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“काश जयप्रकाश नारायण जैसा नेता फिर से बिहार में जन्म लेता”

जेपी के नाम से विख्‍यात जयप्रकाश नारायण का जन्‍म बिहार के सारण ज़िले में 1902 में हुआ था। जेपी के लिए देशहित और लोगों के उत्‍थान से बढ़कर कुछ नहीं था।

जय प्रकाश नारायण बिहार के बेटे थे, जिसने इंदिरा गाँधी जैसी ताकतवर महिला को भी 75 साल की उम्र में नाको तले चने चबाने पर मजबूर कर दिया था मगर अफसोस कि उसी जेपी आंदोलन से निकले नेता आज बिहार में राजनीति का स्तर इतना गिरा चुके हैं कि शर्म आती है।

हम बिहारियों की बदहाली और विफलता का मॉडल दिखाकर दुनिया के सामने हंसी उड़ाने वालों, यह मत भूलो कि जब-जब इस मुल्क ने लोकतंत्र का ककहरा भूला है ना, तब-तब एक बिहारी उठ खड़ा हुआ है।

अरे, मत भूलो कि जब-जब सत्ता के शीर्ष पर बैठे हुक्मरानों ने इस देश को अपनी जागीर समझने की भूल की है ना, तो बिहार का जयप्रकाश अपने सम्पूर्ण क्रांति के नारे के साथ इस देश में आग की तरह चमका है। मत भूलो कि जब भी तुमने हम बिहारियों को बेबसी-लाचारी के आग में धकेला है ना, तब-तब हमारे अंदर का सोना एक आग की तरह संपूर्ण देश में खूब चमका है।

अरे, याद नहीं है क्या अगर याद करना है तो चाहे 1974 हो या 1984 हो, सत्ता के तानाशाही के सामने जब भी यह देश बकरे की तरह मिमियाया है ना, तो “सिंहासन खाली करो जनता आती है” का नारा मेरे बिहार से ही आया है।

जयप्रकाश जैसे नेताओं की देश को बहुत ज़रूरत है

जियो ना फिर से जयप्रकाश जी, आज यह तुम्हारा बिहार और देश उस दो राहों पर खड़ी है, जहां से एक रास्ता “जात-पात” को जाता है तो दूसरा “धर्म” को। जियो ना जयप्रकाश फिर से तुम्हारे जाने के बाद हर वर्ष 26 जनवरी को तुम्हारे सपनों के संविधान को सत्ता के गलियारों में नंगा किया जाता है।

आज तक ऐसा जन नेता पैदा ना हुआ है कि सच को सच और झूठ को झूठ कह पाए। भुखमरी, गरीबी, लाचारी और बेरोज़गारी से तड़पते हुए गरीब मज़लूमों की हक की लड़ाई के लिए कोई अपने साथ भीड़ भी नही लाया है।

वहीं, आपके चरणों की धूल से पनपे ये समाजवादी बने फिरने वाले जो आपके चेले हैं, ये राजनीति में से राज करना तो सीख लिए लेकिन नीति भूल गए। देश आज भी आपकी ओर टकटकी लगाए बैठे पुकार रहा है, गाँधी मैदान ज़ोर-ज़ोर से चीख रहा है कि गरीबों मजलूमों की आवाज़ उठाने वाला मेरा जयप्रकाश लोगों की भीड़ में क्रांति आ सके ताकि लोकतंत्र की फिर स्थापना हो सके।

जियो ना जयप्रकाश जी फिर से जो सुना सकें तुम्हारी महा गाथा दुनिया के कोने-कोने में और गर्व कर सकें बिहारी होने पर। काश जयप्रकाश नारायण जैसा फिर से ऐसा कोई नेता बिहार में जन्म लेता।

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