यह वही लोग हैं जो जुबान से ताकीद करते हैं ज्यादा ऊँची उडान मत उडो
हद में रहो,
उन्हें डर है कही ज्यादा ऊँची उड़ान भर ली तो वह मुझसे बराबरी का हक़ मांगेगी
इसलिए हर समय उसको हद में रहने के लिए कहते रहते हैं
उनके शब्द में फ़िक्र कम और कुंठा ज्यादा होती है
वो बाते बड़ी बड़ी करते हैं पर अपनी बराबरी में बैठी महिला को देखकर घबराते हैं
हर समय वह खुद को समझाते हैं,
महिला है यह और तरीको से आगे बढ़ी होगी
उसको हद में रखने के लिए सारे पैतरे चलते हैं
अगर वह नहीं मानी तो उसके शरीर को नोचकर अपनी हवस बुझाते हैं
फिर कहते हैं हद में रहो
नहीं तो तुम्हारा भी वही हस्र होगा|
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