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सुनिए अबॉर्शन के सवाल पर क्या कहना है युवाओं का

अगर आपको कल गर्भ अबॉर्शन के लिए जाना पड़े, तो आपके दिमाग में सबसे पहले क्या ख्याल आएगा? लव मैटर्स इंडिया ने यह सवाल भारत के कुछ युवाओं से पूछा। यहां जानिए उन्होंने क्या कहा…

पारिवारिक कलह

अबॉर्शन नाम सुनते ही मन में सर्वप्रथम यह ख्याल आया कि जिसका जन्म हुआ ही नहीं उसका गर्भपात कैसे करवा दें?  गर्भपात होने के बाद मेंटली टेंशन होने की संभावना बढ़ जाती है।

पारिवारिक कलह का कारण अबॉर्शन हो सकता है, और नेक्स्ट प्रेगनेंसी में कोई प्रॉब्लम न हो, यह बात भी मन में आती है।

सुमन, 23, उत्तराखंड

बिना किसी को बताए

मेरे ख्याल से हम चाहेंगे की कहीं कोई पंजीकृत हॉस्पिटल हो जो बिना किसी को बताये गुप्त रूप से अबॉर्शन करा दे।सब से पहले यही ख्याल आता है। बाद में पिल्स वगेरा का ध्यान आता है।

शंकर, 19, बिहार

फिर से गर्भवती

अबॉर्शन करवाने से पहले मेरे मन में यह ख्याल आया की हमारी साथी फिर से गर्भवती होगी के नहीं। इसलिए अगर साथी गर्भवती हो जाती है तो भगवान् का दिया हुआ प्रसाद समझ के ग्रहण करें। हमेशा प्रोटेक्शन का यूज़ करें। गर्भपात होने से महिलाओं को बहुत ज़्यादा कष्ट होता है ।

अमजद, 21, बिहार

पाप 

जीव हत्या करना पाप है। लड़का हो या लड़की उसे इस दुनिया में आने देना है। और आगे से ख्याल रखना है।

साजिद, 23, रांची

पहले किसी मेडिसिन से

जो भी कोई फेमस गयनेकोलॉजिस्ट या डॉक्टरनी होगी में उससे मिलूंगा और बताऊंगा की ऐसा ऐसा बात है – किसी को पता नहीं चलना चाइये। कोई मेडिसिन है तो पहले किसी मेडिसिन से ही करवा दी जिये ख़तम। लास्ट उपाय फिर तो है ही अबॉर्शन करवाना। यही प्रोसेस है और इसके अलावा हम क्या कह सकते हैं।

रमन, 22, हिमाचल

बच्चे को दर्द? 

यदि मुझे पता चले की मुझे अबॉर्शन करवाना है तो सबसे पहले मुझे जो महसूस होगा – अपराध बोध – बच्चे को भी क्या उतना ही कष्ट होगा जितना अबॉर्शन करवाने से मुझे इतना कष्ट होगा?

सीमा, 24, उत्तर प्रदेश

कैसे फेस करुंगी? 

यह की लोग क्या सोचेंगे की बच्चा – क्या से क्या हो गया – लोगों के सामने खुद तो कैसे फेस करुँगी।  यह सब सोच के डर जैसा महसूस होता है।

कामना, 23, गुजरात

कितना दर्द होगा? 

पता नहीं दोबारा गर्भ धारण करने में परेशानी होगी या नहीं, शरीर में क्या बदलाव होंगे, पीरियड फिर कितने दिन बाद आएगा, अबॉर्शन करवाने के बाद भी क्या शरीर में परेशानी रहेगी? पता नहीं कितना दर्द होगा, गर्भपात के दौरान कौन सा औज़ार यूज़ करेंगे – यह सब बातें मन में चलती है।

संजना, 22, हरियाणा

फैमिली का मेरे प्रति क्या व्यवहार 

अबॉर्शन के बाद बॉडी पे क्या इफ़ेक्ट होगा , क्या नेक्स्ट टाइम मुझे कंसीव करने में कोई प्रॉब्लम तो नहीं होगी, क्या मुझे नार्मल डिलीवरी हो पायेगी, मेरी फैमिली का मेरे प्रति क्या व्यवहार होगा और हां, क्या मेरी बॉडी में कोई खराबी तो नहीं होगी।

शिवांगी, 19, कर्नाटक

कितने पैसे में होगा

मुझे अबॉर्शन के खर्च की चिंता होगी। यदि पैसा बहुत अधिक खर्च होगा, तो शायद मैं किसी और डॉक्टर के पास चला जाऊं।

सरस, 25, दिल्ली

डॉक्टर क्या सोचेगा?

अबॉर्शन के लिए जाते समय पहली बात जिस पर मैं विचार करूंगी वह यह है कि मैं जिस डॉक्टर के पास जा रही हूं क्या वह मुझे गलत तो नहीं समझेगा क्यूंकि मैं अविवाहित हूं। डॉक्टर मेरे साथ कैसा व्यवहार करेंगे, क्योंकि मेरे व्यक्तिगत अनुभव के अनुसार, डॉक्टर आमतौर पर अविवाहित महिलाओं से गर्भपात के टाइम पे अच्छा व्यवहार नहीं करते।

जिगना, 20, केरल

फैमिली का टेंशन

अबॉर्शन के पहले बहुत सी बातें दिमाग में आएंगी – – सेहत के बारे में, बच्चेदानी के इन्फेक्शन के बारे में, दुबारा कंसीव होगा के नहीं, मेन्टल टेंशन और आखिर में  फैमिली का टेंशन।  कहीं उनको पता चल गया तो क्या होगा !

सलोनी, 19, पंजाब

पहचान की रक्षा के लिए, कहानी में नाम बदल दिए गए हैं।

गर्भ समापन या अबॉर्शन एक बड़ा भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक निर्णय है। यह एक कानूनी रूप से वैद्य और सुरक्षित प्रक्रिया है। यदि आपको अबॉर्शन करवाना हैं, तो अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। #AbortionIsHealthCare

ग्लोबल डे ऑफ एक्शन फॉर सेफ एंड लीगल अबॉर्शन (28 सितंबर) के तहत हम एक कैंपेन  #AbortionIsHealthCare चला रहे हैं। इसी के मद्देनज़र हमने देश के युवा लोगो से बात की और उन्होंने यह विचार लव मैटर्स इंडिया के साथ साझा किये। हमारे पास पॉडकास्ट में उसी का एक अधिक विस्तृत संस्करण है जिसे आप नीचे देख सकते हैं :

हमारे पॉडकास्ट के दौरान हमने महसूस किया कि भारत में अबॉर्शन कानूनी होने के बावजूद अभी भी कई मिथक और भ्रांतियां हैं। इन भ्रांतियां को दूर करने के लिए ये पढ़ें

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