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पीरियड्स के दौरान सेक्स से जुड़े मिथ्स जो वास्तविकता से कोसों दूर हैं

An art of a girl stimulating herself

Credits: Umantsive on DeviantArt

सेक्स, यह शब्द समाज में बड़ा बुरा माना जाता है, जबकी हर कोई इससे जुड़ा रहता है। एक सोच बन गई है कि लोगों में सेक्स के लिए सेक्स का नाम लेना गन्दी बात होती है।

सेक्स का मतलब सिर्फ यह नहीं होता कि आपको बस अपनी सेक्सयूअली डिज़ायर को संतुष्ट करना है। सेक्स से आपको अपनापन महसूस होता है और सेक्युरिटी लगती है। इसमें एक एहसास है जो हमको एक खूबसूरत दायरे में बांधता है।

क्या सेक्स एक भावनात्मक एहसास है?

पुरुषों के पास अन्य साधन हो सकते हैं ख़ुद को संतुष्ट करने के लेकिन पुरुषों की इमोशनली फीलिंग्स के साथ इतना सार्थक नहीं। जबकि महिलाओं के लिए सेक्स एक भावनात्मक एहसास है। पति पत्नी के रूप में हो या एक गर्लफ्रैंड या बॉयफ्रेंड के रिश्ते से। कभी-कभी यह भावनात्मक रिश्ता अधर में पड़ जाता है और कई गलत धारणाओं की वजह से या मिथ की वजह से युगल सेक्स का मज़ा नहीं ले पाते। उनको चरमसुख की भावना का बलिदान देना पड़ता है।

आप यकीन मानिए कि पीरियड्स के दौरान सेक्स करने का आनंद और अनुभव अलग ही होता है। पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से मासिक धर्म में होने वाली ऐंठन से भी छुटकारा मिल सकता है परंतु समाज की सोच का क्या करें। उनका इलाज करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है परंतु नामुमकिन तो नहीं।

इन मिथकों में से अधिकांश अंधविश्वास पर आधारित हैं। जो न केवल गलत हैं, बल्कि महिलाओं पर लिंग आधारित भेदभाव और व्यवहार संबंधी प्रतिबंधों को बनाए रखने और जारी रखने में भी मदद करते हैं। इन मिथकों की वजह से महिलाओं को पीरियड्स के बारे में बात करना कठिन हो जाता है। उनके दिमाग में कई तरह के सवाल आते हैं। उनका मासिक धर्म सामान्य है भी या नहीं? अंधविश्वास और मिथक शर्म और चुप्पी का कारण बनते हैं। यहां तक ​​कि महिलाओं और पुरुषों के लिए खराब प्रजनन के परिणाम भी हो सकते हैं।

इन मिथकों को तोड़कर जेंडर असमानता को समान बनाने और पुरुषों और महिलाओं के बीच संबंधों को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। हालांकि साफ सफाई का हमको आम दिनों के साथ साथ मासिक धर्म के दौरान भी विशेष ध्यान देना चाहिए। यह संक्रमण होने से बचाता है।

कुछ मिथ्यों का निरीक्षण

मिथ्या नंबर 1- पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से आपके शरीर में दर्द और अधिक बढ़ सकता है।

वैज्ञानिक तौर पर यह तथ्य बिल्कुल गलत है। ऐसा कुछ नहीं होता। सेक्स के दौरान शरीर डोपामाइन नाम का हॉर्मोन बनाता है, जो आपको सुखद अनुभव महसूस करवाता है।

डोपामाइन शरीर में होने वाले दर्द और पीरियड्स के दौरान होने वाले स्ट्रेस को भी कम करता है। साथ के साथ ऑक्सिटोसिन नामक हार्मोन भी आपको विश्वास और रिश्तों को मज़बूत करने में सहायक होता है।

मिथ्या नंबर 2- मासिक धर्म के दौरान यौन संबंध बनाने पर आप गर्भवती नहीं हो सकती हैं

