तो क्या हुआ गर तेरा शरीर बीमार है
तो क्या हुआ गर तू महामारी का शिकार है
तू थ्यावस रख, ऊपर वाले पर भरोसा रख
तू डर मत, डटकर उसका मुकाबला कर।
तू सब्र रख, अपनी इच्छा-शक्ति को मज़बूत कर
वो कमज़ोर पड़ जाए, अपने घुटने टेक दे
उसे रुला दे, उसे इतना ज़्यादा मजबूर कर।
तू देखना तेरी बीमारी तेरी महामारी मात खाएगी
तेरी दृढ़ता देख तुझसे कोसों दूर चली जाएगी
मुड़कर फिर कभी तेरे पास ना आएगी।
वो खुद इतना डर जाएगी, तेरे पास तो क्या
तेरे अपनों के पास जाने के ख्याल से भी सिहर जाएगी
तू हिम्मत नहीं हारेगा, यह प्रण कर।
तू औरों के लिए मिसाल बनेगा
उनमें जीने की नई उर्जा, नई उम्मीद भरेगा, यह निश्चय कर
तेरे हौसलों की बुलंदियां तुझे उस बीमारी की जकड़न से मुक्त करेगी।
तू फिर से खुली हवा में सांस ले पाएगा
तू फिर से अपनी उसी दुनिया में वापिस जाएगा
तू फिर से दुआओं की शक्ति को देख पाएगा
तू फिर से अपनों की बांहों की गर्मी महसूस कर पाएगा
तू फिर से आराम से, हसीं-खुशी जी जाएगा।