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काश हमारे देश में युवाओं को लाइफ पार्टनर चुनने की आज़ादी होती”

प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रतीकात्मक तस्वीर

इस लेख के ज़रिये मैं विवाह के दौरान चयन की आज़ादी पर बात करूंगा। विवाह निजी जीवन का महत्वपूर्ण निर्णय है लेकिन जब यह निर्णय लेने की बारी आती है, तब लड़के या लड़की की निजी राय को नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। भारत के ग्रामीण इलाकों में यह ज़्यादा पाया जाता है।

दहेज अथवा अन्य प्रभावशाली कुप्रथाओं के कारण लड़का या लड़की को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार उनके घरवाले नहीं देते हैं।ऐसा भी देखा जाता है कि जब कोई लड़का या लड़की अपने घरवालों के खिलाफ जाकर विवाह करता है, तब उसे या तो परिवार से बाहर कर दिया जाता है या इतना परेशान किया जाता है कि दोनों एक दूसरे को छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर

हमने गाँव में देखा है कि जब भी लड़के या लड़की के जीवनसाथी के चयन की बात आती है, तब माता-पिता या कोई रिश्तेदार ही इसमें हस्तक्षेप करते हैं। लड़की के व्यक्तिगत राय को सीधे खारिज कर दिया जाता है मगर लड़कों के मामले में कुछ हद तक उनकी बात सुनी जाती है, क्योंकि हमारा समाज पुरुष प्रधान है ना!

आज़ादी के 70 सालों बाद भी यदि हम चयन की स्वतंत्रता पर बात करें तो यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने को चकनाचूर करने के बराबर है।

हमारे जान-पहचान की एक लड़की थी जिसकी शादी से पहले घरवालों ने एक बार भी नहीं पूछा कि लड़की को लड़का पसंद है या नहीं। उसकी शादी हो गई लेकिन विवाह के बाद भी लड़की खुश नहीं रह पाई। इस तरह से शादी के दो साल बाद ही उसकी मौत हो गई।

इतना दर्दनाक जीवन का दृश्य परिवार वालों के कुकृत्य का परिणाम था। ऐसी बहुत सारी घटनाएं हैं, जिनमें लड़की या लड़के के पसंद के खिलाफ शादी तो हो जाती है लेकिन शादी के बाद दांपत्य जीवन में उसका बहुत प्रभाव पड़ता है। अंततः संबंध विच्छेद या जीवन का अंत हो जाता है।

यदि हम ऐसी चीज़ों को रोकने में सफल होंगे तभी आज़ादी की सार्थकता होगी। अब हमें उस ज़माने की बातें छोड़ देनी चाहिए जब जाति, संप्रदाय और अन्य मुद्दे वैवाहिक संबंध में बाधा बनते थे।

आज की तारीख में काफी कपल्स ऐसे हैं, जो एक दूसरे को बहुत चाहने के बाद भी साथ जीवन नहीं व्यतित कर पाते हैं। अतः हमारा आप सभी से निवेदन है कि इस आज़ादी को पूर्ण आज़ादी में तब्दील करें। अपने-अपने घर और समाज में विवाह जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले संबंधित लड़के और लड़की की राय प्राथमिकता के तौर पर अवश्य जानने की कोशिश करें।

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