एक दिन लिखूंगा
आतिश पर लिखूंगा, अंबर पर लिखूंगा
मर्दों पर लिखूंगा, महिलाओं पर लिखूंगा
उस वीर की वीरांगना पर लिखूंगा, बिलखते बच्चों के आंसुओं पर लिखूंगा
कल्पना पर लिखूंगा, कलाम पर लिखूंगा
चांद पर लगे उस लहलहाते तिरंगे पर लिखूंगा
सचिन पर लिखूंगा, मिताली पर लिखूंगा
अटल पर लिखूंगा, शास्त्री पर लिखूंगा
भूखे किसानों पर लिखूंगा, उनके योगदानों पर लिखूंगा
मैं बम्बई में हुए धमाकों की चीखों पर लिखूंगा, मैं संसद की हिलती दीवारों पर लिखूंगा
मैं कारगिल की गाथा लिखूंगा, मैं पोखरण पर अभिमान लिखूंगा
मैं शून्य और दशमलव पर गौरव गाथा सौ हज़ार लिखूंगा
मैं कसाब का कहर लिखूंगा, मैं अभिनंदन का शौर्य लिखूंगा
मैं होली के रंग हज़ार लिखूंगा, मैं ईद का इफ्तार लिखूंगा
मैं गंगा का गान लिखूंगा, मैं मगरीब की अज़ान लिखूंगा
मैं ईश्वर अल्लाह एक लिखूंगा, मैं गंगा जमुनी तहज़ीब लिखूंगा
मैं राम का राज्य लिखूंगा, मैं सीता का त्याग लिखूंगा
मैं विश्व की पहली सभ्यता लिखूंगा, मैं अडिग अमर भारत की कला लिखूंगा
मैं नदियों की ममता पर लिखूंगा, मैं पत्थरों में आस्था पर लिखूंगा
मैं कश्मीर की वादियों पर लिखूंगा, मैं कच्छ के रण पर लिखूंगा
मैं अयोध्या में हुए नरसंहार पर लिखूंगा, मैं कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार पर लिखूंगा
मैं भारत के प्रीत पर लिखूंगा, मैं भारत के रीत पर लिखूंगा, मैं भारत के संगीत पर लिखूंगा
मैं हज़ारों सालों के अपने इतिहास पर लिखूंगा, मैं माँ भारती के हर वीर की सांस पर लिखूंगा
मैं जय जवान लिखूंगा, जय किसान लिखूंगा,
मैं जय अनुसंधान लिखूंगा, मैं जय विज्ञान लिखूंगा
मैं भारत गौरवशाली लिखूंगा, मैं भारत सर्वशक्तिमान लिखूंगा।