कोरोना वायरस से संपूर्ण विश्व में आपातकाल और लॉकडाउन होने के कारण वातावरण पर अच्छा असर दिखा जिससे शहरों में वापस विभिन्न प्रकार की चिड़िया देखने को मिली । जो चिड़िया हमें लगती थी कि वह विलुप्त हो चुकी हैं उन्हें भी वापस देखा वह भी अपने घर के नजदीक । चिड़ियों को भी शायद स्वच्छ हवा और साफ वातावरण शहर में देखने को मिला होगा इसलिए वह शहर की तरफ वापस आयी । COVID 19 ने भले ही मुश्किलों को पैदा कर दिया होगा लेकिन अपने परिवेश और पर्यावरण के प्रति इंसान को सचेत भी किया इससे वातावरण में सुधार देखने को मिला और पक्षियों का कलरव सुनने का अवसर भी प्राप्त हुआ ।
धूप सेखता हुआ लैपविंग फोटो साभार :- आदित्य कंचन
सफेद कबूतर फोटो साभार :- आदित्य कंचन
जो चिड़िया मूल रूप से वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में दिखा करती थी उन्हें भी बहुत ही करीब से देखने का मौका मिला उदाहरण के तौर पर जैसे किंगफिशर , बीईटर , शिकारा , मोरनी एवं मोर आदि अन्य पक्षी देखने को मिले । इसके अतिरिक्त मुंबई में रंग बिरंगी फ्लैमिंगो का झुंड भी देखने को मिला था।
गौरैया फोटो साभार :- आदित्य कंचन
तारों पर आनंद लेती हुई 3 हरी (Bee-eater) फोटो साभार :- आदित्य कंचन
दर्जिन चिड़िया (Tailorbird ) फोटो साभार :- आदित्य कंचन
(White Breasted Kingfisher) किंगफ़िशर चमकीले नीले रंग का होता है, गर्दन और नीचे का भाग चाकलेटी भूरा होता है
बालकनी में आ गया तीन मोरनी का झुंड जिसे देखकर लोग हो गए थे हैरान
फोटो साभार :- आदित्य कंचन
निष्कर्ष :
ऐसा माना जा रहा है कि इस साल लगभग 10,000 पक्षियों की संख्या बड़ी है । अर्थात हमें संकल्प लेना होगा कि इन विषम परिस्थितियों के अनुभव से हमें भीतर प्रकृति के बेहतरीन सामंजस्य स्थापित करने की भावना को विकसित करना होगा ताकि हमारे आसपास के वातावरण और पक्षियों को एवं इंसानों को स्वयं एक अच्छा जीवन व्यतीत करने का अवसर प्राप्त हो साथ-साथ इंसान और वातावरण और पशु पक्षियों के बीच एक अनोखा रिश्ता साबित हो पाए ।