Site icon Youth Ki Awaaz

क्या भारतीय मीडिया आपके मुद्दों पर बात करती है?

भारतीय मीडिया की भाषा उसकी जरूरतों के अनुशार बदलती रहती है पिछले एक दशक से जनताके सवालों से दूर दूर तक कोई सबंध नही वो सिर्फ और सिर्फ वर्तमान सरकार की गलत नीतियों के प्रचार एवम प्रसार में लगकर वर्तमान सरकार के प्रवक्ता का रोल बखूबी निभा रही है।

लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाली मुल्क की ज्यादातर मीडिया सिर्फ और सिर्फ सिक्को की खनक सुनकर मुजरा करने में व्यस्त है जनता के सवालों से दूर दूर तक इनका कोई वास्ता नहीं जब सवाल सिस्टम से करना होता है तब भी जानबूझकर वर्तमान सरकार की तरफदारी में मुल्क की मीडिया अपने अपने चैनलों पर जैसे मंडी बाजार की तरह मुखबिरी करते हुए नजर आ रही हो तब मुल्क के आम लोगों के सवालों के जवाब तो धरे ही धरे रह जाते है।

दिल्ही में पिछले कुछ दिनों से मुल्क के किसान आंदोलन कर रहे है पर मुल्क की मीडिया की नजर हैदराबाद में चल रही चुनावी रैलीयो एवम सभाओं के प्रचार प्रसार में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई देना यह साबित करता है की इनको जनता के मुद्दों से कोई मतलब नहीं है।

वर्तमान समय की सच्चाई यह भी है की मुल्क की मिडियाको किसान मजदूर बेरोजगार युवाओं के साथ गरीब एवम वंचितो की कभी चिंता रही ही नहीं मुल्क की मीडिया का मूल काम पूरा दिन खरीदे हुए ठेकेदारों को अपनी चैनल पर प्रॉपर प्लानिंग एवम वर्तमान सरकार की गाइड लाइन के अनुशार हिन्दू मुस्लिम मंदिर मस्जिद पर डिबेट कर मुल्क के युवाधन को गुमराह कर अपने दाताओ को तीस या चालीस प्रतिशत मतदाताओं की वोट बैंक सिक्योर कर देना है!

मुल्क किस दिशा में जा रहा है इनका कोई अंदाजा इन्हें नही है क्योंकि इनका मुल्क के हालातों से कोई लेना देना नही इन्हें मतलब है सिर्फ अपनी टी. आर .पी बढाते हुए जितनी ज्यादा हड्डियां बटौरी जाय यहीं मुल्क की मीडिया का मूल मंत्र है।

Exit mobile version