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“नीतीश-मोदी के जुमलों के बावजूद युवाओं को है तेजस्वी पर विश्वास”

उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शिक्षक , डॉक्टर, प्रोफेसर, पैरा मेडिकल स्टाफ सहित पुलिस के जो वाजिब वेतनमान को प्रदर्शित किया है और कहा है कि यह संभव नहीं है कि कोई सरकार इतने लोगो को नौकरी दे पाएगी। मैं सुशील मोदी से कहना चाहता हूं कि सरकार में इच्छाशक्ति होनी चाहिए कुछ करने के लिए।

बिहार ने दुनिया को मानवता का साथ साथ शिक्षा से रूबरू करवाया।

हम बिहारी लोगो के लिए कुछ भी असम्भव नहीं होता है। जिसका इतिहास गवाह रहा है। हमने वर्तमान भारत से भी विशाल नक्शे पर आधे चीन और अफगानिस्तान तक शासन करने का कीर्तिमान स्थापित किया है। विश्व को ज्ञान दिया है। सभ्यता और संस्कृति भी हमारी देन है। यह सब संभव हुआ क्योंकि नेतृत्व करता बिहारी सम्राट अशोक भगवान महावीर और महात्मा बुद्ध थे।

इतिहास गवाह है कि हम शिक्षा संस्कृति और अध्यात्म में विश्व के सबसे प्रगतिशील और विकसित सभ्यताओं में से एक रहे हैं। हमारे यहां शिक्षा अर्जन करने के लिए विदेशों से विद्वान आते थे और पढ़ाई करके शिक्षा अर्जित करके अपने देश का उत्थान करने में लग जाते थे। उदाहरण के तौर पर नालंदा विश्वविद्यालय विश्व का पहला विश्वविद्यालय मिसाल है जहाँ हिना सॉन्ग जैसे हजारों विदेशी विद्यार्थियों ने यहां से पढ़ाई कि थी।

एक बिहारी- शौर्य और समृद्धि की प्रतिमा

जो खून सम्राट अशोक का था। जो खून महात्मा बुद्ध का था और जो भगवान महावीर का था। वही खून हम बिहारियों में भी है। इस बात को मानिए! आपकी तरह हम प्रवास करके बिहार नहीं आए हैं। हम ठेठ बिहारी हैं। मोदी जी हम चाह लेते हैं तो मॉरिशस बस जाता है। हम चाह लेते हैं तो भी गोआना बस जाता है और अब हमने चाह लिया है तो बिहार भी समृद्ध बन जाएगा।

इतिहास गवाह है कि शौर्य और समृद्धि में हम से ऊपर कोई नहीं था और हम नंबर वन थे। उसी शौर्य समृद्धि और ज्ञान में संपन्नता को वापस लाना है। इसलिए सुशील कुमार मोदी और नीतीश कुमार जी ‘हमें एक ऊर्जवित्त, तेजस्वी बिहार बनाना और यह सब संभव है। यदि लीडरशिप एक सच्चे बिहारी के हाथ में हो जो तेजस्वी यादव के पास है।

सुशील कुमार मोदी और नीतीश कुमार जी आप 15 साल से बहाना अलाप रहे हैं कि हमारे पास तनख्वाह देने के लिए पैसे नहीं है। संसाधन नहीं है, हम संसाधन विहीन हैं। गरीब राज्य हैं, वैसे ही जैसे एक बिगड़ैल बेटा अपने बाप को बहाने देते रहता है और अपनी नाकामी छुपाता रहता है। मोदी जी अब वह समय बीत चुका है।

सुशील कुमार मोदी जी पैसों का भार अब आप झेल नहीं पा रहे

पिछले दिनों बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट करते हुए एक लेखा-जोखा प्रस्तुत किया और कहा कि यदि 10 लाख लोगों को तेजस्वी यादव नौकरी देंगे तो बिहार पर 58415.06 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष वेतन मद मे भार परेगा यह कहां से आएगा? तो सुशील मोदी जी जब तक भ्रष्टाचारी व्यवस्था रहेगा तब तक यह संभव नहीं है लेकिन जब बदलाव होगा और व्यवस्था परिवर्तन होगा तो पैसा भ्रष्टाचारियों के गाल से बचेगा और वही वेतन में खर्च होगा।

पैसा कहां से आएगा तो सुशील कुमार मोदी और नीतीश कुमार जी बिहार बदलाव चाहता है। इसीलिए तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना चाहता है। परिवर्तन होगा तो पैसा ऑटोमेटिक आएगा जो पैसा भ्रष्टाचार में जाता है। जो नेताओं के गल्ले में जाता है। वही पैसा कर्मचारियों के तनख्वाह मे जाएगा। आप इसकी चिंता मत कीजिए आप को भी मालूम है कि पैसा कहां से आएगा? जनता को मूर्ख मत बनाइए।

थकी, हारी छवि से विकास की क्या खाक उम्मीद की जाए

सुशील कुमार मोदी जी और नीतीश कुमार जी आप लोग हारे हुए व्यक्ति हैं। थके हुए व्यक्ति हैं और सही कहते हैं तेजस्वी यादव की आप लोगों को संन्यास ले लेना चाहिए। कुछ करने की आपके अंदर तमन्ना नहीं है। सबसे बड़ा कि हारे और थके होने के कारण आत्मविश्वास नहीं है। इसलिए हम बिहारी आप पर फिर भरोसा क्यों करें? आप स्वयं हारे हुए हैं तो हम लोगों को क्या जीताओगे?

नीतीश कुमार और सुशील मोदी जी याद रखिए “जिस ओर जवानी चलती है उस ओर जमाना चलता।”

जिस तरीके का उभार तेजस्वी के जनसभाओं में हो रहा है। वह स्पष्ट संकेत है कि तेजस्वी यादव का युवाओं को नौकरी देने का वादा और बिहार को समृद्ध बनाने का वादा युवाओं ने स्वीकार कर लिया है। इस बार युवा एकजुट हैं। वह कहावत सच होगी “जिस ओर जवानी चलती है उस ओर जमाना चलता है।”

युवाओं का स्पष्ट मत देखने को मिल रहा है कि वह जाति और धर्म से ऊपर उठकर तेजस्वी यादव की ओर आस लगाए हुए हैं। मुझे नहीं लगता है युवा, मतदान वाले दिन तक अपने विचार बदलेंगे। वैसे भी बिहार में परिवर्तन की बागडोर युवाओं के हाथ में है। इसलिए बिहार में सत्ता परिवर्तन की आहट स्पष्ट रूप से दिख रही है। सिर्फ इंतजार है परिणाम आने का।

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