गांधी बीसवीं सदी के सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्ति हैं जिनके अप्रत्यक्ष उपस्थिति आज भी उनके नाम को देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जीवंत रखती है।
उन्होंने भारत की कल्पना की और उसके लिए कठिन संघर्ष किया।
गांधी जी स्वाधीनता के लिए सिर्फ ब्रिटिश राज से मुक्ति ही नहीं बल्कि भारत को गरीबी निरक्षरता और अस्पृश्यता का से मुक्ति दिलाने का सपना देखते थे ।
वे चाहते थे कि देश के सारे नागरिक समानता की आजादी का सुख पा सकें।
उनके बहुत से परिवर्तनकारी विचार जिन्हे उस समय, कह परे कर दिया था , आज ना केवल उन्हें स्वीकार किया जा रहा है बल्कि अपनाया भी जा रहा है।
आज की पीढ़ी के सामने यह स्पष्ट किया जा रहा है कि गांधी एक नाम ही नहीं बल्कि एक विचारधारा है जिन्हें आज का युवा अपने मार्गदर्शक के रुप में स्वीकार भी कर रहा है और उनके सिद्धांतों पर अडिग भी है।
गांधीजी ने मेरे सपनों के भारत में कहा कि भारत की हर एक चीज मुझे आकर्षित करती है। सर्वोच्च आकांक्षाएं रखने वाले किसी व्यक्ति को अपने विकास के लिए जो कुछ भी चाहिए उसे वह भारत में मिल सकता है।
गांधी नाम ही नही बल्कि एक विचार धारा है और हर कोई गांधी नहीं हो सकता।
महात्मा गांधी की छवि आम तौर पर एक धीर-गंभीर विचारक, आध्यात्मिक महापुरुष और एक कड़क अनुशासन प्रिय राजनेता की रही है लेकिन उनकी विनोदप्रियता और हाज़िरजवाबी का भी कोई जवाब नहीं था.