस्या पैदा होने लगती है।
- जेनेटिक फैक्टर यानी परिवार में किसी को हार्ट अटैक आया है, तो उसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों में भी हार्ट अटैक पड़ने के चांसेज बढ़ जाते हैं। इसके अतिरिक्त फिजिकली और मेंटली स्ट्रेस होने से भी हार्ट अटैक आते हैं।
हार्ट अटैक का इलाज
जब हार्ट की नसों का ब्लॉकेज हो जाता है, तो उनको खोलना ज़रूरी हो जाता है। ताकि नसें हार्ट के लिए ब्लड की सप्लाई कर सकें। यह कार्य दो तरीकों से होता है।
पहले तरीके में रोगी को बाहर से इंजेक्शन देकर ब्लॉकेज पार्ट को पिघलाया जाता है और दूसरे तरीके में इमरजेंसी में एजियोग्राफी करके ब्लॉकेज को एजियोप्लास्टी करके खोल दिया जाता है। आसान भाषा में इसे ही ‘बाल पड़ना’ कहते हैं।
हार्ट अटैक के बाद ध्यान रखने योग्य बातें
- शरीर का वजन ना बढ़ने दें।
- डाइट का ध्यान रखें।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
- स्मोकिंग ना करें।
- तंबाकू, गुटका, शराब आदि का सेवन ना करें।
- कोलेस्ट्रोल ना बढ़ने दें।
- पीबी का ध्यान रखें।
- बॉडी में शुगर की मात्रा ना बढ़े इसका ध्यान रखें।
- बिल्कुल भी स्ट्रेस ना लें।
- समय-समय पर डॉक्टर से मिलते रहें, सलाह लेते रहें।