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मोबाइल मार्केटिंग के क्षेत्र में कैसे बनाएं अपना करियर

लैंडलाइन से लेकर कीपैड और हाई रेसोलुशन टच स्क्रीन्स तक, मोबाइल फोन्स एक लंबा सफर तय कर चुके हैं। आज मोबाइल फोन्स न केवल संचार के लिए उपयोग किया जाने वाला डिवाइस है, बल्कि यह लोगों की दैनिक आवश्यकताओं को भी पूरा कर रहा है।

खाने का ऑर्डर देने से लेकर, बिल का भुगतान करने, टिकट बुक करने, कैब बुक करने, अपॉइंटमेंट शेड्यूल करने और पढ़ने तक, मोबाइल द्वारा सभी कुछ किया जा सकता है। ग्राहकों से जुड़े रहने का सबसे बेहतर तरीका मोबाइल फोन है, कॉरपोरेट सेक्टर, मोबाइल मार्केटिंग की कई टेक्निक्स को अपना रहा है।

किसी भी ब्रांड को ढूंढने, ब्रांड्स को कम्पेयर करने, सेलेक्ट करने और अंत में अपने चुनिंदा ब्रांड के साथ एंगेज होने की पूरी प्रकिया, मोबाइल फोन्स के बढ़ते यूसेज़ के साथ बदल गई हैं। इन बदलावों के साथ आगे बढ़ने के लिए ब्रांड्स एडवांस्ड मोबाइल मार्केटिंग टेक्निक्स पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ताकि उनका कस्टमर बेस हमेशा संतुष्ट रहे।  

ब्रांड्स के लिए मोबाइल मार्केटिंग क्यों मायने रखती है?

सरल शब्दों में मोबाइल मार्केटिंग, मोबाइल फोन यूज़र्स के लिए मार्केटिंग स्ट्रैटेजीज़ और कैम्पेन्स सोचने, बनाने, एग्ज़िक्यूट करने व एनेलाइज़ करने की प्रक्रिया है। ब्रांड्स अपने मौजूदा और आने वाले ग्राहकों को उनकी पसंद, चीज़ें खरीदने की आदत व लोकेशन जैसे फेक्टर्स पर टारगेट करते हैं।

ये फेक्टर्स ब्रांड्स को मार्केटिंग कैम्पेन्स द्वारा अपने प्रोडक्ट संबंधित अवेयरनेस बनाने, मौजूदा प्रोडक्ट्स में ज़रूरी बदलाव करने और नए प्रोडक्ट्स बनाकर ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता करते हैं। नया हो या प्रसिद्ध, हर ब्रांड का उद्देश्य अपने कस्टमर बेस को बढ़ाना होता है।

जब ग्राहक एक बार किसी ब्रांड के प्रोडक्ट्स या सर्विसेज का उपयोग करने लगते हैं, तो वे हर बार बेहतर सर्विस की उम्मीद करने लगते हैं। अगर कोई ब्रांड ग्राहकों की उम्मीदें हर बार पूरी करने में सक्षम होता है, तभी ब्रांड के प्रति कस्टमर की लॉयल्टी बनती है।

अंततः इससे बाज़ार में ब्रांड की पोज़ीशन, सेल्स, रेवेन्यू और प्रॉफिट बढ़ता है, क्योंकि मोबाइल एक कॉस्ट इफेक्टिव, पेर्सनलाइज़्ड और सबसे अधिक यूज़र बेस वाला डिवाइस है। यह ब्रांड्स को कस्टमर से जोड़ता है और पूरी प्रॉसेस को आसानी से कम्पलीट करने में सहायता करता है। इसलिए ब्रांड्स को अपनी सेल्स बढ़ाने और साल-दर-साल अधिक प्रॉफिट कमाने के लिए मोबाइल मार्केटिंग की आवश्यकता होती है।

कैसे सीखें मोबाइल मार्केटिंग?

