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“शादी नहीं हुई है लेकिन बहुत खुश हूं”

पवन कहते हैं कि अगर उनकी शादी हो गई, तो शायद उन्हें सांस लेने में भी परेशानी हो जाए! आइए जानते हैं कि क्या इसमें कुछ सच्चाई भी है या फिर सिर्फ अकेले रहने का मज़ा लेने के लिए वो ऐसा कहते हैं?

36 वर्षीय पवन दिल्ली में एक फ्रीलांस फोटोग्राफर हैं। उन्होंने अपनी कहानी लव मैटर्स की स्रबोनी के साथ साझा की।

ज़रूरत का साथी

जब मैं घर लौटा तो सुबह हो चुकी थी। मैं पूरी रात अपने दोस्त अंशुल के साथ अस्पताल में था। उसे फूड पॉइज़निंग हुई थी, जिसकी वजह से वह इतना कमज़ोर हो गया था कि उसे अकेला नहीं छोड़ा जा सकता था। चूंकि मैं बस उसके ठीक बगल में रहता हूं, इसलिए जब मैंने उसे इस हालत में देखा तो उसे सेलाइन ड्रिप के लिए अस्पताल ले आया।

यही कारण है कि मैं अपने परिचितों के बीच रात 2 बजे वाला दोस्त के रूप में लोकप्रिय हूं। वे आधी रात को भी मेरे लिए कुछ भी कर सकते हैं। भगवान का शुक्र है कि आज रविवार है और मैं दोपहर तक सो सकता हूं। मुझे परेशान करने वाला कोई नहीं है। आप पूछ सकते हैं कि क्यों? क्योंकि मैं सिंगल हूं और और मुझे इस तरह रहना ही पसंद है।

फ्लर्ट करने की आज़ादी!

मेरी अच्छी दोस्त अक्षरा ने जब अपनी अविवाहित सहेली से मुझे मिलाने की कोशिश की तो अगले ही दिन मैंने उससे कहा कि यदि मैंने शादी कर ली तो तुम मुझे उतना प्यार नहीं करोगी।

लेकिन लोगों को यह समझाना मुश्किल है कि मैं अकेले ही बहुत खुश हूं। मुझे अपने आप से प्यार है। इससे मुझे अपने तरीके से अपनी ज़िंदगी जीने की पूरी आज़ादी है। लोग मुझसे पूछते हैं कि जब तुम घर लौटते हो तो क्या तुम्हें खाली घर में अकेलापन महसूस नहीं होता? मैं वास्तव में घर लौटने के लिए उत्सुक रहता हूं और दिनभर के काम के बाद अपने समय का आनंद लेता हूं। कभी-कभी जब मुझे घर में अच्छा नहीं लगता तो मैं सीधे अपने दोस्त के पास जाता हूं।

मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे इस तरह के दोस्त मिले हैं और मैं उनका हमेशा आभारी रहूंगा। मैं उनके कुछ प्यारे बच्चों की अच्छी तरह देखभाल करने और उनके साथ खेलने के लिए लोकप्रिय हूं। मेरे कई शादीशुदा दोस्त मुझसे जलते भी हैं, जो कभी-कभी सिर्फ खुद को जीना चाहते हैं और अकेले रहना चाहते हैं, बिना किसी ज़िम्मेदारियों के बोझ के।

ज़िंम्मेदारियां और मासिक किस्तें

मैंने महसूस किया है कि समय और उम्र के साथ व्यक्ति अपनी स्वतंत्रता के लिए अभ्यस्त हो जाता है। मुझे अपना जीवन और अपनी आज़ादी को चौबीसो घंटे किसी दूसरे व्यक्ति के साथ बांटने के ख्याल भर से ही डर लगता है। मैं डरता हूं कि अगर हमारी रुचि और पसंद एक जैसी नहीं हुई, तो क्या होगा। इसके अलावा शादी के बाद ज़िम्मेदारियों और ईएमआई का भी तो बोझ बढ़ जाता है।

एक फ्रीलांस फोटोग्राफ़र के रूप में मुझे शायद यह चुनने की लक्ज़री छोड़नी होगी कि मैं कितना काम करना चाहता हूं।

मुझे शादी ना करने का पछतावा सिर्फ तब होता है, जब मैं ऐसी ज़गहों पर जाता हूं जहां कुंवारे पुरुषों को जाना मना होता है। इसके अलावा त्यौहारों के दौरान मैं सोचता हूं कि मेरा भी परिवार हो लेकिन अक्सर ज़्यादा सोचने की बज़ाय मैं अपने दोस्तों के यहां चला जाता हूं, जो ऐसे समय में मेरे लिए परिवार से ज़्यादा मायने रखते हैं।

बचने के लिए कुंडली का इस्तेमाल

एक सिंगल व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी चुनौती है लोगों से निपटना! दोस्त, सहकर्मी, रिश्तेदार सब-अलग अलग तरह से पूछ-पूछकर परेशान कर देते हैं! मैंने इस तरह के हमलों से निपटने के लिए कुछ हथियार खोज लिए हैं!

इनमें से मैं अपने सबसे पसंदीदा हथियार का तब इस्तेमाल करता हूं, जब आटिंयां आए दिन कोई-ना-कोई शादी का प्रस्ताव लेकर मेरे पास पहुंची रहती हैं।

“आंटी, मेरी कुंडली में लिखा है कि अगर मेरी शादी हुई तो मेरी पत्नी बहुत जल्द विधवा हो जाएगी।” यह मेरा ब्रम्हास्त्र है। मेरा यह ज़वाब सुनकर उन आंटियों का चेहरा देखने लायक होता है।

अपने मित्रों और सहयोगियों के लिए मेरा जवाब बहुत सामान्य रहता है। मैं बस उन्हें याद दिलाता हूं कि शायद वे भी अब अकेले रहने का मज़ा और अपनी बैचलर लाइफ बहुत याद करते होंगें।


द्वारा Sraboni Basu

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