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हर्षा मिश्रा : भारत की नई शिक्षा नीति 2020

वर्ष 2020 के रूप में सम्पूर्ण विश्व मे प्रवृत्त एक समस्यागत महामारी कोरोना के बारे में चिंतित है, वहीं भारत मे यह वर्ष एक नव परिवर्तन के लिए भी चर्चा में है।जी हां सन 1986 के पश्चात देश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है।
29 जुलाई 2020 में घोषित की गई यह नीति, अंतरिक्ष वैज्ञानिक श्री केकस्तूरीरंगन जी की प्रविष्टि वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित है। नीति के कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं —–
* सकल नामांकन अनुपात को 100% तक करने गया गो रखा गया।

 

* सकल घरेलू उत्पाद का 6% शिक्षा के क्षेत्र पर व्यय करने का लक्ष्य रखा गया है।

* “मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय” नाम संशोधित कर “शिक्षा मंत्रालय” रखा गया है।

* 5 वीं तक कि शिक्षा में मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा को शिक्षा का माध्यम के रूप में के लिए जाने का निर्णय भी लिया गया है।

* 8 वी तक की शिक्षा का माध्यम मातृभाषा के आधार पर तय किया गया है।

* १० + २ वर्ष के स्थान पर ५ + ३ + ३ + ४ अंक क्रियान्वित की जाएगी।जिसमें निजी विद्यालयों की भांति ही नर्सरी की पढ़ाई आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देकर सुचारू रूप से संचालित करने का निर्णय भी लिया गया है।

* प्रथम में प्रथम फाउंडेशन चरण होंगे ,, दूसरा प्रिपेरोटरी तीसरा मिडल और चौथा सेकंडरी स्टेजेस रखे गए हैं।

* बारहवीं के बाद विभिन्न क्षेत्र में जाने के लिए सिर्फ एक बार पात्रता परीक्षा दी जाएगी ,, हर विश्वविद्यालय को उसी के अनुरूप या आधार पर बच्चोंको प्रवेश दिए जाने जाना होगा, अर्थात अलग-अलग परीक्षाओं देनी की नौबत नहीं आएगी।

* ऐसी ही बहुत सारी अच्छी बातें इस नीति से जुड़ी गयी हैं, अब देखना यह है कि यह नीति फलदायी साबित होती है या नहीं ..

हर्ष मिश्रा
रायपुर

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