मोबाइल मार्केटिंग में कई स्ट्रेटेजीज़ जैसे- लोकेशन बेस्ड मार्केटिंग, ऐप बेस्ड मार्केटिंग, इन गेम मार्केटिंग, QR कोड, SMS और सर्च, इमेज, व वीडियो ऐडवर्टाइज़मेंट शामिल होती है। मोबाइल मार्केटर बनने के लिए या तो आप इन सभी में से किसी एक स्किल को सीख सकते हैं या फिर ऑनलाइन ट्रेनिंग द्वारा मोबाइल मार्केटिंग के सभी कॉन्सेप्ट्स को सीख सकते हैं।

आमतौर पर केवल मोबाइल मार्केटिंग पर केंद्रित ट्रेनिंग ढूंढना मुश्किल है मगर एक डिजिटल मार्केटिंग ट्रेनिंग द्वारा आप इसे सीख सकते हैं। डिजिटल मार्केटिंग ट्रेनिंग आपको मोबाइल मार्केटिंग का ओवर व्यू देने के साथ-साथ कई कॉन्सेप्ट्स सिखाती है जैसे – मोबाइल यूज़र्स को कैसे टारगेट करें और ऐप इंस्टालेशन के लिए यूनिवर्सल कैम्पेन्स कैसे बनाएं।

ट्रेनिंग में कई असाइनमेंट्स और एक्सरसाइजेज़ भी होती हैं जो आपकी प्रैक्टिकल स्किल्स डेवेलोप करने में मदद करती हैं। ट्रेनिंग कम्पलीट होने के बाद आप विभिन्न मोबाइल मार्केटिंग टेक्निक्स सीखने के साथ-साथ मोबाइल ऐप को अधिकतम इंस्टॉलेशन के लिए प्रमोट करना और एडवर्टाइज़िंग कैम्पेन्स बनाना व एक्सेक्यूट करना सीख जायेंगे।

मोबाइल मार्केटर्स के लिए करियर के अवसर

क्योंकि प्रोफेशनल मोबाइल मार्केटर्स की डिमांड बढ़ती जा रही है, इस इन-डिमांड स्किल को सीख कर आप अपने पसंद के किसी भी क्षेत्र में आकर्षक जॉब्स प्राप्त कर सकते हैं। चाहे आपको ऐडवर्टाइज़िंग में दिलचस्पी हो या मोबाइल ऐप्स में, सभी के लिए मोबाइल मार्केटिंग के क्षेत्र में अनेक अवसर हैं।

मोबाइल मार्केटर्स या तो फ्रीलांसर के रूप में काम कर सकते हैं, या आकर्षक सैलरी वाले जॉब रोल्स जैसे मोबाइल ऐडवर्टाइज़मेंट सेल्स एग्ज़ीक्यूटिव, यूजर एक्वीजीशन मैनेजर, ऐप मार्केटिंग मैनेजर, एड्स मार्केटिंग मैनेजर, मोबाइल कैम्पेन मैनेजर, मोबाइल मार्केटिंग मैनेजर, या कंटेंट मैनेजर के रूप में कार्य कर सकते हैं।  

मोबाइल एकमात्र ऐसा डिवाइस है जो हमेशा यूजर के साथ होता है। एडवांस्ड टेक्नोलॉजी जैसे वौइस् सर्च, इंटेलीजेंट मैसेज, मोबाइल वॉलेट, और ऑगमेंटेड एक्सपीरियंस के चलते ब्रांड्स के लिए ग्राहकों के जीवन को बेहतर रूप से समझना आसान हो गया है।

मोबाइल मार्केटिंग ब्रांड्स को यूज़र्स की गतिविधियों को ट्रैक करने और इंटरेक्टिव स्ट्रेटेजीज़ बनाने में सहायता करता है ताकि ग्राहक अपनी परचेज़ साइकिल पूरी किए बिना ऐप या वेबसाइट से बहार ना जाए।


लेखक के बारे में – सर्वेश अग्रवाल, इंटर्नशाला के संस्थापक और सी.ई.ओ. हैं। इंटर्नशाला, एक इंटर्नशिप व ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म हैं (ट्रेनिंग्स.इंटर्नशाला.कॉम)

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