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महामारी के पूरे एक साल में कैसे हम विश्व में नंबर 2 पर आ गए?

कोरोना महामारी के 1 साल लगभग पूरे हो चुके हैं और आज भी परिस्थितियां जस की तस बनी हुई हैं या कहें दिन-प्रतिदिन बिगड़ती ही जा रही हैं। विश्वभर में देखा जाए तो लगभग 5.7 करोड़ से ज़्यादा मामले अब तक  सामने आ चुके हैं, जो कि चौंकाने वाली बात है।

यदि बात की जाए कि कितने लोगों ने इसके चलते अपनी जान गवाईं है, तो यह आंकड़ा 13.6 लाख के पार पहुंचता है और हम भारत की बात करें तो हमारा देश कोरोना वायरस के मामले में विश्वभर की सूची में दूसरे स्थान पर आ गया है।  पहले पर अभी भी अमेरिका ही है, जहां हर दिन लाख से ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं।

इस सबके बीच चौकाने वाली खबर यह है कि ऐसी परिस्थितियों में भी स्कूल, कॉलेज खोलने की बात की जा रही है, जो चिंता का विषय है। हाल ही में आंध्र प्रदेश में स्कूल-कॉलेज खोले गए लेकिन उसका अंजाम कुछ ज़्यादा ही खतरनाक साबित हुआ, जब 700 से ज़्यादा अध्यापक और छात्र इस वायरस के शिकार हो गए।

आंध्रा से दिल्ली तक कोविड-19 ने किया सबको बेहाल

वहीं, एक खबर यह भी सामने आई है कि लाल बहादुर शास्त्री नैशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में प्रशिक्षण ले रहे 57 ट्रेनी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। अब वहां पर जितने भी लोग हैं, उन पर भी संक्रमण का डर छाया रहेगा।  दिल्ली में भी हालात कुछ ठीक नहीं हैं।

वहां भी हर दिन लगभग 5000 से ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं, जो आने वाले दिनों में और बढ़ भी सकते हैं, क्योंकि दिवाली में ज़्यादातर लोग अपनों से मिलने गए, जिससे स्थिति और भी ज़्यादा गंभीर हो गई। इस वजह से आज भी हर दिन कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं और वायरस से बचाव के लिए बाज़ारों और सार्वजनिक स्थानों पर सतर्कता बढ़ाते हुए दिल्ली पुलिस ने शनिवार को मास्क नहीं पहनने पर 1306 लोगों पर जुर्माना लगाया ताकि लोग वापस समझ सकें कि हालात अभी भी ठीक नहीं है।

नवंबर माह में आए पहले मामले ने पूरे विश्व में दी तबाही की दस्तक

17 नवंबर 2019 यानि बीते साल इसी महीने में कोरोना वायरस का पहला मामला चीन के वुहान में आया था, जो आज विश्वभर के कोने-कोने में फैल चुका है। यह वायरस इतना ज़्यादा सक्षम है कि बड़ी आसानी से आपकी ज़रा सी लापरवाही से फैल सकता है।

इसका प्रसार ज़्यादा तेजी से इंसानों में पाया जा रहा है। यहां तक कि यह जानवरों तक भी पहुंचा है। कोरोना वायरस बिल्ली, चमगादढ़ को भी संक्रमित कर रहा है। अमेरिका में कुछ जानवरों में भी इसके लक्षण देखे गए हैं। यदि देखा जाए तो पूरा विश्व चीन से काफी ज़्यादा नाराज़  है, क्योंकि चीन ही वह देश है जिसने वायरस के संक्रमण के बारे में देश-दुनिया को बताने में देर कर दी।

वैक्सीन की उम्मीद और लॉकडाउन का डर भी

कोरोना संक्रमण जिस गति से फैल रहा है, इससे आने वाले दिनों में लॉकडाउन जैसी परिस्थितियां वापस निर्मित हो रही हैं। उदाहरण के तौर पर अहमदाबाद और तो और ईरान में भी दो हफ्तों का लॉकडाउन लगाया जा रहा है। स्थितियां नहीं सुधरी तो यही स्थिति सम्पूर्ण विश्व की हो जाएगी।

इन परिस्थितियों में हर इंसान सिर्फ एक ही चीज़ की तलाश रहा है और वो है कोरोना वैक्सीन लेकिन डब्ल्यूएचओ (WHO) चीफ का यह मानना है कि हम महामारी को वैक्सीन से नहीं हरा पाएंगे, जो एक  नकारात्मक सोच लग सकती है लेकिन हकीकत बयां करती है। आखिर में हम सबको उम्मीद करनी चाहिए कि जल्द-से-जल्द यह महामारी खत्म हो जाए और इसका इलाज संभव हो जाए ताकि फिर से मास्क के बिना ज़िंदगी जीना शुरू किया जा सके।

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