यह एक बहुत ही बचकाना और अजीब मिथक है, जिसे दुनियाभर में कई महिलाएं और पुरुष मानते हैं। कई स्त्री-पुरुष मानते हैं कि माहवारी के दौरान गर्भ धारण करना मुश्किल होता है, क्योंकि खून का बहना अपने साथ पुरुषों के शुक्राणु को भी बहा कर ले जाता है।

इससे अंडाणुओं और शुक्राणुओं का मिलन नहीं हो पाता और बच्चा कंसीव करने में परेशानी होती है। यह एक बेसलेस बात है। इसका सच्चाई से कुछ भी लेना देना नहीं है। सभी जानते हैं कि पीरियड्स खत्म होने के बाद ओव्यूलेशन शुरू हो जाता है। 

कभी-कभी ऐसा हो सकता है कि शुक्राणुओं या अंडाणुओं में ताकत नहीं पनप पाती जिससे प्रजनन क्षमता में असर पड़ सकता है। इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि आप पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से गर्भवती नहीं हो सकतीं। प्रजनन क्षमता के क्षेत्र में नए शोध बताते हैं कि शुक्राणु संभोग के बाद महिला प्रजनन पथ में दस दिनों तक जीवित रह सकते हैं। बहरहाल यह बात सत्य है कि ऐसे में गर्भवती होने के सिर्फ 15 %चांस होते हैं। मगर यह बिल्कुल नहीं है कि आप गर्भवती नहीं हो सकतीं।

मिथ्या नंबर 3- मासिक धर्म के दौरान महिलाएं अस्वस्थ हो जाती हैं और पुरुषों के लिंग पर संक्रमण हो जाता है, जिससे मौत भी हो सकती है

यह एक मिथक है जो पोलैंड से शुरू हुआ, बढ़ते यह पूरे विश्व में फैल गया। कई महिलायें और पुरुष पीरियड्स के दौरान असहज महसूस करते हैं। पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से न तो कोई मरता है और न ही कोई बीमार पड़ता है।

लोग मानते हैं ऐसा करने से पुरुषों के लिंग पर मासिक धर्म के खून की वजह से संक्रमण हो जाता है। जिससे उनमें STD बढ़ने का अधिक खतरा पैदा हो जाता है। हालांकि संक्रमण होता है लेकिन पीरियड्स की वजह से नहीं बल्कि असुरक्षित यौन संबंध से और गुप्तांगो की साफ सफाई में लापरवाही बरतने की वजह से।

मिथ्या नंबर 4- ऑर्गज़्म पर पहुंचना नामुमकिन

पीरियड्स सेक्स के दौरान अकसर महिलायें डरती हैं कि हम ऑर्गज़्म पर पहुंचेंगे भी या नहीं? यह एक कोरा मिथ है। ऑर्गज़्म का पीरियड्स से कुछ लेना देना नहीं। कई शोधों में यह बात सामने निकल कर आई है कि पीरियड्स सेक्स के दौरान महिलाओं के वैजाइनल डिस्चार्ज की वजह से गर्भाशय पर अधिक फोर्स पड़ता है जिससे उनका संकुचित गर्भाशय पीरियड्स के दौरान अधिक सक्रिय होता है।

इससे पीरियड्स में रक्त का प्रवाह बिना रुकावट के फ्लो हो जाता है। आम दिनों में महिलाओं को ऑर्गज़्म हो ये उस समय की मानसिक और शारीरिक हालात पर निर्भर करता है। पीरियड्स के दौरान ऑर्गज़्म तक पहुंचने के चांस 90% अधिक होते हैं।

सारी बातों का यही निष्कर्ष सामने निकल कर आता है कि पीरियड्स सेक्स पूरी तरह से सुरक्षित है। हालांकि इस दौरान साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। कोई कपड़ा या फिर तौलिया साथ रखना ज़रूरी है। आम दिनों में सेक्स के लिए भी साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए। इससे संक्रमण होने का खतरा कम हो जाता है।


संदर्भ- NCIB

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