Site icon Youth Ki Awaaz

“मुझे घरवालों ने एक शराबी आदमी के हाथों 50 हज़ार रुपये में बेच दिया था”

मैं उस रात लगभग 10 बजे नोएडा ऑफिस से घर के लिए निकला। मैं गाज़ियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में रहता हूं। वैसे तो मैं गाड़ी से ऑफिस जाता हुं लेकिन उस दिन एक्टिवा से ऑफिस जा रहा था। मैं जैसे ही सेक्टर 62 पंहुचा, तो मेरी पत्नी ईशा का फोन आया।

उसने कहा, “हमने जो पैसे मामा को दिए थे वो लेते आना। मेरी बात हो गई थी नानी से।” इस वजह से मुझे सेक्टर 71 में मामा के यहां जाना पड़ा। मैं किसी तरह वहां से 11 बजे निकल गया। फिर करीब 15 मिनट में CISF कैंप पहुंच गया। वहां मैंने एक लड़की को देखा जो कि बिलकुल अंदर की तरफ 1 पेड़ के नीचे खड़ी थी। वह डरी, सहमी सी थी। 

मैं समझ तो गया था कुछ तो गड़बड़ है। खैर, मैं एक्टिवा से उतरा और उसके पास जाकर बोला, “हेलो।” उसने रोते हुए मुझसे कहा कि कृपया आप यहां से चले जाइए। मैं वहां से निकल गया लेकिन मेरा दिल कह रहा था तू उसकी मदद कर ऐसे मत भाग, हो सकता है कुछ गलत घटने वाला हो।

मैंने SRS जयपुरिया के 24/7 स्टोर से 1 पानी की बोतल खरीदी फिर मैं वापस उस लड़की के पास आया। बड़ी मिन्नतों के बाद उसने पानी पिया और बताया कि उसके ससुराल वाले उसे मारते पीटते हैं, पति शराब के नशे में धुत रहता है और गंदे काम करने को मजबूर करता है और अगर ना करो तो मारने की धमकी देता है।  

मैंने पूछा, “तो तुम अपने घर यानि अपने मायके क्यों नहीं चली जाती?” यह सुनते ही उसकी आंखों में आक्रोश सा आ गया फिर वह फुट-फुटकर रोनी लगी। उसने बताया कि उसके घरवालों ने उसे 50,000 में बेचा था। मुझे बहुत दुःख हुआ और मुझे कुछ समझ नहीं आया कि मैं क्या करूं। मैंने अपनी पत्नी को सब बताया। उसने कहा उस लड़की को घर ले आओ। 

मैं उसे मनाकर विश्वास दिलाकर कि मैं एक सही इंसान हूं और सबूत दिखाकर घर ले गया। घर पहुंचकर हमने उसे खिलाया-पिलाया अच्छे से। फिर उसे 1 कमरे में सुला दिया। सुबह नाश्ता करने के बाद उसे कपड़े लेकर दिए ताकि वह पहन सके और फिर उसे हमलोग पुलिस थाने ले गए।

आते वक्त मेरी पत्नी ने उसे 2000 रुपये भी दिए ताकि वह आराम से खा सके और पुलिस को अपना नंबर दिया जिससे कोई भी समस्या हो तो बताए। उसके पति, ससुराल और मायके के खिलाफ केस दर्ज़ हुआ और उसे इन्साफ मिला। 

सोचो अगर मैं ना वापस जाता तो क्या होता? हो सकता है कोई उसके साथ कुछ गलत कर देता या हो सकता वह आत्महत्या कर लेती लेकिन कभी भी किसी लड़की को मौका नहीं समझना चाहिए। हो सकता है कल उसकी जगह आपकी माँ, बहन या खुद की बेटी ही हो।

खुशी की बात तो यह है कि कल रात उसका फोन आया पूरे 5 साल बाद। क्यों इतने साल बाद आया और कैसे मिला नंबर और थी कहां? अब तक यह सब सवाल मेरी पत्नी और मेरे दिमाग में चल रहे थे लेकिन उसने सिर्फ इतना बताया कि वह सरकारी स्कूल में क्लर्क के पद पर नियुक्त हुई है, वह भी गाज़ियाबाद में।

अब यह पता नहीं यह सब हुआ कैसे लेकिन वह इस शनिवार आ रही है मुझसे और मेरी पत्नी से मिलने। उस लड़की का नाम सोच रहा था ना बताऊं लेकिन जब सब कुछ बताया तो यह भी सुनो उस लड़की का नाम है सताक्षी।


नोट: सर्वाइवर के साथ YKA यूज़र उज्जवल की बातचीत पर आधारित स्टोरी।

Exit mobile version