दूसरे चरण की वोटिंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को एक बार फिर से चुनावी रण में उतरे। पीएम ने ‘फारबिसगंज’ में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए विपक्षियों पर तंज कसा। केन्द्र सरकार की उपलब्धियों को गिनाया लेकिन साहब भूल गए कि ये लोकसभा नहीं, विधानसभा चुनाव हो रहा है।
और हां आपकी केन्द्र की सरकार ने क्या किया, क्या नहीं? उससे स्थानीय लोगों को उतना मतलब नहीं है, जितना आप बता रहे हैं। आपकी गठबंधन की राज्य सरकार ने क्या किया, इससे जनता का मतलब नहीं है। कितनी योजनाओं का लाभ लोगों को मिला या नहीं मिला, इससे मतलब है।
आपके विधायक ने शहर के लिए क्या-क्या किया, जनता को इससे मतलब है। सरकार! प्रधानमंत्री जी! 6 वर्षों में आपने फारबिसगंज में चार बार सभाएं की हैं, आपने इस शहर को क्या-क्या दिया इससे मतलब है।
खैर! नेताओं का काम है भाषण देकर वोटरों को अपनी तरफ खींचना और वोटर इन भाषणों से खिंच भी जातें है। इस विधानसभा क्षेत्र का मतदाता होने के नाते आदरणीय प्रधानमंत्री जी का 45 मिनट का भाषण टेलीविज़न के माध्यम से सुना।
प्रधानमंत्री ने भाषण में जो बातें कहीं, वे सारी बातें मैं यहां साझा करूंगा लेकिन जिस विधानसभा में पीएम मोदी भाषण दे रहे थे, शायद यहां की परिस्थिति की जानकारी भी होगी उन्हें कि उन्हीं की पार्टी के विधायक, सांसद ने क्या-क्या विकास किया?
उन्होंने गिनाया नहीं, गिनाएंगे भी खाक! विकास रास्ते में जो लटका है। खैर! अब जनता 7 नवंबर को वोट कर चोट ज़रूर करेगी। कोविड के चलते मास्क पहनकर वोट करने ज़रूर निकलिए। बेहतर कल के लिए शहर के विकास के लिए वोट ज़रूर करिए।
अब आते हैं कि क्या कहा फारबिसगंज में पीएम मोदी ने लोगों का अभिवादन कर। पीएम मोदी ने पहले चरण के मतदान का ज़िक्र करते हुए कहा कि अब तक मिली जानकारी के मुताबिक एक बात साफ है कि बिहार की जनता ने ‘डंके की चोट’ पर संदेश दिया है कि बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने जा रही है।
बिहार की पवित्र भूमि ने ठान ली है कि बिहार को नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे। बिहार की जनता ने डबल-डबल युवराजों को सिरे से नकार दिया है। बिहार में एक कहावत है, ‘सब कुछ खैनी, भुंजा भी चबैनी’ यानि सब कुछ खाने के बाद भुंजा पर भी नज़र है।
अप्रत्यक्ष कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग बिहार में इतना कुछ खाने के बाद भी राज्य को लालच भरी नज़रों से देख रहे हैं लेकिन बिहार की जनता जानती है कि कौन बिहार के विकास के लिए काम करेगा और कौन अपने परिवार के विकास के लिए? आज बिहार में परिवारवाद हार रहा है, जनतंत्र फिर से जीत रहा है।
पीएम मोदी ने इसी कड़ी में कहा कि आज NDA के विरोध में जो लोग खड़े हैं, वे इतना कुछ खाने-पीने के बाद अब फिर से बिहार को लालच भरी नज़रों से देख रहे हैं लेकिन बिहार की जनता जानती है कि कौन बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और कौन अपने परिवार के विकास के लिए।
उन्होंने कहा कि बिहार में अहंकार हार रहा है, परिश्रम फिर जीत रहा है। आज बिहार में घोटाला हार रहा है, लोगों का हक़ फिर जीत रहा है। आज बिहार में गुंडागर्दी हार रही है, कानून का राज वापस लाने वाले फिर जीत रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा, “बिहार वह दिन भूल नहीं सकता, जब चुनाव को इन लोगों ने मज़ाक बनाकर रख दिया था। इनके लिए चुनाव का मतलब था, “चारो तरफ हिंसा, हत्याएं, बूथ कैप्चरिंग। बिहार के गरीबों से इन लोगों ने वोट देने तक का अधिकार छीन रखा था।”
पीएम मोदी ने कहा, ”देश के कई स्थानों में आज उप-मतदान चल रहे हैं। बिहार में भी कई जगह चुनाव चल रहा है। चुनाव लोकतंत्र का बड़ा उत्सव होता है। इस उत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है। यही उज्ज्वल भविष्य की गारंटी भी है।”
उन्होंने कहा कि कोरोना के संकट काल में बिहार के लोग अपने घरों से निकल रहे हैं, इतनी बड़ी संख्या में मतदान कर रहे हैं। लोकतंत्र की इतनी बड़ी ताकत, लोकतंत्र के प्रति हर बिहारी का इतना बड़ा समर्पण पूरे विश्व के लिए एक भरोसा जगाने वाली घटना है।