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कोविड-19 के बीच रैलियां करने वाले PM मोदी के नाम खुला खत

modi

बिहार में चुनाव की शुरुआत हो चुकी है। इस भीषण कोरोना महामारी के बीच नेताओं की रैलियां और सभाएं प्रारम्भ हो चुकी हैं। पहले चरण का चुनाव 28 अक्टूबर को होना है। सबसे बड़े आश्चर्य की बात है कि देश के संवैधानिक पद पर बैठे माननीय प्रधानमंत्री जी भी, जो भीड़भाड़ वाले इलाके में जानें से बचने की बात करते थे, इस कोरोना महामारी में सभाएं करेंगे।

उनकी सभा के लिए भीड़ जुटाने का कार्य उनके कार्यकताओं द्वारा शुरू किया जा चुका है। भीड़ जुटेगी भी और संक्रमण फैलने की अधिक संभावनाएं भी होंगी। हज़ारों लोग इसकी चपेट में आ सकते है, इसलिए मैंने प्रधानमंत्री कार्यालय को एक पत्र लिखा है, वो पत्र इस प्रकार है।

आदरणीय प्रधानमंत्री,

श्री नरेंद्र मोदी जी (भारत सरकार)

श्रीमान नरेंद्र मोदी जी, आप भारत के संवैधानिक पद पर हैं। भारत की पूरे विश्व में अगुवाई करते हैं। इस वक्त कोरोना जैसी महामारी का तांडव पूरे विश्व में चल रहा है और भारत में भी प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं।

भारत में कोरोना ने मार्च के महीने में दस्तक दी थी। उसके बाद भारत सरकार ने कई कड़े कदम उठाए और इसके बचाव के लिए लगातार कई माध्यमों से भारत के कोने-कोने में इसका प्रचार प्रसार भी किया। बचाव के उपाय भी बताए जा रहे हैं। आपने भी कई बार टेलीविज़न के माध्यम से लोगों को इस महामारी से बचाव के लिए जागरूक किया है। आपने ही एक स्लोगन दिया है, “दो गज़ की दूरी मास्क है ज़रूरी।”

आपने ही बताया था कि इस महामारी को हल्के में ना लें। आपने ही बताया था कि भीड़ से बचें। माननीय प्रधानमंत्री जी, बिहार में चुनाव की घोषणा भी हो चुकी है। विभिन्न पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की भी घोषणा कर दी है। इस कोरोना महामारी के बीच बिहार में लोकतंत्र का पर्व चुनाव भी होना है।

नेताओं ने चुनावी सभा करना शुरू कर दिया है और वे सभा में भीड़ भी जुटा रहे हैं लेकिन एक चीज़ मुझे बहुत ही खराब लगी कि आप एक संवैधानिक पद पर हैं प्रधानमंत्री जी और आप ही इस कोरोना महामारी में सभा करने के लिए बिहार के विभिन्न ज़िलों में आ रहे हैं। यह एक अच्छा संदेश नहीं जा रहा है लोगों के बीच।

माननीय, आप जहां आएंगे, वहां भीड़ जुटाई जाएगी ही। श्रीमान, क्या हम ऐसे ही कोरोना से लड़ेंगे और हराएंगे? श्रीमान, क्या आपकी पार्टी द्वारा उतारे गए उम्मीदवारों में इतनी सी भी हिम्मत नहीं है कि वे अपनी काबिलियत से उस क्षेत्र की जनता का वोट जीत सकें और हां, क्या आप विकास करने आएंगे इस क्षेत्र में?

क्या आप जनता के दरवाज़े पर आएंगे? उनकी मन की बात सुनने? नहीं ना? क्या आप हमारे क्षेत्र में हमेशा रहेंगे? नहीं ना? प्रधानमंत्री जी, जनता मूर्ख नहीं है। आपसे अनुरोध है कि आप संवैधानिक पद का मर्यादा रखें और इस कोरोना महामारी में चुनावी सभा ना करें। भारत में आए दिन अत्यधिक कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उनके बारे में सोचें।

