पैदा होने से पहले बेटी मार दी जाती है।
जो बच गई वह जार दी जाती है।।
हिम्मत करके कोई मां यदि बचा ली बेटी,
तो बड़ी होने पर दरिंदों के शिकार हो जाती है।।
लचर व्यवस्था भ्रष्ट प्रशासन से आज शान शर्मिंदा हैं।
रक्षक बने हैं भक्षक, शर्मशार कानून के नुमाइंदा है।।
जरा सोचिए बेटी है तो,आज है कल है खुशियों का पल है।
बेटी मौज है मस्ती है शान है शौर्य है बेटी आत्म बल है।।
बेटी सुख है शांति है बेटी तीज त्यौहार है।
बेटी से ही सृजित यह सुंदर संसार है।।
बेटी बिना विरान दुनिया, गीत गजल किसे सुनाओगे।
कौन परोसेंगा प्यार की थाली,स्वाद कहां से पाओगे।।
किससे करोगे बात मन की,मन किससे बहलाओगे।
बेटी यदि नहीं रही तो किससे ब्याह रचाओगे।।
बेटी यदि नहीं रही तो किससे ब्याह रचाओगे।।
——————-VK Sharma author of Dil ki awaaz———————-