मोदी जी मेरा भारत भूखा है
आज जब समूचा विश्व कोरोना जैसी महामारी से ग्रसित है तब दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादीवाला देश भारत आत्मनिर्भर बनने का स्वप्न देख रहा है। सपने देखने एवं लक्ष्य रखने में कोई बुराई भी नहीं है।
भारत 107 देशों में से 94वें पायदान पर
कुछ दिनों पहले वैश्विक भुखमरी सूचकांक यानी ‘Global Hunger Index ’ 2020 जारी हुआ है जिसे “कंसर्न वर्ल्डवाइड” और “वेल्ट हंगर हिल्फे” द्वारा संयुक्त रूप से जारी की गई और यह सूचकांक हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जारी किया गया है। जिसमें भारत 107 देशों में से 94वें पायदान पर रहा। इस सूचकांक में भारत 27.9 स्कोर के साथ “सीरीयस” श्रेणी में शामिल है। जबकि पड़ोसी देश नेपाल का 73, बांग्लादेश का 75 और तो और पाकिस्तान भी 88वीं रैंक हासिल कर भारत से बेहतर रैंक पर है।
केवल 13 देश ऐसे हैं जिनकी भारत से भी दयनीय स्थिति है इन देशों में अफगानिस्तान, नाइजीरिया, मोज़ाम्बिक आदि शामिल हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत की 14 प्रतिशत जनसंख्या अल्पपोषित है। इस रिपोर्ट की मुख्य बातें यह रहीं कि भारत में बच्चों की उम्र के अनुपात में कम लंबाई 37.4% है। यह बात भी प्रमुखता से सामने आई है कि भारत, नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश के उन घरों में बच्चे स्टंटिंग से ज़्यादा ग्रसित हैं जहां गरीब एवं मातृत्व शिक्षा का निम्न स्तर है।
वैश्विक भुखमरी सूचकांक में 0 से 100 के बीच स्कोर दिया जाता है
रिपोर्ट के अनुसार बहुत सारे देशों में भुखमरी में सुधार हो रहा है जबकि कुछ देशों में स्थिति और बदतर हुई है। GHI (वैश्विक भुखमरी सूचकांक) में 0 से 100 के बीच स्कोर दिया जाता है। जिस देश का GHI स्कोर 0 होता है वहां संभवतः भुखमरी नहीं होती है। जिस देश का स्कोर 100 होता है वहां की स्थिति सबसे खराब होती है। सूचकांक को पांच श्रेणियों में बांटा गया है-
- Low (9.9 स्कोर से कम या बराबर) Moderate (10 से 19.9)
- Serious (20 से 34.9)
- Alarming (35 से 49.9)
- Extremely Alarming (50 या उससे अधिक)
2012 से Moderate, Serious और Alarming श्रेणी के 46 देशों ने GHI स्कोर में सुधार किया है। जबकि इसी श्रेणी के 14 देश ऐसे हैं जहां भुखमरी और कुपोषण की स्थिति और अधिक बदतर हुई है। इसी स्थिति को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 2012 में “0 हंगर चैलेंज” यानी 2030 तक विश्व को भुखमरी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। जिसे दुनिया के लगभग 37 देश 2030 तक प्राप्त नहीं कर सकेंगे। आपको बता दूं वर्ष 2018 में भारत की रैंक 119 देशों में 103 थी जबकि पिछले वर्ष 117 देशोंमें 102 रैंक थी। इस वर्ष रैंक में सुधार तो अवश्य हुआ है लेकिन समस्या का निवारण अभी कोसों दूर हरे। वर्ष 2018 में श्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 2022 तक भुखमरी रहित करने के लिए “प्रधानमंत्री पोषण अभियान” शुरू किया था। हम आगे भी उम्मीद करते हैं कि सरकार अपने दायित्व को समझते हुए कृषि प्रधान देश में किसी को भूखा न सोने देगी।