माननीय, चुनाव आते-जाते रहेंगे लेकिन करोना से जो संक्रमित होंगे, जिनकी मृत्यु होगी उसका क्या? वे फिर वापस आएंगे नहीं ना! आपकी चुनावी सभा में भीड़ तो ज़रूर होगी। कई लोग संक्रमित भी होंगे। आपसे नम्र निवेदन है प्रधानमंत्री जी कि आप ऐसी गलती ना करें जैसा आपके नेता, आपकी पार्टी के लोग और विभिन्न पार्टियों के लोग रोज़ कर रहे हैं।

जब से बिहार में चुनाव की घोषणा हुई है, तब से वे लोगों की टोलियां लेकर घूम रहे हैं लेकिन आप से यह उम्मीद नहीं है कि आप एक सभा करें और आपके लोग भीड़ जुटाएं। वो भी एक उम्मीदवार के लिए, जो उस क्षेत्र का नेतृत्व करता था या करेगा। क्या उसमें इतनी हिम्मत नहीं है कि वह अपने बलबूते उस क्षेत्र में जीत हासिल कर पाए।

प्रधानमंत्री जी, मैं बिहार का स्थाई निवासी हूं और भारत का नागरिक भी। इसके साथ-साथ एक मतदाता भी हूं। भारत जिस दौर से गुज़र रहा है, मुझे लगा था इस कोरोना महामारी को लेकर आप इसमें हस्तक्षेप करेंगे कि इस साल चुनाव नहीं हो। खैर! आपने हस्तक्षेप नहीं किया। आज जब मुझे सुनने को आया कि बिहार में प्रधानमंत्री जी चुनावी सभा करने जा रहे हैं, भीड़ जुटाने जा रहे हैं, कोरोना फैलाने जा रहे हैं, तो यह बहुत दुखदायी लगा।

हम उम्मीद करते हैं कि यह हमारा जो पत्र है, आप तक जरूर पहुंचे। आप एक बार खुद से विचार कीजिए। उस जनता के लिए जो आपकी भीड़ में आएगी।

हम सब नहीं चाहते हैं कि आप पर वह दाग लगे कि आपकी चुनावी सभा में आए हुए इतने लोगों संक्रमित पाए गए। आपसे नम्र निवेदन है प्रधानमंत्री जी आप चुनावी सभा ना करें, वर्चुअल रैली करें। सभा करके लोगों को मुसीबत में ना डालें।

श्रीमान, कोरोना बहुत ही घातक बीमारी है, ऐसा आपने भी कहा था और हमने भी देखा है। 4 महीने घर में कैद रहकर मैंने वह चीज़ महसूस किया है, जो देश के सभी लोगों ने महसूस किया है। माननीय, देश में कई लोगों की जॉब छूट गई है। कई कंपनियां बंद हो गईं। कई लोग बेरोज़गार हो गए हैं।

कृपया इन सब चीज़ों पर ध्यान दें। एक बार फिर से आपसे अनुरोध है हाथ जोड़कर कि जब तक कोरोना सही ना हो जाए, देश में वेक्सीन ना आ जाए, भारत में तब तक आप किसी भी चुनावी सभा को संबोधित ना करें।

प्रधानमंत्री जी, लोगों के बारे में सोचिए, जिसने इस महामारी के दौरान कई पर्व घर के चार दिवारी के अंदर मनाए हैं। वहीं, सरकार ऐलान कर रही है कि पूजा पंडाल नहीं बनेगा, मेला नहीं लगेगा। हमने सब स्वीकार किया लेकिन आपकी चुनावी सभा में भीड़ ना जुटे इसकी क्या गारंटी है श्रीमान?

आपकी चुनावी सभा में भीड़ भी जुटेगी, ‘दो गज़ की दूरी मास्क ज़रूरी’ का पालन भी नहीं होगा इसकी पूरी गारंटी है।आपसे हाथ जोड़कर विनती है कि एक बार सोचिए चुनावी सभा में जुटने वाली भीड़ के बारे में।

अब तो बिहार में कोरोना की टेस्टिंग ना के बराबर हो रही है। कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा छुपाया जा रहा है। नेता लोग रैली-सभा करके कोरोना बांट रहे हैं। मास्क-सोशल डिस्टेंसिंग का नारा देने वाले ही इनका पालन नहीं कर रहे हैं। हाल ही में पूर्णिया क्षेत्र के आईजी की मौत कोरोना के कारण हो गई है।

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