वैसे तो हम सभी जानते हैं कि 2020 में ना जाने कितनी नकारात्मक दुर्घटनाएं हुई जिससे ना जाने कितने मासूम लोगों ने अपनी जान गवाई। उदाहरण के तौर पर कोरोना वायरस की महामारी जो आज भी चल रही है, ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग जिसने कई मासूम जानवरों की जान ले ली, आदि लेकिन इस महामारी के दौर में कुछ सकारात्मक परिवर्तन देखने को भी मिले हैं।
लॉकडाउन के दिनों में प्रदूषण में दिखी गिरावट
जिस समस्या का समाधान मानव जाति ना जाने कब से ढूंढ रही थी वह प्रकृति ने खुद ही कर दिया, लॉकडाउन के दौरान दिल्ली एनसीआर का लगभग 57.64 प्रतिशत प्रदूषण कम हुआ जिससे दिल्ली के लोगों को साफ हवा का आनंद मिला। इसके अलावा देश के 25 प्रदूषित शहरों में जिसमें नोएडा, गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा जैसे शहर शामिल थे वहां पर भी काफी हवा के प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखने को मिली ।
शहर | 2020 | 2019 | कमी (प्रतिशत में) |
गाजियाबाद | 35.75 | 104.40 | 65.75 |
दिल्ली | 35.92 | 84.80 | 57.64 |
नोएडा | 29.80 | 85.40 | 65.10 |
गुरुग्राम | 30.41 | 69.19 | 56.04 |
ग्रेटर नोएडा | 26.98 | 86.56 | 68.83 |
फरीदाबाद | 29.39 | 70.67 | 58.41 |
गंगा नदी में गोते लगाती हुई दिखी डॉल्फिन
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन से भले ही लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हो लेकिन इस वजह से धरती और प्रकृति के लिए एक सकारात्मक बदलाव के रूप में साबित हुआ है। यही वजह है कि दूषित हो रही नदियों और इंसानी गतिविधियों के चलते मुंह फेर लेने वाले जीव-जंतु एक बार फिर गोते मारते हुए दिखाई दे रहे हैं।
एक ऐसा ही बेहद सुन्दर नज़ारा मेरठ से आया है। जहां पर सालो बाद अति दुर्लभ जीव में शामिल डॉल्फिन गंगा नदी में तैरती हुई दिखाई दी।
भारत में दिखा पहला गोल्डन टाइगरजब भारत में लॉकडाउन हुआ तो इंसान घर में थे लेकिन बाहर के नज़ारे कुछ अलग ही देखने को मिले। ऐसा ही आश्चर्यचकित कर देने वाला दृश्य सामने आया काजीरंगा नेशनल पार्क से जहां गोल्डन टाइगर देखने को मिला। इस टाइगर को टैबी टाइगर और स्ट्रॉबेरी टाइगर के नाम से भी जाना जाता है।
क्राइम के ग्राफ और सड़क हादसे में भी दिखी भारी गिरावट
इस महामारी में ऐसी भी सकारात्मकता आई जिसने अपराध की दुर्घटनाओं पर ताला भी लगा दिया, उन तमाम जगहों पर भी जहां पर हर दिन चोरी चकारी जैसी वारदातें सामने आती थी उन पर भी लगाम लग गया यानी अपराध के आंकड़ों पर गौर करें, तो वह लगभग शून्य की स्थिति में थे।
पहले रोजाना तकरीबन भारत के हर ज़िले में एक लाख से ज़्यादा अधिक लोग गुनाह करते थे। शायद लोगों में इस महामारी का खौफ के साथ-साथ अपराध करने से भी डरा दिया गया है जिससे लोगों को भी काफी ज़्यादा राहत मिली है। लॉकडाउन होने के कारण सड़क दुर्घटनाओं में भी काफी कमी देखने को मिली है जिससे हादसे भी लगभग ना के बराबर हुए।
इन सारी सकारात्मक घटनाओं से साबित होता है कि लॉकडाउन से कुछ ना कुछ अच्छे बदलाव देखने को भी मिले हैं।