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रिया के मामले में मीडिया को सुप्रीम कोर्ट बनने की ज़रूरत क्यों पड़ी?

सुशांत सिंह राजपूत केस की शुरुआत आत्महत्या की वजह जानने को लेकर हुई थी। अभिनेता की आत्महत्या के बाद भारत की सो कॉल्ड जनता ने बॉलीवुड को कोसना शुरू कर दिया।

लोगों ने करण जौहर को बॉलीवुड का माफिया बताकर उसे ट्विटर वॉर द्वारा शिकार बनाना शुरू कर दिया। मुझे भी ऐसा लगने लगा कि हां शायद बॉलीवुड में काम ना मिलने और भाई-भतीजा प्रथा के चलते इस अभिनेता ने आत्महत्या कर ली है।

देखते ही देखते केस एक फिल्मी पटकथा में बदल गया

शुरुआत में बॉलीवुड को दोषी ठहराया गया, इसके बाद ड्रग्स का मामला आया और अब अभिनेता की प्रेमिका ज़िम्मेदार है। हालात यह हैं कि हर दिन इस केस में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। वैसे मैनें शुरू से ही डंके की चोट पर कहा था कि सुशांत सिंह की मौत पर राजनीति और व्यापार किया जा रहा है।

आप किसी अभिनेता की मौत को राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बना सकते हैं मगर देश की मेनस्ट्रीम मीडिया ने टीआरपी के गंदे खेल में अभिनेता के नाम और उसकी मौत का गलत इस्लेमाल किया। देश की जनता चाहती थी कि इस केस को सीबीआई को सौंपा जाए। मैं भी चाहता था कि आखिर सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए और ऐसा हुआ भी।

मीडिया को सुप्रीम कोर्ट बनने की ज़रूरत क्यों पड़ी?

देश के संविधान में लिखा है कि जब-जब कोई गलत काम या अपराध होगा उसके लिए न्यायपालिका है मगर मैंने क्या देखा कि मीडिया ट्रायल के नाम पर अभिनेता के परिवार और निजी जीवन से जुड़े हर तत्वों को जनता के सामने उजागर किया गया। मीडिया का यह ज़ुल्म यहीं समाप्त नहीं हुआ। जिस प्रकार मीडिया ने अभिनेत्री रिया चक्रवती को परेशान किया, क्या मीडिया किसी को भी कोर्ट द्वारा बिना साबित किए दोषी ठहरा सकता है?

क्या मीडिया के पास इतना अधिकार है कि राष्ट्रीय चैनल पर चिल्ला चिल्लाकर वह एक निर्दोष को दोषी साबित करे? जिसे कोर्ट ने अभी तक दोषी नहीं माना, ऐसे में मीडिया की हरकतों के बाद क्या होगा जब रिया निर्दोष साबित हो जाएंगी?

क्या एसी रूम में बैठकर चिल्लाने बाले एंकर रिया से माफी मागेंगे? क्या जनता रिया से उसके चरित्र को लेकर उठाए सवालों पर मांफी मागेगी? क्या होगा इस अभिनेत्री के भविष्य का और कौन ज़िम्मेदार होगा जिस तरह की छवि बना दी गई है।

बॉलीवुड में ड्रग्स आम बात है

आज हर चैनल पर बॉलीवुड में ड्रग्स को लेकर बात हो रही है। क्या आप सभी को लगता है कि बॉलीवुड में ड्रग्स का सेवन अभी से शुरू हुआ है? नहीं, ऐसा बिलकुल नहीं है। यह सब कई सालों से चल रहा है और आप संजय दत्त को कैसे भूल सकते हैं, जिन्होंने ड्रग्स से छुठकारा पाने के लिए क्य-क्या प्रयत्न नहीं किए?

तब वे लोग कहां थे, आखिर तब कोई आवाज़ क्यों नहीं उठाई गई? अब अचानक ही बॉलीवुड इनको ड्रग्स का सबसे बड़ा केंद्र दिखाई दिखने लगा। ड्रग्स का सुशांत सिंह की मौत से क्या लेना देना? सीबीआई का काम तो अभिनेता की इस आत्महत्या की वजह को पता लगाना है या फिर यह जानना है कि यह हत्या तो नहीं थी।

अगर CBI द्वारा रिया चक्रवर्ती को निर्दोष साबित किया जाएगा तो क्या होगा?

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