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क्यों लड़के स्कूल में पीरियड्स के दौरान लड़कियों का मज़ाक उड़ाते हैं?

मेरे स्कूल में एक बार बाहर से कुछ वॉलंटियर्स आए थे, जिन्होंने सेक्स एजुकेशन की क्लास ली थी। उसी दौरान हमें पीरियड्स के बारे में भी विस्तार से बताया गया था। उन्होंने बताया कि पीरियड्स हर लड़की को होता है और वह ज़रूरी भी है। पीरियड्स के बारे में ना सिर्फ लड़कियों को पूरी जानकारी होनी चाहिए, बल्कि लड़कों को भी पीरियड्स के बारे में पता होना चाहिए।

अब मान लीजिए कि स्कूल में मेरी किसी क्लासमेट को पीरियड्स होता है और अगर मुझे पीरियड्स के बारे में सही जानकारी है, तो मैं उसपर हंसने के बजाए, उसका सपोर्ट करूंगा, मैं उसका साथ दूंगा। वही अगर किसी लड़के को पीरियड्स के बारे में सही जानकारी नहीं है, तो वह अपनी उस क्लासमेट का साथ देने के बजाय, वह उसका मज़ाक उड़ाएगा।

पीरियड्स एक सामान्य प्रक्रिया है, जो लड़कियों के शरीर में होने वाले परिवर्तन की वजह से हर महीने होता है। इसके बारे में सभी को पता होना चाहिए।

पीरियड्स के अलावा, उस क्लास में हमें हमारे (लड़कों) अंदर होने वाले बदलावों के बारे में भी बताया गया था। हमें प्यूबर्टी, यानि यौवन में प्रवेश करने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया गया,

हमें सेफ/सुरक्षित सेक्स के बारे में बताया गया और सुरक्षित और असुरक्षित टच के बारे में भी बताया गया।

सेक्स एजुकेशन का फायदा

इससे पहले जब मैं अपने दोस्तों को सेक्स एजुकेशन (जो मैंने सुपर स्कूल इंडिया के ज़रिए जाना था) के बारे में कुछ बताता था, तो वे विश्वास नहीं करते थे लेकिन जब स्कूल में हमारी सेक्स एजुकेशन की क्लास ली गई, तो उन्होंने इसे सीरियस तरीके से लिया।

सेक्स एजुकेशन के ज़रिए मिली सुरक्षित सेक्स की जानकारी

सेक्स एजुकेशन के ज़रिए हमें सुरक्षित सेक्स के बारे में पता चला। टीनएज एक ऐसा समय होता है कि अगर हमें सही नॉलेज ना हो, तो हम परेशानी में भी पड़ सकते हैं।

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राइटर के बार में- 15 साल के गोपाल (बदला हुआ नाम), दिल्ली के सैनिक फार्म्स में रहते हैं और सुपर स्कूल इंडिया में ट्रेनिंग ले रहे हैं।

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