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वर्चुअल रामलीला के राम और लक्ष्मण का इंटरव्यू

मंगल भवन अमंगल हारी,

द्रवहु सुदसरथ अजर बिहारी।

यह दोहे इन दिनों ना केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में गाए जा रहे हैं, क्योंकि दशहरा के दिनों में इसका गायन आम होता है। भारत के साथ-साथ अन्य कई देशों में भी इन दिनों रामलीला का मंचन होता है। रामलीला मंचन अर्थात भगवान श्री रामचंद्र के जीवन की लीला को अपने अभिनय से लोगों को रूबरू कराना।

एक तरफ जहां वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने लगभग सभी बड़े धार्मिक अनुष्ठानों और आयोजनों को रद्द कर दिया है, वहीं भारत में इस वर्ष कुछ ही रामलीलाओं का आयोजन हो रहा है। प्रशासन ने रामलीला आयोजन की अनुमति तो दी लेकिन एहतियात के तौर पर दर्शकों को बुलाने पर पाबंदी लगा दी है। कहीं पर रामलीलाएं केवल परंपरा को जीवित रखने हेतु की जा रही हैं। तो वहीं कुछ रामलीलाएं वर्चुअल रूप से आयोजित की जा रही हैं।

इन्हीं वर्चुअल रामलीलाओं में सबसे प्रमुख है भगवान श्री रामचंद्र की जन्मभूमि ‘अयोध्या’ की रामलीला, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से खासा सहयोग मिला है। इसे दूरदर्शन व डीडी भारती पर सायं 7:00 से 10:00 बजे के बीच लाइव प्रसारित की जा रही है। खास बात यह है कि इसमें टीवी कलाकार भी अभिनय कर रहे हैं। जैसे- असरानी ने नारद मुनि का, अवतार गिल ने राजा जनक का, रवि किशन भरत का, मनोज तिवारी ने अंगद का और शाहबाज़ खान रावण की भूमिका में नज़र आ रहे हैं।

मैंने बात करी इस रामलीला में श्रीराम का किरदार निभा रहे सोनू डागर और लक्ष्मण का किरदार निभा रहे लवकेश धालीवाल से। सोनू डागर बुलंदशहर के मूलनिवासी हैं। वहीं, लवकेश नई दिल्ली में ही पले-बढ़े हैं।

प्रस्तुत हैं मेरी बातचीत के प्रमुख अंश:-

प्रश्न- आप दोनों ने पढ़ाई कहां से की है?

उत्तर- सोनू ने बताया कि उनकी पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है और उन्हें थिएटर का भी 1 वर्ष का अनुभव है। उन्होंने एक्टिंग का कोर्स भी किया हुआ है।

वहीं, लवकेश ने बताया कि चूंकि वो दिल्ली के ही रहने वाले हैं। इसलिए उनकी पढ़ाई भी दिल्ली से ही हुई है। उन्हें रामलीला करते हुए 14 वर्ष हो गए हैं। लक्ष्मण का किरदार निभाते हुए लगभग 9 वर्ष हो चुके हैं। उन्होंने मुंबई से एक्टिंग कोर्स किया हुआ है। लक्ष्मण की सशक्त भूमिका निभाने हेतु उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं।

प्रश्न- रामलीला के साथ-साथ कुछ और भी शौक हैं? या किसी अन्य क्षेत्र में रुचि?

उत्तर- सोनू ने बताया कि उन्हें एक्टिंग करने का ही शौक है और वो आगे भी एक्टिंग को जारी रखना चाहेंगे। वहीं, लवकेश ने बताया कि वो रामलीला के साथ-साथ एक कोरियोग्राफर भी हैं। दिल्ली के नामचीन बड़े स्कूलों में वो एनुअल फंक्शन में कोरियोग्राफी सिखाते हैं। करीब 10000 से ज्यादा स्टूडेंट्स उनसे जुड़े हुए हैं और डांस के गुर उनसे सीखते हैं।

प्रश्न- रामलीला के अलावा और कहां एक्टिंग की है आपने?

