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रिप्रोडक्शन चैप्टर पढ़ाते वक्त मैडम ने कहा, “यह शादी के बाद होने वाली एक प्रक्रिया है”

हम अक्सर देखते हैं बचपन में जब हमको नई-नई किताबें मिलती हैं, तो हम एक ही दिन में उन किताबों को खंगाल लेते हैं। पढ़ते तो कुछ भी नहीं मगर चित्र देख-देखकर खुश हो जाते हैं। आकर्षित चित्रों से हम अंदाज़ा लगा लेते हैं कि कौन-सा चैप्टर अच्छा होगा।

किसी को फूल-पत्तियों वाला पाठ अपनी ओर आकर्षित करता है। आजकल तो बच्चे हिंदी और इंग्लिश की किताबों को छूते नहीं मगर सोशल साइंस और साइंस की किताबों में अनेक चित्र, मानचित्र, माइंड मैप मिल जाते हैं जिनसे वे वाकई में बहुत आकर्षक होते हैं।

साइंस के सब्जेक्ट में ही चैप्टर्स इग्नोर क्यों किए जाते हैं?

वहीं बात करें साइंस के चैप्टर्स की तो उनमें हमको पांचवी कक्षा में एक पाठ पढ़ाया जाता है ‘रिप्रोडक्शन इन प्लांट्स एंड एनिमल्स’ अर्थात पौधों और जानवरों में प्रजनन। कक्षा 7 तक हम इन्हीं विषयों के आसपास ज्ञान को बढ़ाते हैं। पाठों का अवलोकन करते हैं। फिर कक्षा 8 में थोड़े विस्तार से समझने के लिए मानव में प्रजनन समझाया जाता है।

कक्षा 9वीं में आते-आते इसमें सभी मूल बातें खोलकर समझाई जाती हैं। यहीं से अधिकतर अध्यापक इन पाठों को नज़रंदाज़ करते आए हैं। मैं एक अध्यापक हूं और आज भी उसी बात को देखता हूं कि ‘मानव प्रजनन’ रिप्रोडक्शन वाला चैप्टर्स हौवा क्यों बना हुआ है? या तो इस पाठ पर बच्चे हंसने लगते हैं या फिर टीचर ही यह चैप्टर स्किप कर देते हैं।

मेरी कहानी और रिप्रोडशन वाला चैप्टर

मेरी कहानी थोड़ी अलग थी। मैं और हसन शुरुआत से साइंस पढ़ने के सबसे बड़े आदि थे। कुछ भी समझ में नहीं आता था तो हम दोनों सीधा मैडम के पास स्टाफ रूम में चले जाते। उनसे इजाज़त लेकर हम उनसे सवाल पूछ सकते थे। मैं जब नौंवी कक्षा में आया तब सब कुछ सही चल रहा था। साइंस की पढ़ाई भी सही थी।

जब रिप्रोडक्शन वाला चैप्टर आया तो मैडम ने सभी बच्चों से कहा सब घर से पढ़कर आएंगे और जिन्हें प्रॉब्लम होगी वे कल मेरे से डिसकस कर सकते हैं। बस इन 5 मिनट में रिप्रोडक्शन चैप्टर की हत्या कर दी गई मगर हम दोनों कहां मानने वाले थे।

दूसरे दिन मैंने दोबारा मैडम से बोला, “मैम मुझे चैप्टर के कुछ पॉइंट्स हैं, जो समझ नहीं आए, आप समझा दीजिए।” इतने में मैम ने अच्छी-अच्छी सुना दी। बोलीं, “एक दिन में पूरा पाठ खत्म? ऐसा नहीं होता।” हमको फिर दूसरा दिन मिला।

तीसरे दिन मैडम ने अलग पाठ शुरू करवा दिया। मैं वैसे भी सवालों के जवाब के बिना कभी सन्तुष्ट नहीं होता। मैं हैंड रेज़ कर के बोला, “मैम मेरे डाउट्स क्लियर नहीं हुए”। मैम ने बोला क्लास के बाद समझना।”

दूसरे पीरियड्स में मैं स्टाफ रूम में गया और मैम से पूछा “क्या मैं आपसे सवाल कर सकता हूं?” मैम ने इजाज़त दे दी। मैंने वहां जाते ही उन मुद्दों को उठाया जो मुझे समझ नहीं आ रहे थे।

मैंने बायोलॉजी की बुक निकाली और बताया-

हमको सेक्स के बारे में सिर्फ इतना पता था कि लोग मज़े के लिए सेक्स करते हैं

हमको सेक्स के बारे में सिर्फ इतना पता था कि लोग मज़े के लिए सेक्स करते हैं मगर इतना नहीं पता था कि यह जो रिप्रोडक्शन का प्रॉसेस है, इसमें होता क्या है? बहरहाल, वहां पर बैठे सभी टीचर हंसने लगे।

मैं और हसन एक-दूसरे का चेहरा देखकर अचंभित थे। हम यही सोच रहे थे कि सब के सब ऐसे रिएक्ट क्यों कर रहे थे? फिर भी मेरी मैम ने शर्माते और झिझकते हुए बताया, “यह एक प्रक्रिया होती है, जो शादी के बाद होती है।”

फिर मेरे दिमाग में सवाल आया मैम किस प्रक्रिया की बात कर रहीं हैं। उस समय बहुत अजीब लगा जब हमने शिक्षक का ऐसा बर्ताव देखा। मुझे उस समय भी निराशा हाथ लगी, टीचर्स निरुत्तर थे और हम कंफ्यूज़्ड। सेक्स शब्द उनके मुंह से नहीं निकला।

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