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मोनीका दास पीठासीन पदाधिकारी बन कर संभालेंगी बूथ की जिम्मेदारी

विधान सभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. ऐसे में जहां एक ओर चुनावी बिसात तैयार हो रही है वहीं निर्वाचन आयोग अपनी तैयारियों में जुट चुका है. इस साल थर्ड जेंडर यानी की ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के लिए खुशखबरी है. पहली बार ऐसा होगा जब आम लोगों के साथ एक ट्रांसजेंडर पीठासीन अधिकारी के तौर पर विविक संचालन और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी  निभाने का कार्य करेंगी. कंकड़बाग की रहने वाली मोनीका दास कैनरा बैंक में ऑफिसर के पद पर कार्य कर रही हैं. निर्वाचन आयोग की ओर से उनका चयन पीठासीन अधिकारी के रूप किया गया है जिसकी जिम्मेदारी मतदान केंद्र पर मतदान प्रक्रिया का संचालन शांतिपूर्ण तरीके से कराना है|

मोनीका इससे पहले देश की पहली ट्रांसजेंडर बैंकर बन चुकी है और अब वे विधान सभी चुनाव में पीठासीन अधिकारी के तौर पर नियुक्त की गयी. ट्रांसजेंडर के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि किसी ट्रांसजेंडर को मतदान कराने से लेकर मॉनिटरिंग का काम दिया गया है. इसकी ट्रेनिंग इसी महीने की आठ तारीख को उन्हें दी जायेगी. मोनीका पटना कॉलेज से सोशियोलॉजी ऑनर्स से अपना ग्रेजुएशन और पटना लॉ कॉलेज से अपनी लॉ की पढ़ाई पूरी की. मोनीका बताती हैं कि ट्रांसजेंडर समुदाय को लोग अलग नजरिये से देखते हैं ऐसे में उनका इस तरह से चुना जाना उन सभी ट्रांसजेंडर्स के लिए मिसाल है जो अपने समुदाय के लिए कुछ करना चाहते हैं. मैं इस चुनौती को स्वीकार करते हुए अपना बेस्ट दूंगी|

स्मिता पांडे, कैनरा बैंक हनुमान नगर, क्लर्कियल स्टाफ कहती है की मैं पिछले दो साल से मोनीका के साथ काम कर रही हूं. हाल ही में उनका प्रमोशन हुआ है और वे बैंक के दूसरी शाखा में कार्य कर रही हैं. मुझे कभी नहीं लगा कि वे हममें से अलग हैं. हम एक टीफिन शेयर करते हुए अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी से जुड़ी बातों को शेयर करते आये हैं. बेहद खुश हूं कि उन्हें एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने का मौका मिला है|

पीठासीन अधिकारी के काम
– भारतीय निर्वाचनों के संचालन के संदर्भ में पीठासीन अधिकारी की भूमिका और जिम्मेदारी सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती हैं.
– पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारियों की टीम संवैधानिक दायित्वों और आयोग के निर्देशों को वास्तविक तौर पर एक मतदान केंद्र में रूपांतरित करते हैं.
– जिससे स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और सुदृढ़ निर्वाचन प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जा सके.
-चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले मॉक पोल का आयोजन किया जाता है
– इस दौरान पीठासीन अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होता है कि सारी इवीएम मशीनें बूथ में कार्य कर रही हैं या नहीं.
– ये मतदान प्रक्रिया को सुगम बनाते हुए चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करते हैं.
– मतदान समाप्ति के पश्चात चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार इवीएम मशीनों को सील कर निर्धारित टीम को सौंपने का दायित्व पीठासीन अधिकारी का होता है.

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