उत्तर- लक्ष्मण का किरदार निभा रहे लवकेश ने बताया कि पांचवी कक्षा में उन्होंने अपने स्कूल में ‘सुनो गौर से दुनिया वालों’ पर एक्ट किया था, जिसे स्कूल के प्रबंधन समिति ने बहुत सराहा और तब से उन्हें लगा कि वो एक्टिंग कर सकते हैं।

वो बताते हैं, “इस तरह मेरे एक्टिंग करियर की शुरुआत हुई। शुरुआत में मुझे रामलीला में केवल द्वारपाल जैसे छोटे रोल ही मिलते थे फिर एक दिन मैं जब परशुराम के रोल के लिए ऑडिशन देने गया, तो मुझे परशुराम की जगह लक्ष्मण का रोल दिया गया और इसी तरह पिछले 9 वर्षों से मैं लक्ष्मण का किरदार निभा रहा हूं।”

वहीं, सोनू डागर ने बताया कि रामलीला से पूर्व वो तीन सीरियलों में काम कर चुके हैं। एक कलर्स पर शक्ति सीरियल में, दूसरा सोनी पर प्रसारित हुए विघ्नहर्ता गणेश में चंद्रदेवता का और स्टार भारत पर प्रसारित हुए जय कन्हैया लाल की में।

सोनू बताते हैं, “कॉलेज के दिनों में मेरे दोस्त मुझसे कहा करते थे कि तेरे लुक्स अच्छे हैं, मॉडलिंग में ट्राई कर। सीरियल्स के साथ-साथ मैंने ऑनलाइन शॉपिंग के विज्ञापनों में भी काम किया है।”

लवकेश धालीवाल ने बताया कि एक बार उनके एक दोस्त की माँ ने जब उनसे यह पूछा कि आगे क्या करोगे? और लवकेश जब ने कहा कि आंटी एक्टिंग ही करनी है। तो उनकी आंटी ने कहा कि तू क्या किसी स्टार की औलाद है? वह बात लवकेश को बहुत चुभी और उन्होंने ठाना कि अब अपनी एक्टिंग से ही लोहा मनवाना है।

प्रश्न- ना केवल भारत, बल्कि पूरा विश्व दूरदर्शन और डीडी भारती के माध्यम से आपके अभिनय को लाइव देख रहा है। कैसा लगता है आपको ?

उत्तर- राम की भूमिका में सोनू ने बताया कि हमें नहीं पता था कि इतने बड़े स्तर पर रामलीला का आयोजन यहां होने वाला है, जिसे पूरा विश्व लाइव देखेगा।

बातचीत के दौरान सोनू डागर ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में जब लॉकडाउन लग गया था और सीरियल बनने भी बंद हो गए थे, उस समय वो काफी परेशान हुए और सोचने लगे कि अब कैसे काम चलेगा लेकिन तभी भगवान राम की कृपा हुई और रामलीला की कास्टिंग में ऑडिशन दिया तो इन्हें भगवान राम का रोल दिया गया।

प्रश्न- डायलॉग्स याद करने में कितनी परेशानी होती है?

उत्तर- लवकेश ने कहा कि पहले थोड़ी बहुत दिक्कत हुई थी लेकिन अब बिल्कुल नहीं होती है। अवधी भाषा में डायलॉग बोलने की आदत सी हो गई है। सोनू डागर ने बताया कि शुरुआत में काफी परेशानी हुई थी लेकिन अब अवधी भाषा को अपना मानकर डायलॉग्स याद हो जाते हैं।

प्रश्न- युवाओं को क्या संदेश देंगे आप?

उत्तर – सोनू ने कहा कि युवा अच्छे काम करें, अपने परिवार का नाम रौशन करें, अच्छी चीज़ों का समावेश अपने अंदर लें। वहीं, लवकेश ने कहा कि माता-पिता की इज़्जत करना ही सबसे बड़ा पुण्य का काम है, जो हमें करना चाहिए।

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